जानिए विटामिन क्या है उसके प्रकार, फायदे और भी बहुत कुछ

गाड़ी को चलाने के लिए ईंधन चाहिए। गाड़ी में ईंधन रहने से गाड़ी का इंजन, कार्बोरेटर, क्लच आदि अपना काम सही तरह से कर पाने में सक्षम होते हैं। ठीक उसी प्रकार मानव शरीर को चलायमान रखने के लिए एक विशेष प्रकार के ईंधन की आवश्यकता होती है जिसको विटामिन और मिनरल्स कहते हैं। इस लेख में हम विटामिन पर विस्तार से प्रकाश डालने वाले हैं। अगर आपसे प्रश्न पूछा जाए कि विटामिन क्या है तो आप क्या जवाब देंगे? दरअसल शरीर को सक्रिय रखने के लिए तथा अनेक प्रकार की शारीरिक और मानसिक गतिविधियों को क्रियान्वित करने के लिए विटामिन चाहिए होता है।

विटामिन हमारे शरीर के हरेक अंग को चलाने में सहायक होता है। विटामिन नहीं तो कुछ नहीं। अर्थात विटामिन की कमी से शरीर ठीक प्रकार से क्रियान्वित नहीं होता। इसके अतिरिक्त विटामिन की कमी से शरीर में अनेक प्रकार के रोग भी हो जाते हैं। इसलिए विटामिन के प्रति जागरूकता कर सम्पूर्ण जानकारी होना आ पकी दैनिक गतिविधियों के क्रियान्वयन और स्वास्थ्य के लिए अति आवश्यक होता है।

दुर्भाग्य से लोगों को यह नहीं पता कि विटामिन क्या है। साथ ही लोगों को विटामिन कितने प्रकार के होते हैं इस बारे में या तो अधूरी या फिर बिल्कुल भी जानकारी नहीं है। अगर लोगों को विटामिन क्या है तथा विटामिन कितने प्रकार के होते हैं इसकी जानकारी नहीं है तो स्वाभाविक बात है कि उन्हें विटामिन की कमी के लक्षण की भी जानकारी नहीं होगी। अगर लोगों को विटामिन के फायदे की सही और सम्पूर्ण जानकारी हो तो विटामिन की कमी के लक्षण को वे आसानी से पहचान सकते हैं। विटामिन की कमी के लक्षण को आसानी से पहचान कर विटामिन की कमी से रोग का उचित समय पर सही उपचार किया जा सकता है।

इस लेख में हम विटामिन क्या है, विटामिन कितने प्रकार के होते हैं, विटामिन के फायदे, विटामिन की कमी के लक्षण, विटामिन की कमी से रोग और निष्कर्ष पर विस्तार से चर्चा करने वाले हैं।

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विटामिन क्या है? (Vitamins In Hindi)

vitamin kya hai

विटामिन दैनिक गतिविधियों को मूर्त रूप देने में अहम भूमिका निभाते हैं तथा अनेक प्रकार की बीमारियों से शरीर की रक्षा भी करते हैं। शरीर और उसके के हरेक अंग की भूमिका विटामिन से तय होती है। विभिन्न प्रकार के विटामिन शरीर में अंग विशेष हेतु अलग-अलग भूमिका निभाते हैं।अगर ये सवाल पूछा जाए कि विटामिन क्या है तो उसका जवाब यह होगा कि एक ऐसा पोषक तत्व जो हमारे शरीर के समुचित और समग्र विकास के लिए आवश्यक होता है। विटामिन की सहायता से शरीर के समुचित कार्य को सही तरीके से क्रियान्वित किया जा सकता है। अर्थात शरीर के विकास तथा इसकी वृद्धि के लिए विटामिन बहुत आवश्यक होता है। विटामिन की सही और सम्पूर्ण जानकारी होना बहुत आवश्यक है क्योंकि मात्र इस एक प्रश्न विटामिन क्या है में सभी समस्याओं के समाधान छिपे हुए हैं। शरीर से जुडी सभी परेशानियों या बीमारियों का इलाज तथा स्वस्थ शरीर का मूल मंत्र तभी प्राप्त हो सकता है जब लोगों को केवल विटामिन क्या है कि जानकारी हो। शायद इसलिए कहते हैं कि विटामिन नहीं  तो कुछ नहीं। ऐसे अनेक रोग है जो विटामिन की कमी के कारण होते हैं इसलिए शरीर को अमुख विटामिन की पूर्ति उपयुक्त स्रोत से समय-समय पर मिलती रहनी चाहिए अन्यथा शरीर न तो सही से कार्य करता है और वह अनेक बीमारियों का घर भी बन जाता है।

विटामिन कितने प्रकार के होते हैं?

