यदि इस विषय पर चर्चा की जाए कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना क्या है, तो राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई) श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा २००८ में गरीबी रेखा से नीचे(बीपीएल) के परिवारों को स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई) का उद्देश्य, गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को उत्तम स्वास्थ्य सेवा और सामजिक सुरक्षा प्रदान करना है। भारत में पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध होने के बावजूद भी आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग इन सेवाओं से वंचित रह जाते हैं, और इस कारण कई बार लोगों की मृत्यु हो जाती है ।
इस सभी समस्याओं के विषय में सोचकर, केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना(rashtriya swasthya bima yojana) की शुरुआत की गई। इसके अतिरिक्त इस योजना के माध्यम से देश के अनऑर्गेनाइज़्ड सेक्टर्स के आर्थिक रूप से कमज़ोर श्रमिकों को भी स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाता है, ताकि वह अपना इलाज सूचीबद्ध अस्पतालों में निःशुल्क करवा सकें।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना(rashtriya swasthya bima yojana) का लक्ष्य, हॉस्पिटल में गंभीर बीमारी का इलाज करवाने के लिए एडमिट होने के बाद वित्तीय संकट से जूझ रहे (बीपीएल) से नीचे के लोगों और अनऑर्गेनाइज़्ड सेक्टर्स के आर्थिक रूप से कमज़ोर श्रमिकों को सुरक्षा प्रदान करना है।
Table of Contents
- 1. राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का उद्देश्य(Objective Of Rashtriya Swasthya Bima Yojana)(राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना क्या है)
- 2. राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना की विशेषताएँ
- 2.1 राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना पात्रता और राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना लाभार्थी सूची (Rashtriya Swasthya Bima Yojana Eligibility & National Health Insurance Scheme Beneficiary List)
- 2.2 राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना लाभार्थी सूची और राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना कार्ड(National Health Insurance Scheme Beneficiary List and Rashtriya Swasthya Bima Yojana Card)
- 2.3 राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभ और कवरेज
- 2.4 पोर्टेबिलिटी
- 2.5 बीमाकर्ताओं की भूमिका
- 3. कार्यान्वयन और संचालन
- 4. वित्त पोषण और व्यय
- 5. प्रभाव और परिणाम
- 6. चुनौतियाँ और मुद्दे
- 7. भविष्य की दिशाएँ
- 8. निष्कर्ष
1. राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का उद्देश्य(Objective Of Rashtriya Swasthya Bima Yojana)(राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना क्या है)

राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना(rashtriya swasthya bima yojana), बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवारों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना वित्त वर्ष २००७-०८ में असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए लॉन्च की गई थी, और यह १ अप्रैल २००८ से देश में पूर्ण रूप से शुरू कर दी गई थी।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना(rashtriya swasthya bima yojana) का मुख्य उद्देश्य देश के गरीब नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत (बीपीएल) परिवारों(पाँच की एक इकाई) और और ११ व्यावसायिक समूहों को फैमिली फ्लोटर के आधार पर प्रति वर्ष सरकार द्वारा ३०,००० रूपये का स्वास्थय बीमा प्रदान किया जाता है, ताकि वह अपने स्वास्थ्य का खर्चा उठा सकें और एक स्वस्थ जीवन जी सकें। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना(rashtriya swasthya bima yojana) के लाभ की बात करें, तो इस योजना के लाभों में गवर्मेंट हॉस्पिटल्स में एडमिट होने वाले गरीब लोगों का मुफ़्त इलाज करना शामिल है।
2. राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना की विशेषताएँ
2.1 राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना पात्रता और राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना लाभार्थी सूची (Rashtriya Swasthya Bima Yojana Eligibility & National Health Insurance Scheme Beneficiary List)
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना(rashtriya swasthya bima yojana) के लिए आवेदन करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना पात्रता (rashtriya swasthya bima yojana eligibility) इस प्रकार है:
1. एप्लिकेंट भारत का नागरिक होना चाहिए।
2. इस योजना का लाभ गरीबी रेखा के नीचे के लोग (बीपीएल श्रेणी) उठा सकते हैं।
3. उम्मीदवारों को स्वास्थ्य बीमा कार्ड बनवाना होगा, जिसके लिए उन्हें ३० रुपए का भुगतान करना होगा।
4. कैशलेस सुविधा का लाभ उठाने के लिए लाभार्थी को हॉस्पिटल के काउंटर पर यह स्मार्ट कार्ड जमा करना होगा।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना लाभार्थी सूची (National Health Insurance Scheme Beneficiary List) की बात करें, तो बीपीएल परिवारों के अलावा, इस सूची के अन्य लाभार्थियों में, कंट्रक्शन वर्कर्स, लाइसेंस्ड रेलवे पोर्टर्स, स्ट्रीट वेंडर्स और अन्य डॉमेस्टिक वर्कर्स शामिल हैं। लाभार्थी सूची में इन तमाम लोगों को शामिल करने का केवल एक मात्र उद्देश्य था कि योजना का लाभ समाज के सबसे कमज़ोर वर्गों को भी मिले, जिससे वह भी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकें।
2.2 राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना लाभार्थी सूची और राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना कार्ड(National Health Insurance Scheme Beneficiary List and Rashtriya Swasthya Bima Yojana Card)
