पेट के कैंसर के लक्षण, कारण, इलाज और उपचार | Stomach Cancer In Hindi

पेट का कैंसर, जिसे गैस्ट्रिक कैंसर के नाम से भी जाना जाता है। अन्य कैंसर की तुलना में पेट का कैंसर एक सामान्य प्रकार का कैंसर है और यह दुनिया भर में काफ़ी लोगों को अब तक प्रभावित कर चुका है। भारत में, पिछले कुछ वर्षों में, अस्वस्थ जीवनशैली, अस्वस्थ आहार और अन्य कुछ कारकों के कारण पेट का कैंसर बहुत से लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है या यह कहें कि इस कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। इस लेख के माध्यम से हमारा उद्देश्य है, भारत के लोगों को पेट के कैंसर के लक्षण, कारण और उपचार विकल्प से सबंधित उचित और विस्तृत जानकारी प्रदान करना। 

पेट का कैंसर क्या है? 

पेट के कैंसर के लक्षण

पेट का कैंसर तब होता है जब पेट में कोशिकाएँ अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। कोशिकाएँ बढ़ने के बाद ट्यूमर का निर्माण करती हैं और धीरे-धीरे यह कैंसर अन्य हिस्सों में भी फैलना शुरू कर देता है। पेट के कई प्रकार के कैंसर में से एडेनोकार्सिनोमा अधिक आम है। यह कैंसर पेट के अस्तर में शुरू होता है। 

पेट के कैंसर के कारण

पेट के कैंसर का अभी तक कोई स्पष्ट कारण नहीं पता चल पाया है, लेकिन कुछ ऐसे जोखिम कारक जो इसके विकास में इसकी सहायता कर सकते हैं वह इस प्रकार हैं: 

१) बढ़ती उम्र: बढ़ती उम्र के साथ पेट के कैंसर के लक्षण व्यक्ति में प्रकट हो सकते हैं, ५५ वर्ष से अधिक आयु वाले व्यक्ति में यह कैंसर अधिक आम है। 

२) लिंग: पेट का कैंसर पुरुष और महिला दोनों में पाया जा सकता है लेकिन महिलाओं की तुलना में पुरुषों को यह अधिक अपनी चपेट में लेता है। 

३) अस्वस्थ आहार: अधिकतर स्मोक्ड या अधिक नमक वाला भोजन आहार लेने से और फल, सब्जियाँ भोजन में बहुत कम शामिल करने से भी पेट में कैंसर के लक्षण प्रकट हो सकते हैं। 

४) धूम्रपान और शराब का सेवन: धूम्रपान और शराब के अत्यधिक सेवन से भी इस कैंसर के होने का ख़तरा बढ़ सकता है। 

५) हेलिकोबैक्टर पायलोरी जीवाणु: हेलिकोबैक्टर पायलोरी जीवाणु से संक्रमित होने से पेट के अस्तर में बदलाव महसूस किया जा सकता है, जिससे पेट का कैंसर हो सकता है। 

६) परिवार का इतिहास: परिवार में यदि यह कैंसर पूर्व में किसी को हो चुका है तो यह संभव है कि आगे भी उस परिवार के किसी सदस्य को पेट का कैंसर हो सकता है। 

यदि भारत की बात करें, तो अस्वस्थ आहार जैसे अचार, मसालेदार भोजन का अधिक सेवन और फल सब्जियों का कम सेवन, पेट के कैंसर के विकास का सबसे मुख्य कारण है। इसके अतिरिक्त एच पाइलोरी बैक्टीरिया (जो पेट की परत में संक्रमण पैदा करते हैं) का भी इस कैंसर के विकास में योगदान हो सकता है। 

महिलाओं में पेट के कैंसर के कारण

यदि पेट के कैंसर के कारणों की बात करें तो महिलाओं और पुरुषों दोनों के लिए बहुत हद तक समान हैं, पर इसके कुछ कारकों का प्रभाव महिलाओं पर अलग हो सकता है जैसे, कुछ शोधों से यह पता चला है कि पीरियड्स, प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज़ के दौरान होनेवाला हार्मोनल परिवर्तन, पेट के कैंसर को विकसित होने से रोक सकता है, लेकिन इन विषयों को बेहतर तरीके से समझने के लिए अभी भी गहन शोध की आवश्यकता है।

पुरुषों में पेट के कैंसर के कारण

पुरुषों में पेट का कैंसर पाया जाना अधिक आम है, लेकिन इसके कई कारण हो सकते हैं जैसे, धूम्रपान और शराब के अत्यधिक सेवन से पुरुषों को इस कैंसर के होने का ख़तरा बहुत अधिक होता है। इसके अतिरिक्त कुछ प्रकार के इंडस्ट्रियल केमिकल्स के संपर्क में रहनेवाले और रबड़, लकड़ी, एस्बेस्टस के व्यवसायों से जुड़े लोगों को भी पेट का कैंसर होने का अधिक ख़तरा होता है। 