विटामिन एक आवश्यक पोषक तत्व है जो शरीर के विकास और वृद्धि के लिए आवश्यक होता है। इस बात को विटामिन क्या है के अंतर्गत हम भलि-भाँति समझ चुके हैं लेकिन विटामिन कितने प्रकार के होते हैं ये भी जानना आवश्यक है। आखिर विटामिन क्या है को जान लेने के पश्चात विटामिन कितने प्रकार के होते हैं इसकी जानकारी क्यों होनी चाहिए? चूंकि शरीर के हरेक अंग की भूमिका विटामिन तय करता है इसलिए अंग विशेष के लिए विटामिन भी अलग-अलग होते हैं। अर्थात विभिन्न प्रकार के अंगों की भूमिका को तय करने के लिए अनेक प्रकार के विटामिन की आवश्यकता होती है।

मूल रूप से विटामिन के दो प्रकार होते हैं :

  • पानी में घुलनशील विटामिन : विटामिन का एक ऐसा समूह जो पानी में घुलनशील होते हैं ताकि शरीर को इसकी आपूर्ति रक्त प्रवाह के माध्यम से हो। विटामिन सी और विटामिन बी कॉम्प्लेक्स को पानी में घुलनशील विटामिन कहते हैं। यह शरीर में या स्पष्ट रूप से कहें तो शरीर के ऊतकों(टिश्यू) में संग्रहित नहीं होते अपितु रक्त प्रवाह माध्यम से शरीर को विटामिन की आपूर्ति कराते हैं।
  • वसा में घुलनशील विटामिन : इसे अंग्रेजी में फैट सॉल्युबल विटामिन कहते हैं। विटामिन ए, डी, ई और के इसी श्रेणी में रखे जाते हैं। वसा में घुलनशील विटामिन दुग्ध उत्पादों में पाए जाते हैं लेकिन इसके अतिरिक्त हरी और पत्तेदार सब्जियों में भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।

लेकिन विटामिन की इन दो श्रेणियों में कुल 13 प्रकार के विटामिन को सम्मिलित किया गया है जिनका विस्तार पूर्वक अध्ययन अति आवश्यक है। क्योंकि इन सभी प्रकार के विटामिन की विशेषताएं भी अलग-अलग हैं।

आइए जानें कि विटामिन कितने प्रकार के होते हैं :

