विश्व में जितने खाने योग्य पदार्थ हैं उसमें टमाटर सबसे मजेदार पदार्थ है। टमाटर की बात ही अलग है। टमाटर के एक नहीं अनेक गुण हैं। देखने और खाने में सब्जी जैसे गुण विशेष रखने वाला टमाटर सब्जी नहीं अपितु फल की श्रेणी में आता है। लेकिन इस ब्लॉग का शीर्षक पढ़ने के पश्चात आप सोच रहे होंगे कि टमाटर से फ्लू हो सकता है क्या? टमाटर से फ्लू कैसे हो सकता है? आपका अंदाज़ा बिलकुल गलत है। इस संक्रमण(फ्लू) का नाम भले ही टोमाटो फ्लू हो लेकिन यह टमाटर खाने से नहीं होता। दरअसल इस फ्लू में होने वाले छाले टमाटर जैसे गोल-गोल होते हैं इसलिए इसका नाम टोमाटो फ्लू रखा गया है। इस फ्लू की पर्याप्त जानकारी आमजन में नहीं है क्योंकि यह संसार के सबसे नए संक्रमण में से एक है। इसलिए टोमाटो फ्लू के प्रति जागरूकता और सतर्कता अति आवश्यक है।
आज के इस लेख में टोमाटो फ्लू क्या होता है, टोमाटो फ्लू कैसे होता है, टोमाटो फ्लू कैसे फैलता है, टोमाटो फ्लू किसे होता है, टोमाटो फ्लू क्यों होता है, टमाटर बुखार कैसे होता है, टमाटर बुखार कितने दिन तक रहता है, क्या टोमाटो फ्लू जानलेवा है, टोमाटो फ्लू और मंकीपॉक्स में अंतर, डेंगू, चिकनगुनिया और टोमाटो फ्लू, टोमाटो फ्लू के लक्षण, टोमाटो फ्लू के कारण, क्या टोमाटो फ्लू का इलाज है, टोमाटो फ्लू का घरेलू इलाज, टमाटर बुखार से बचाव और निष्कर्ष पर विस्तार से प्रकाश डालने वाले हैं।
Table of Contents
- टोमाटो फ्लू क्या होता है?
- टोमाटो फ्लू कैसे होता है?
- टोमाटो फ्लू कैसे फैलता है?
- टोमाटो फ्लू किसे होता है?
- टमाटर बुखार कैसे होता है?
- टमाटर बुखार कितने दिन तक रहता है?
- क्या टोमाटो फ्लू जानलेवा है?
- टोमाटो फ्लू और मंकीपॉक्स में अंतर
- डेंगू, चिकनगुनिया और टोमाटो फ्लू
- टोमाटो फ्लू के लक्षण
- टोमाटो फ्लू के कारण
- क्या टोमाटो फ्लू का इलाज है?
- टोमाटो फ्लू का घरेलू इलाज
- टमाटर बुखार से बचाव
- निष्कर्ष
टोमाटो फ्लू क्या होता है?

टोमाटो फ्लू एक ऐसा संक्रमण है जिसमें तेज बुखार और शरीर के अंगों में गहरे लाल रंग के छाले हो जाते हैं। इसे टोमाटो फ्लू इसलिए कहते हैं क्योंकि इस संक्रमण के चलते हाथ, पैर और मुंह में गहरे लाल रंग के टमाटर जैसे दिखने वाले गोलाकार छाले हो जाते हैं। इन छालों की बाहरी संरचना मुलायम होती है। इसके भीतर तरल पदार्थ भरा होता है। ये छाले हाथ, पैर और मुंह में होते है इसलिए इसका एक अन्य नाम हैंड फुट माउथ डिजीज भी है। भारत देश में हाल ही में टोमाटो फ्लू के बहुत से मामले देखने को मिले हैं।
टोमाटो फ्लू कैसे होता है?
मच्छर के द्वारा फैलने के कारण यह संक्रमण चिकनगुनिया का रिश्तेदार बताया जाता है। लेकिन टोमाटो फ्लू के अधिकतर संकेत मंकीपॉक्स के समान है। हालांकि इस संक्रमण के होने के कारण अभी भी अज्ञात है।
टोमाटो फ्लू कैसे फैलता है?
टोमाटो फ्लू कॉक्ससैकिवायरस से फैलता है। कॉक्ससैकिवायरस के ए-6 और ए-16 वेरिएंट के कारण होता है। ये वायरस इंटेरोवायरस परिवार का सदस्य है। हालांकि इस वायरस का इन्फ़्लुएन्ज़ा और पेड़-पौधों से होने वाले संक्रामक रोग से कोई संबंध नहीं है।
टोमाटो फ्लू किसे होता है?