पेट के कैंसर के लक्षण(पेट में कैंसर होने के लक्षण)

पेट के कैंसर के लक्षण या पेट में कैंसर होने के लक्षण शुरूआती चरणों में प्रकट नहीं होते, लेकिन जैसे-जैसे कैंसर विकसित होता है इसके लक्षण भी प्रकट होने लगते हैं। पेट के कैंसर के लक्षण इस प्रकार हैं:

१) अपच या पेट ख़राब, मन रुष्ट रहना, पेट के कैंसर के लक्षण से सबंधित हो सकता है। 

२) भूख में बदलाव या कमी भी पेट में कैंसर होने के लक्षण में शामिल हो सकता है। इसके अतिरिक्त,

३) बिना कारण अचानक से वजन कम होना,

४) पेट में दर्द रहना,

५) मतली(बेचैनी या उल्टी करने की इच्छा) और बिना खून या खून के साथ उल्टी आना,

६) खाने के बाद पेट भरा हुआ या फूला हुआ महसूस करना,

७) लगातार थकान या कमज़ोरी महसूस करना और 

८) लाल खून जैसे रंग या काले रंग का मल भी पेट में कैंसर होने के लक्षण हो सकते हैं। 

यह आवश्यक नहीं है कि उपरोक्त लक्षण केवल पेट के कैंसर के लक्षण ही हो सकते हैं। यह लक्षण गैस्ट्राइटिस या पेट के अल्सर से भी संबंधित हो सकते हैं, लेकिन इन लक्षणों के महसूस करने पर हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह ज़रूर लें। 

पेट के कैंसर के उपचार

पेट के कैंसर का उपचार कई कारकों पर आधारित होता है जैसे, कैंसर का चरण, रोगी का संपूर्ण स्वास्थ्य और उनकी व्यक्तिगत प्राथमिकताएँ। नीचे दिए गए बिंदुओं के माध्यम से पेट के कैंसर के उपचार विकल्पों को समझाया गया है:

१) सर्जरी: पेट के कैंसर के लिए सर्जरी उपचार विकल्प का उपयोग अधिकतर मामलों में किया जाता है। सर्जरी के माध्यम से, पेट के कैंसर सेल्स को या जिन भागों में कैंसर फैला है, उन हिस्सों को हटाया जाता है। 

२) कीमोथेरेपी: कीमोथेरेपी उपचार विकल्प के द्वारा, कैंसर सेल्स को दवाइयों का प्रयोग करके नष्ट किया जाता है या इन्हें बढ़ने से रोका जाता है। इस विकल्प का उपयोग ट्यूमर को सिकोड़ने के लिए सर्जरी(नियोएडजुवेंट कीमोथेरेपी ) से पूर्व या बचे हुए कैंसर सेल्स को नष्ट करने के लिए सर्जरी(एडजुवेंट कीमोथेरेपी ) के बाद किया जाता है। 

३) रेडिएशन थेरेपी: इस उपचार विकल्प में, कैंसर सेल्स को नष्ट करने के लिए उच्च ऊर्जा किरणों का उपयोग किया जाता है। रेडिएशन थेरेपी का उपयोग कई मामलों में कीमोथेरेपी के साथ भी किया जाता है। 

४) टार्गेटेड थेरेपी: टार्गेटेड थेरपी में, कैंसर सेल्स को कुछ असामान्य विशेषताओं के आधार पर टार्गेट किया जाता है और दवाइयों के उपयोग से कैंसर के विकास और प्रसार को रोका जाता है। 

५) इम्यूनोथेरपी: यह उपचार विकल्प एक नए प्रकार का उपचार विकल्प है जिसमें कैंसर सेल्स से लड़ने के लिए शरीर के इम्यून सिस्टम का उपयोग किया जाता है। इसके लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को मज़बूत बनाने के लिए, प्रयोगशाला में बनाए गए पदार्थों का उपयोग किया जाता है। 

इस बात को याद रखना ज़रूरी है कि, प्रत्येक रोगी का उपचार, उसके व्यक्तिगत परिस्थियों(वित्तीय स्थिति, सामाजिक और पारिवारिक स्थिति) पर आधारित होता है, और किस प्रकार रोगी का बेहतर उपचार हो सकता है, यह भी स्वास्थ्य पेशेवर द्वारा निश्चित किया जाता है। 

क्या पेट के कैंसर का इलाज संभव है?