  • विटामिन ए : विटामिन के प्रकार की सूची में सबसे पहले स्थान पर स्थापित वह विटामिन जिसे रेटिनॉल भी कहते हैं। विटामिन ए वसा में घुलने वाले विटामिन है।
  • विटामिन बी1 : विटामिन बी1 को थायमिन के नाम से भी जाना जाता है। विटामिन बी कॉम्प्लेक्स के अनेक प्रकारों में से एक विटामिन बी1 है। यह पानी में घुलनशील विटामिन है।
  • विटामिन बी2 : विटामिन बी कॉम्प्लेक्स की सूची में इसकी खोज बी1 के बाद हुई इसलिए इसका नाम विटामिन बी2 रखा गया। ये भी पानी में घुलनशील विटामिन है।
  • विटामिन बी 3 : पानी में घुलनशील विटामिन बी कॉम्प्लेक्स का एक प्रकार जिसे नियासिन के नाम से जाना जाता है।
  • विटामिन बी 4 : इसे एडेनिन के नाम से भी जाना जाता है। यह विटामिन बी कॉम्प्लेक्स का एक प्रकार है तथा पानी में घुलने वाला विटामिन है।
  • विटामिन बी 5 : इसे पेंटोथेनिक एसिड भी कहते हैं। कुल आठ बी कॉम्प्लेक्स विटामिन में से एक है तथा जल में घुलनशील विटामिन भी है।
  • विटामिन बी 6 : विटामिन बी6 को पाइरिडोक्सिन के नाम से भी जाना जाता है। कॉम्प्लेक्स का एक प्रकार है जो पानी में घुलने वाला विटामिन है।
  • विटामिन बी 7 : विटामिन बी कॉम्प्लेक्स का वह प्रकार जिस बायोटिन के नाम से जाना जाता है। यह भी पानी में घुलने वाला विटामिन है।
  • विटामिन बी 9 : विटामिन बी कॉम्प्लेक्स के अगले सदस्य विटामिन बी 9 को फोलेट के नाम से जाना जाता है। पानी में घुलनशील विटामिन, अत्यंत महत्वपूर्ण और गुणकारी विटामिन।
  • विटामिन बी 12 : विटामिन बी कॉम्प्लेक्स का अंतिम किन्तु महत्वपूर्ण सदस्य जो स्वस्थ लाल कोशिकाओं के निर्माण में सहायक होता है।
  • विटामिन सी : पानी में घुलनशील विटामिन की श्रेणी में आने वाले विटामिन सी को एल-एस्कॉर्बिक एसिड या एस्कोर्बेट के नाम से भी जाना जाता है।
  • विटामिन डी : वसा में घुलने वाला विटामिन जो हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। विटामिन डी 2 और विटामिन डी 3 को संयुक्त रूप से विटामिन डी के नाम से जाना जाता है। सामान्यतः लोगों में विटामिन डी 3 की ही कमी होती है।
  • विटामिन ई : वसा में घुलनशील विटामिन ई को टोकोफेरोल या टोकोफेरोल विटामिन के नाम से भी जाना जाता है। अपने गुणों के कारण यह एंटीऑक्सीडेंट के नाम इ भी जाना जाता है।
  • विटामिन के : विटामिन परिवार का अंतिम किन्तु महत्वपूर्ण सदस्य विटामिन के जो कि एक प्लांट बेस्ड विटामिन अर्थात पेड़ से प्राप्त किया जाने वाला वसा में घुलनशील विटामिन है। विटामिन के 1 और विटामिन के 2 इसके दो प्रकार हैं जिसमें विटामिन के 1 को फाइलोक्किनोन और विटामिन के 2 को मोनोक्किनोन के नाम से जाना जाता है।

विटामिन के फायदे

कुल 13 विटामिन के प्रकार जान लेने के पश्चात उसके लाभ की जानकारी को लेख के इस भाग में टंकित किया गया है अर्थात विटामिन के फायदे की सरल-सहज भाषा में जानकारी पाठकों के लिए अब प्रस्तुत है।

सभी विटामिन के फायदे विस्तार से इस प्रकार है :