इस प्रकार के संक्रमण से कोई अछूता नहीं है। बच्चे और वयस्क दोनों को यह संक्रमण अपनी चपेट में ले सकता है। हालांकि वयस्क की तुलना में बच्चों और नवजात शिशुओं को टोमाटो फ्लू होने की संभावना अधिक रहती है। कमजोर इम्यून सिस्टम वाले वयस्कों को टोमाटो फ्लू होने का खतरा अधिक रहता है।
टमाटर बुखार कैसे होता है?
इंटेरोवायरस 71 के कारण टमाटर बुखार होता है। हालांकि मेडिकल साइंस के शोधकर्ताओं ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
टमाटर बुखार कितने दिन तक रहता है?
अब तक इस संक्रमण के जितने मामले सामने आए हैं उन सभी में ये पाया गया कि टोमाटो फ्लू कम से कम पाँच दिन और अधिकतम एक सप्ताह तक संक्रमित व्यक्ति में टिकता है। यानी इसे ठीक होने में 5 से 7 दिन लग सकते हैं।
क्या टोमाटो फ्लू जानलेवा है?
यह संक्रमण प्रवृत्ति में वायरल अवश्य है किन्तु घातक या जानलेवा तो कदापि नहीं है। डॉक्टर द्वारा उचित परामर्श, घरेलू उपचार और भरपूर आराम से इस फ़्लू को ठीक किया जा सकता है। इसलिए इसे जानलेवा और घातक बीमारी के रूप में नहीं जाना जाता।
टोमाटो फ्लू और मंकीपॉक्स में अंतर
टोमाटो फ्लू या टोमाटो फीवर में तेज बुखार और टमाटर जैसे छाले हाथ, पैर और मुंह में हो जाते हैं। इसलिए इसका एक अन्य नाम हैंड, माउथ और फुट डिजीज भी है। हालांकि इस संक्रामक रोग का टमाटर से कोई संबंध नहीं है। लेकिन मंकीपॉक्स एक ऐसा संक्रमण है जो मंकी अर्थात बंदरों से मानव में आया है। अर्थात मंकीपॉक्स का संक्रामक एजेंट बंदर है। इसलिए इस संक्रामक रोग का नाम बंदरों पर रखा गया है। टोमाटो फ्लू 5 से 7 दिन तक ही रहता है। वहीं मंकीपॉक्स के संकेत दिखने में तीन सप्ताह का समय लग जाता है और यह 2-3 सप्ताह तक रहता है।
डेंगू, चिकनगुनिया और टोमाटो फ्लू
टोमाटो फ्लू में टमाटर जैसे गोलाकार लाल रंग के चकत्ते(जिसके भीतर तरल पदार्थ भरा हुआ है) हो जाते हैं लेकिन डेंगू और चिकनगुनिया से इसका कोई संबंध नहीं है। दरअसल टोमाटो फ्लू में बनने वाले चकत्ते आकार में गोल और बहुत बड़े तथा तरल पदार्थ से भरे होते हैं। डेंगू और चिकनगुनिया के चकत्ते ऐसे नहीं होते।
टोमाटो फ्लू के लक्षण
टमाटर जैसे लाल रंग के गोलाकार छाले, अचानक से तेज बुखार तथा जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द टोमाटो फ्लू के लक्षण हैं। सिरदर्द, चक्कर आना, अनावश्यक थकान और कमजोरी भी टोमाटो फ्लू के संकेत हो सकते हैं। साथ ही उल्टी और जी मचलने की भी शिकायत मरीज को हो सकती है। पेट संबंधी समस्या जैसे दस्त से भी जूझना पड़ सकता है।
आइए जानें टोमाटो फ्लू के लक्षण जो कि निम्नलिखित हैं :
- टमाटर जैसे गोलाकार छाले : इन छालों की संरचना टमाटर जैसी होने के कारण इस संक्रामक रोग को टमाटर बुखार भी कहते हैं। टमाटर बुखार नामक संक्रामक रोग से संक्रमित मरीज को हाथ, पैर और मुंह में टमाटर जैसे लाल रंग के गोलाकार छाले हो जाते हैं। बाहर से ये छाले बेहद मुलायम होते हैं और इनके भीतर तरल पदार्थ होता है। आकर में बड़े, मुलायम और लाल रंग के इन छालों को फफोले भी कहते हैं।
- अचानक से तेज बुखार : टोमाटो फ्लू या टोमाटो फीवर का संक्रमण शरीर में फैल कर अपना व्यापक विस्तार कर लेता है तो शरीर का तापमान अनियंत्रित हो जाता है। परिणामस्वरूप अचानक से तेज बुखार आने लगता है।
- देह में असहनीय पीड़ा : ये छाले आकार में जितने बड़े होते हैं इनका प्रभाव भी उतना ही विशालकाय होता है। छालों के चलते शरीर या देह में एक असहनीय पीड़ा होने लगती है। यह पीड़ा हड्डी का दर्द नहीं है अपितु छाले के कारण कोशिकाओं में होने वाली पीड़ा है। दर्द और जलन की अनुभूति होती है।