पेट के कैंसर का इलाज हो सकता है, लेकिन यदि इसका निदान जल्दी हो तो इसका सफ़ल इलाज अवश्य संभव है। हालाँकि, पेट के कैंसर के लक्षण शुरूआती चरणों में प्रकट नहीं होते, इसलिए इसका निदान बाद के चरणों में ही हो पाता है। पेट के कैंसर के लिए, पाँच वर्ष की जीवित रहने की दर भी कैंसर के उस चरण पर निर्भर करती है, जिस चरण पर इसका निदान होता है। 

सही उपचार विकल्प के चुनाव से ही, कैंसर के लक्षणों को कम या नष्ट करना और उन्नत चरणों वाले रोगी के सर्वाइवल रेट में सुधार संभव है। वर्तमान में, आधुनिक उपचार विकल्पों जैसे, टार्गेटेड थेरेपी और इम्यूनोथेरपी के उपयोग से भी पेट के कैंसर के रोगियों की सेहत में सुधार होता देखा जा सकता है। 

भारतीय संदर्भ

भारत में, लोगों को पेट के कैंसर की प्रारंभिक पहचान के लिए, स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना अति आवश्यक है। व्यक्तिगत परिस्थियों(सामाजिक आर्थिक कारकों) के कारण अधिकतर मामलों में, रोग का निदान देर से हो पाता है। ऐसे में, सार्वजानिक जागरूकता अभियानों के द्वारा लोगों को, रोग के लक्षणों और जोखिम कारकों की जानकारी प्रदान करना आवश्यक है, जिससे उन्हें रोग की प्रारंभिक पहचान करने में और समय पर उपचार शुरू करने में मदद मिल सके। 

इसके अतिरिक्त, सस्ते उपचार विकल्पों के मदद से भी उपचार संभव है। भारत में, कैंसर के लिए सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी का चुनाव अधिकतर किया जा सकता है, लेकिन टार्गेटेड थेरेपी और इम्यूनोथेरपी जैसे उपचार विकल्प महँगे हो सकते हैं। ज़रूरतमंद लोगों को यह उपचार प्रदान किया जा सके, इसके लिए एक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली का होना बहुत ही मायने रखता है। 

निष्कर्ष

वर्तमान में, भारत में पेट का कैंसर बहुत ही चिंता का विषय बनता जा रहा है। इस बीमारी के कारणों और लक्षणों के प्रति जागरूक रहने से, रोग की शुरूआती पहचान करने और समय पर उपचार शुरू करने में बहुत हद तक मदद मिल सकती है। एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से जैसे, संतुलित आहार लेने से, धूम्रपान और शराब का सेवन छोड़ने से, नियमित सेल्फ़-टेस्ट्स से इस बीमारी से बचा जा सकता है। 

हालाँकि लेख का उद्देश्य, बीमारी के लक्षणों, कारणों और उपचार विकल्पों से जुड़ी जानकारियाँ प्रदान करना है, लेकिन लक्षण महसूस करने पर हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें। आइए, हम अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होकर और स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों का समर्थन प्राप्त कर, एक स्वस्थ भारत का निर्माण करें। 

यह याद रखें कि पेट के कैंसर से आपकी लड़ाई में, आप बिल्कुल अकेले नहीं हैं। आपके लिए कई रिसोर्सेज और सपोर्ट सिस्टम्स उपलब्ध हैं। ज़रूरत पड़ने पर, एक आवाज़ अवश्य लगाएँ, और स्वास्थ्य को स्वस्थ बनाए रखने में, एक-दूसरे को सपोर्ट अवश्य करें। 

कुछ महत्त्वपूर्ण बातें

पेट कैंसर की लास्ट स्टेज के लक्षण 

पेट कैंसर की लास्ट स्टेज के लक्षण में, कैंसर का, शरीर के अन्य हिस्सों में फैलना शामिल है। पेट कैंसर की लास्ट स्टेज के लक्षण, इस बात पर निर्भर करते हैं कि कैंसर किन हिस्सों में फैला है। पेट के कैंसर के लास्ट स्टेज में, कैंसर लिवर, लिम्फ नोड्स, पेरिटोनियम या लंग्स में फैल सकता है। 

महिलाओं में पेट के कैंसर के लक्षण 

यदि महिलाओं में पेट के कैंसर के लक्षण की बात करें, तो महिलाओं में पेट के कैंसर के लक्षण पुरुषों की अपेक्षा बहुत ही कम पाए जाते हैं। कुछ शोधों के आधार पर यह पता चला है कि हार्मोन में अंतर की वजह से पुरुषों में यह कैंसर अधिक पाया जाता है। महिलाओं के शरीर में मौजूद एस्ट्रोजन के कारण, इस कैंसर के लक्षण इनमें पाए जाने की संभावना कम होती है। 

कैंसर का इलाज अक्सर महंगा हो सकता है। ऐसे मामलों में, इम्पैक्ट गुरु जैसी वेबसाइट पर क्राउडफंडिंग कैंसर के इलाज के लिए धन जुटाने का एक शानदार तरीका हो सकता है।

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