  • विटामिन ए के फायदे : नेत्रों के देखने की शक्ति विटामिन ए के कारण सम्भव हो पाती है। यह आँखों की दृष्टि की भूमिका को तय करता है। इसके अतिरिक्त यह त्वचा की वृद्धि और विकास के लिए भी बहुत उपयोगी होता है। विटामिन ए की पर्याप्त मात्रा शरीर के बालों का विकास भी सही तरीके से करती है। इसके अतिरक्त यह कैल्शियम के लेवल को ही नियंत्रित करता है इसलिए दांत, मसूड़े और शरीर की हड्डियों के लिए विटामिन ए बहुत फायदेमंद होता है।
  • विटामिन बी  1 के फायदे : विटामिन बी1 मेटाबोलिज्म के लिए फ़ायदेमंद होता है। ये हृदय की गति को नियंत्रित करने के लिए  भी असरकारक होता है। इसके साथ आपकी याददाश्त अर्थात स्मृति में भी सुधार लाने का काम करता है। यह शरीर में उपस्थित कार्ब्स को ऊर्जा में परिवर्तित करने के लिए अति उपयोगी होता है। त्वचा की झुर्रियों को भी नियंत्रित करता है।
  • विटामिन बी 2 के फायदे : विटामिन बी 2 को राइबोफ्लेविन के नाम से जाना जाता है। यह एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है इसलिए मस्तिष्क को एंटीऑक्सीडेंट की पूर्ति विटामिन बी2 से होती है। यह पाचन तंत्र को क्रियान्वित करता है जिस कारण शरीर में अपच की समस्या नहीं रहती। इसके अतिरिक्त यह ऊर्जा भी प्रदान करता है।
  • विटामिन बी 3 के फायदे : ये खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने तथा अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अर्थात यह कोलेस्ट्रॉल के लेवल में सुधार करता है। इसके अतिरिक्त यह रक्त कोशिकाओं के लिए बहुत अच्छा होता है। साथ ही यह जोड़ों से संबंधित दर्द का नाश करता है। यह त्वचा के लिए भी एक बहुउपयोगी विटामिन है।
  • विटामिन बी 4 के फायदे : विटामिन बी कॉम्प्लेक्स शरीर में ऊर्जा निर्माण करने के लिए कार्य करता है। विटामिन बी 4 इस प्रक्रिया के दौरान अन्य विटामिन के साथ मिल कर काम करता है। इसके अतिरिक्त यह मस्तिष्क के क्रियान्वयन के लिए अति आवश्यक होता है। दिमाग में स्पष्टता, मनोदशा, एकाग्रता आदि कार्यों के लिए विटामिन बी 4 चाहिए होता है।
  • विटामिन बी 5 के फायदे के फायदे : शरीर में फैटी ऐसिड बनाने और उसे तोड़ने में विटामिन बी5 अहम भूमिका निभाता है। फैटी ऐसिड को बनाने और तोड़ने के कारण यह शरीर में खाद्य पदार्थों को ऊर्जा में परिवर्तित करनेहेतु कार्य करता है। शरीर में ऊर्जा रहने के कारण थकान और कमजोरी नहीं होती। यह त्वचा और बालों के लिए उपयोगी होता है।
  • विटामिन बी 6 के फायदे : विटामिन बी 6 मस्तिष्क में सेरोटोनिन के लेवल को नियंत्रित करता है जिस कारण अवसाद तथा अन्य मानसिक बीमारियां हमारे मन में स्थान ग्रहण नहीं कर पाती। मानसिक स्वास्थ्य को ठीक रखने के अतिरिक्त यह एनीमिया और रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखता है। साथ ही विटामिन बी 6  हृदय संबंधी रोगों को समाप्त करने में बहुत फायदेमंद होता है।