- अनावश्यक थकान और कमजोरी : संक्रामक रोग से लड़ने के लिए शरीर अपनी साड़ी ऊर्जा लगा देता है। फलस्वरूप शरीर की ऊर्जा की खपत आवश्यकता से अधिक होने लगती है और आदमी बिना कोई मेहनत किए ही थका हुआ महसूस करने लगता है। इसलिए थकान और कमजोरी की अनुभूति होती है।
- उल्टी और जी मिचलाना : कमजोरी और थकान के चलते टमाटर बुखार के मरीज को बार-बार उल्टी आने लगती है। मतली की भी शिकायत फ्लू से संक्रमित रोगी को हो सकती है। किसी भी प्रकार के संक्रामक रोग में उल्टी होना सबसे आम, प्रचलित और प्रमुख लक्षण है।
- दस्त लगना : किसी भी संक्रामक रोग की भांति टमाटर बुखार से संक्रमित व्यक्ति को अपच की समस्या अर्थात दस्त की शिकायत होने लगती है। अगर छाले और तेज बुखार के साथ दस्त की शिकायत हो रही है तो यह निश्चित ही टमाटर बुखार का संकेत है।
- निर्जलीकरण : संक्रमित व्यक्ति को अचानक तेज बुखार होने के कारण शरीर में पानी की कमी होने लगती है जिसे निर्जलीकरण या डिहाइड्रेशन कहते हैं। पानी और अन्य पोषक तत्वों की कमी के चलते पसीना भी नहीं आता।
- जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द : टमाटर बुखार में अन्य आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हो सकती है जिसके चलते हड्डियों और मांसपेशियों में एक असहनीय पीड़ा होने लगती है। यह दर्द टमाटर बुखार के ठीक होने के बाद भी बना रह सकता है।
- नाक बहना : हालांकि श्वसन संबंधी संक्रामक रोग में नाक बहना एक आम और प्रमुख लक्षण है लेकिन टमाटर बुखार में भी नाक बहने की शिकायत होती है। दरअसल टमाटर बुखार में इम्यून सिस्टम या प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के कारण नाक बहना, नाक बंद होना, छींक आने या सर्दी जुकाम के लक्षण भी देखने को मिलते हैं।
- सिरदर्द : थकान, कमजोरी और ऊर्जा खपत होने के चलते टमाटर बुखार नामक संक्रामक रोग से संक्रमित व्यक्ति को सिरदर्द की समस्या से भी जूझना पड़ सकता है। संक्रामक रोग के चलते अनेक प्रकार की पीड़ा, अन्य लक्षण तथा दिनचर्या में परिवर्तन के चलते तनाव भी हो सकता है इसलिए सिरदर्द हो सकता है। ऐसा भी हो सकता है कि व्यक्ति को श्वसन संबंधी रोग की भांति सिरदर्द की शिकायत होने लगे।
- आवश्यकता से कम खाना : टमाटर बुखार से संक्रमित व्यक्ति को कमजोरी, थकान, सिरदर्द, उल्टी, जी मिचलाने और प्रमुख रूप से दस्त लगने के चलते भूख ही नहीं लगती। फलस्वरूप वह अपनी खुराक से कम भोजन ग्रहण करने लगता है। सौ बात की एक बात भूख कम लगने के कारण मरीज अल्पहारी हो जाता है।
टोमाटो फ्लू के कारण
अब तक तो आपके मन में यह प्रश्न अवश्य पनपा होगा कि टोमाटो फ्लू क्यों होता है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि टोमाटो फ्लू क्यों होता है इसके कारण अभी तक स्पष्ट नहीं है। मेडिकल साइंस के अनेकों शोधकर्ताओं का रिसर्च संक्रमण क्यों होता है प्रश्न का उत्तर खोजने में विफल रहा है। टोमाटो आज के आधुनिक युग में तकनीक की सहायता से मेडिकल साइंस व्यापक स्तर पर विकास कर चुका है। हाल ही में रशिया ने कैंसर तक की वैक्सीन खोज निकाली है जिसका मुफ्त वितरण देश के सभी रोगियों को वर्ष 2025 में किया जाएगा। लेकिन यह भी मेडिकल साइंस का एक दुर्भाग्य है कि टमाटर बुखार या टोमाटो फीवर के कारक या घटक या कारण की खोज शोधकर्ता अभी तक नहीं कर पाए हैं।
क्या टोमाटो फ्लू का इलाज है?