  • विटामिन बी 7 के फायदे : बायोटिन के नाम से जाना जाने वाला विटामिन बी 7 शरीर में ग्लूकोज के लेवल को नियंत्रित करता है जिस कारण मधुमेह अर्थात शुगर भी स्वतः नियंत्रित हो जाता है। यह रक्त कोशिकाओं के लिए भी बहुत अच्छा होता है। इसके अतिरिक्त बालों को घने और सुंदर बनाने के लिए विटामिन बी 7 ही उपयोगी होता है। यह त्वचा और बालों के लिए भी बहुत उपयोगी होता है।
  • विटामिन बी 9 के फायदे : फोलेट या विटामिन बी 9 लाल और सफेद दोनों प्रकार की नवीन कोशिकाओं का निर्माण करने में मददगार होता है। विटामिन बी 9 की मात्रा शरीर में अगर पर्याप्त मात्रा में हो तो रक्त संबंधी विकार या रोग पंप नहीं पाते। इसलिए रक्त संबंधी बीमारियों में फोलेट को आहार में सम्मिलित करने का आग्रह रहता है। ये शरीर की अति सूक्ष्म किन्तु महत्वपूर्ण संरचना डीएनए और आरएनए दोनों को क्रियान्वित करता है। रक्त कोशिकाओं के अतिरिक्त यह लीवर को सुचारू रूप से सक्रिय रखने के लिए अनिवार्य होता है। त्वचा, बालों और आँखों के लिए भी विटामिन बी 9 अत्यंत लाभकारी होता है।
  • विटामिन बी 12 के फायदे : स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है जिस कारण शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई अच्छे से हो पाती है। ऊतकों में ऑक्सीजन की सप्लाई ठीक से होने के कारण शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऊर्जा मिलती रहती है। अर्थात यह थकान और कमजोरी को दूर करता है।
  • विटामिन सी के फायदे : एस्कोर्बेट नाम के कारण विटामिन सी में एंटीऑक्सीडेंट गुण बहुत अधिक है। एंटीऑक्सीडेंट होने के कारण विटामिन सी शरीर के कोशिकाओं को सुरक्षा प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है अर्थात बीमारी से लड़ने की क्षमता का विकास करता है। मसूड़ों को भी सेहतमंद बनाने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।
  • विटामिन डी के फायदे : वसा में घुलनशील विटामिन जो हड्डियों के पोषक तत्व के रूप में जाना जाता है। विटामिन डी का एकमेव लक्ष्य हड्डियों को चट्टान की तरह मजबूत बनाना होता है। हड्डियों को मजबूत रखने, उनकी संरचना को सटीक और सीधा रखने तथा हड्डियों के विकास के लिए विटामिन डी बहुत आवश्यक होता है। इसके अतिरिक्त यह मांसपेशियों की मजबूती और विकास के लिए कार्यरत रहता है। विटामिन डी आपके शरीर में मोटापे को भी कंट्रोल करता है।
  • विटामिन ई के फायदे  : एंटीऑक्सीडेंट के गुणों से भरपूर विटामिन ई कोशिकाओं के फ्री रेडिकल से लड़ने में सक्षम होता है तथा क्षतिपूर्ण होने से कोशिकाओं की रक्षा करता है। चूंकि विटामिन ई में एंटीऑक्सीडेंट होता है इसलिए यह त्वचा और नाखूनों के लिए वरदान होता है। ये  बालों को काला, घना और सुंदर बनाता है। इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के पश्चात यह एलर्जी से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त ये शरीर में कोलेस्ट्रॉल के लेवल को भी नियंत्रित करता है।

विटामिन-के के फायदे : शरीर में रक्त का थक्का या खून के थक्के के निर्माण को रोकने या बाधित करने का कार्य विटामिन-के का होता है। परिणामस्वरूप विटामिन-के घाव को आसानी से भर देने की शक्ति हमारे शरीर को प्रदत्त करता है। मनुष्य के चोटिल होने या चोट लगने पर अथवा घायल होने पर विटामिन-के शरीर से रक्त के रिसाव को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके अतिरिक्त महिलाओं के मासिक धर्म में रक्त के अत्यधिक रिसाव को रोकने का कार्य भी विटामिन-के ही करता है।

विटामिन की कमी से रोग (Vitamin Deficiency Disease In Hindi)

विटामिन की कमी के कारण शरीर बीमारियों का घर बन जाता है। इसका मुख्य कारण खानपान में या आहार में अमुख विटामिन की कमी को बताया गया है। यानी आहार या भोजन में भरपूर मात्रा में विटामिन के स्रोत हो तो शरीर में इस विटामिन की कमी से होने वाले रोग को दूर किया जा सकता है।

निम्न बिंदुओं के माध्यम से विटामिन की कमी से रोग को विस्तार पूर्वक बताया गया है :

  • विटामिन ए की कमी से होने वाला रोग : अगर विटामिन ए की कमी है तो रतौंधी की बीमारी हो जाती है। इस बीमारी में मरीज को रात में दिखाई नहीं देता। रतौंधी को अंग्रेजी में नाइट ब्लाइंडनेस भी कहते हैं। इसके अतिरिक्त त्वचा संबंधी रोग और दांतों में समस्या भी देखने को मिलती है।
  • विटामिन  बी कॉम्प्लेक्स की कमी से होने वाला रोग : अगर शरीर में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स की कमी है तो त्वचा संबंधी रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अतिरिक्त मनुष्य को धुंधली दृष्टि, अपच की समस्या और लकवा की परेशानी भी हो जाती है। साथ ही विटामिन बी कॉम्प्लेक्स की कमी से एनीमिया और मानसिक रोग होने के आसार भी रहते हैं।
  • विटामिन सी की कमी से होने वाला रोग : अगर शरीर में विटामिन सी की कमी है तो स्कर्वी अर्थात शरीर में चकत्ते की समस्या देखने को मिलती है। इसके अतिरक्त अस्थियों का कमजोर होना और मसूड़ों का फूलना भी शामिल है।
  • विटामिन डी की कमी से होने वाला रोग : हड्डियों से जुड़ी समस्या जैसे रिकेट्स विटामिन डी की कमी से हो जाती है। दांत का कमजोर होना या दांत का सड़ना भी विटामिन डी की कमी से होता है।
  • विटामिन ई की कमी से होने वाला रोग : विटामिन ई की कमी से प्रजनन संबंधी समस्या होती है जैसे प्रजनन शक्ति कम हो जाना। इसके अतिरिक्त त्वचा, बाल और नाखून संबंधी रोग भी विटामिन ई की कमी से हो जाते हैं।
  • विटामिन-के की कमी से होने वाला रोग : जिन लोगों में विटामिन-के की कमी होती है उनमें रक्त संबंधी रोग जैसे रक्त का रिसाव, हेमरेज, खून के थक्के आदि की समस्या देखने को मिलती है। इस कारण मरीज का घाव आसानी से भर नहीं पाता। इसके अतिरिक्त महिलाओं को मासिक धर्म में रक्त के अत्यधिक रिसाव की समस्या भी देखने को मिलती है।

विटामिन की कमी के लक्षण (Deficiency In Hindi)

अगर शरीर में विटामिन की कमी है तो ये लक्षण देखने को मिलते हैं : 

  • भंगुर बाल : सूखे, कमजोर, बेजान और दोमुंहे बाल जो आसानी से टूटने लगते हैं।
  • भंगुर नाखून : नाखून इतने नम और कमजोर हो जाते हैं कि वे आसानी से टूट जाते हैं।
  • मुंह में छाले : विटामिन की कमी से मुंह में किसी एक कोने पर या ओष्ठ पर छाले होना इसका संकेत है।
  • मसूड़े से खून : विटामिन की कमी के कारण मसूड़े से खून का रिसाव होने लगता है। हालांकि सही तरीके से ब्रश न करने के चलते भी मसूड़े से खून आ सकता है।
  • धुंधली दृष्टि : धुंधला दिखना, रात में नहीं दिखना और झुर्रियां ये सभी विटामिन की कमी के संकेत हैं।
  • बाल झड़ना : बालों का झड़ना, एक सिरे से बालों का गुच्छा निकलना और बालों में रूसी होना ये भी विटामिन की कमी के कारण होता है।

निष्कर्ष

स्वस्थ शरीर और सुंदर जीवन निर्वाह के लिए शरीर को एक अच्छी और पौष्टिक आहार की आवश्यकता होती है। इस आहार की सहायता से शरीर को अंगों के क्रियान्वन, रोगों से लड़ने की शक्ति और शरीर के विकास हेतु जरूरी विटामिन मिलते हैं। विटामिन सामान्य रूप से दो प्रकार के होते हैं – एक पानी में घुलने वाले और दूसरे वसा में घुलने वाले। विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और सी पानी में घुलने वाले विटामिन होते हैं। अन्य सभी वसा में घुलने वाले विटामिन होते हैं। इन दोनों श्रेणियों में कुल 13 विटामिन होते हैं। अकेले विटामिन बी कॉम्प्लेक्स में आठ विटामिन होते हैं। इन विटामिन के अनेक फायदे हैं जिसकी वृहत्तर चर्चा उपरोक्त की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त विटामिन की कमी के कारण होने वाले रोग अथवा बीमारियों की भी चर्चा पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है। लेकिन विटामिन की सही जानकारी, इसके स्रोतों और आहार में विटामिन के सही संतुलन की सटीक जानकारी केवल डॉक्टर से ही मिल सकती है। इस हेतु डॉक्टर से सलाह या परामर्श अवश्य लें।

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