नहीं, दुर्भाग्य से टोमाटो फ्लू का मेडिकल इलाज नहीं है। यह संक्रामक रोगों की सूची में सबसे नया नवेला रोग है जिसकी कोई वैक्सीन या दवाई नहीं है। इसलिए टमाटर बुखार का सबसे अच्छा इलाज ये है कि मरीज को एकांतवास प्रदान किया जाए ताकि मरीज को भरपूर आराम मिले। इसके अलावा एकांतवास फ्लू को फैलने से भी रोकने में मदद करेगा। तेज बुखार, दस्त, उल्टी और दर्द की यथासंभव दवा डॉक्टर के द्वारा दी जावे। निर्जलीकरण से बचने हेतु पानी पीते रहें। नींबू पानी, सौंफ का पानी, नारियल पानी आदि से भी डिहाइड्रेशन कम होता है।
टोमाटो फ्लू का घरेलू इलाज
आइए निम्न बिंदुओं के माध्यम से जाने कि टोमाटो फ्लू का घरेलू इलाज :
- नारियल और नींबू पानी : ऐसी स्थिति में पानी से युक्त फल का सेवन कर सकते हैं। नारियल पानी न केवल स्वच्छ जल का प्राकृतिक स्रोत है अपितु इसमें इलेक्ट्रोलाइट भी है जो शरीर में कम हो चुके पोषक तत्वों की तुरंत भरपाई भी करता है। नींबू पानी में पानी मात्रा तो अधिक होती ही है लेकिन यह एंटीऑक्सीडेंट का एक अच्छा स्रोत भी है। इस कारण टमाटर जैसे लाल रंग के मुलायम, गोलाकार फफोले को ठीक करने में नींबू पानी सबसे असरकारक होता है।
- हाइड्रेटेड रहें : टमाटर रोग में पानी की कमी को पर्याप्त मात्रा में पानी पी कर पूरा करें। पानी पीते रहने से शरीर ठंडा रहेगा और बुखार भी कम होगा। हालांकि ठंडा पानी पीने से बचें। गुनगुना पानी पीने से बुखार तुरंत ठीक हो जाता है।
खिचड़ी, उपमा और दाल का सेवन : मसालेदार भोजन ग्रहण करने से बचे। पोषक तत्वों से भरपूर तथा कम मसालेदार और बिना तेल का भोजन जैसे खिचड़ी, उपमा और दाल खाना चाहिए। ऐसा भोजन करें जिसमें फाइबर की मात्रा कम हो क्योंकि टमाटर बुखार में दस्त की भी समस्या बनी रहती है।
टमाटर बुखार से बचाव
आइए जाने टमाटर बुखार से बचाव जो कि निम्नलिखित है :
- एकांतवास अपनाये : किसी भी संक्रामक रोग का सबसे अच्छा उपचार एकांतवास अर्थात अपने कमरे में अकेले रहना है ताकि भरपूर आराम मिल सके और संक्रमित व्यक्ति के शरीर से संक्रमण बाहर न फैले।
- उचित दूरी बना कर रखें : जितना हो सके संक्रमित व्यक्ति से दूर रहें। टमाटर बुखार से संक्रमित व्यक्ति से कम से कम दो हाथ की दूरी बना कर रखें। संक्रमण को संचार करने के लिए दो हाथ की अधिक दूरी तय करनी पड़ती है। टमाटर बुखार के वायरस वातावरण में बहुत अधिक समय तक जीवित रहते हैं और संचार के लिए हवा को माध्यम बनाते हैं।
- सामान को स्पर्श न करें : संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग में लाये जाने वाले रुमाल, फोन, तौलिया, तकिया आदि सामान को स्पर्श न करे। संक्रमित व्यक्ति के सामान में टमाटर बुखार के वायरस बहुत अधिक समय तक जीवित रहते हैं।
निष्कर्ष
टमाटर बुखार एक ऐसा संक्रामक रोग है जिसका कोई इलाज नहीं है लेकिन इसके प्रत्येक लक्षण का इलाज संभव है। इस बीमारी में संक्रमित व्यक्ति को टमाटर जैसे लाल रंग के गोलाकार छाले हो जाते हैं। ये छाले बदन दर्द और जलन भी देते हैं। साथ ही तापमान अनियंत्रित होने के कारण तेज बुखार भी हो जाता है। शरीर में पानी की कमी भी हो जाती है। इसके बचाव में एकांतवास सबसे अच्छा इलाज है। साथ ही पानी की कमी को पूरा करने से ये संक्रामक रोग ठीक हो जाता है।
अगर आपको कोई ऐसी बीमारी हो जाए जिसके इलाज के लिए आपके पास पर्याप्त धन नहीं है तो निराश होने की आवश्यकता नहीं है। ऐसी परिस्थिति में क्राउडफंडिंग एक अच्छा विकल्प हो सकता है। कैंपेन के माध्यम से आप अपनी आवश्यकता को उन लोगों तक पहुंचाते हैं जो बुरे समय में आपकी मदद कर सकते हैं।