नामांकन की प्रक्रिया के लिए, बीमा सेवा प्रदाता को पात्र गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की एक इलेक्ट्रॉनिक सूची दी जाती है। इसके बाद प्रत्येक गाँव के लिए बीमा कंपनी द्वारा दिनांक सहित नामांकन सूची बनाई जाती है, और इसे बनाने के लिए जिला स्तरीय अधिकारियों की सहायता ली जाती है। अब आगे, सूची प्रत्येक गाँव के नामांकन स्टेशन तथा प्रमुख स्थानों पर लगाई जाती है। प्रत्येक गाँव में स्थानीय केंद्रों में लोकल नामांकन स्टेशन बनाए जाते हैं, जैसे कोई स्कूल।
इन स्टेशनों पर बीमा सेवा प्रदाता द्वारा सूची में शामिल परिवार के सदस्यों की बायोमेट्रिक जानकारी और फोटोज़ एकत्रित करने के लिए आवश्यक हार्डवेयर और प्रिंटर उपलब्ध कराया जाता है(फोटो के साथ राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना कार्ड प्रिंट करने के लिए)। अब लाभार्थी द्वारा तीस रुपए का शुल्क देने के पश्चात् स्मार्ट कार्ड के अभिप्रमाणन के बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना कार्ड(rashtriya swasthya bima yojana card) और कुछ अस्पतालों की सूची उन्हें दी जाती है। इस प्रक्रिया में आमतौर तौर पर 10 मिनट से कम का समय लग सकता है।
2.3 राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभ और कवरेज
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभ(rashtriya swasthya bima yojana benefits) की बात करें तो, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभ(rashtriya swasthya bima yojana benefits) में, असंगठित क्षेत्र के श्रमिक और उनके परिवार (पांच सदस्य) को फैमिली फ्लोटर के आधार पर प्रति वर्ष कुल बीमा राशि ३०,००० रुपये तक कवरेज प्रदान करना शामिल है। इस योजना के तहत कवरेज में बीमारियों के लिए कैशलेस इलाज उपलब्ध करवाया जाता है, और इस कैशलेस इलाज में पहले से मौजूद रोग का इलाज करना भी शामिल है।
इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभ(rashtriya swasthya bima yojana benefits) में १००० रुपए की सीमा के साथ परिवहन लागत भी शामिल है।
2.4 पोर्टेबिलिटी
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभ(rashtriya swasthya bima yojana benefits) की सूची में एक और लाभ शामिल है, या यह कहें कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (rashtriya swasthya bima yojana) के तहत पोर्टेबिलिटी की भी व्यवस्था है। इसका अर्थ यह है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना लाभार्थी सूची(National Health Insurance Scheme Beneficiary List) में जो लोग शामिल हैं, वह देश में कहीं भी रहें या एक राज्य से दूसरे राज्य में स्थानांतरण करें, तब भी वह राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना कार्ड(rashtriya swasthya bima yojana card) का उपयोग करने के लिए स्वतंत्र हैं। पोर्टेबिलिटी द्वारा पूर्व में सुनिश्चित किया जा चुका है कि लाभार्थियों को भौगोलिक सीमा द्वारा प्रतिबंधित नहीं किया जाएगा, भले ही वह देश के किसी भी कोने में रहें वह राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना कार्ड(rashtriya swasthya bima yojana card) का इस्तेमाल कर सकते हैं।
2.5 बीमाकर्ताओं की भूमिका
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के सफ़ल सञ्चालन में बीमाकर्ताओं की एक प्रमुख भूमिका होती है। बीमा कंपनियों द्वारा किए गए सहयोग में, लाभार्थियों का नामांकन करना, उनके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना कार्ड जारी करना, लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना और अस्पतालों को सूचीबद्ध करना शामिल है। यह कहा जा सकता है कि बीमा कंपनियों के सहयोग से लाभार्थी योजना का लाभ आसानी से प्राप्त कर पा रहे हैं।
3. कार्यान्वयन और संचालन
3.1 राज्य सरकारों की भूमिका
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के कार्यान्वयन और सञ्चालन में राज्य सरकारों की भी एक महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। राज्य सरकार निविदा प्रक्रिया के माध्यम से बीमा कंपनियों का चुनाव करने के लिए मुख्य रूप से ज़िम्मेदार होता है। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार, प्रीमियम में योगदान देने और लाभार्थियों की पहचान करने के लिए भी ज़िम्मेदार होते हैं। योजना के कार्यान्वयन की निगरानी करने, यह सुनिश्चित करने कि योजना का लाभ इच्छित लाभार्थियों को प्राप्त हो पा रहा है या नहीं, और योजना से संबंधित किसी भी समस्या को प्रबंधित करने में राज्य सरकारों की एक महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।
3.2 केंद्र सरकार की भूमिका
यदि केंद्र सरकार की भूमिका की बात करें, तो इसमें केंद्र सरकार द्वारा भारी आबादी के बीच राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के प्रति जागरूकगता फैलाने के लिए प्रयास और प्रचार करना शामिल है। इसके अतिरिक्त केंद्र सरकार की राज्य सरकारों के साथ प्रीमियम राशि साझा करके एक मज़बूत आईटी प्लेटफॉर्म के प्रावधान के माध्यम से सहयोग करने में भी अहम भूमिका होती है।
3.3 नोडल एजेंसियों की भूमिका
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के सफ़ल कार्यान्वयन और निगरानी के लिए राज्य सरकारों द्वारा नोडल एजेंसियों को नियुक्त किया जाता है। यह एजेन्सियाँ राज्य सरकार, बीमा कंपनियों, जिला प्रशासन और लाभार्थियों के बीच समन्वय में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके अतिरिक्त लाभार्थियों के नामांकन में, उनके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना कार्ड जारी करने में और योजना से संबंधित किसी भी समस्या को प्रबंधित करने में भी यह नोडल एजेन्सियाँ मुख्य रूप से सहयोग करती हैं। नोडल एजेंसियाँ, योजना में शामिल विभिन्न हितधारकों के बीच एक महत्त्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करती हैं।
3.4 जिला स्तरीय अधिकारियों की भूमिका
जिला स्तरीय अधिकारियों की भूमिका की बात करें, तो जिला स्तरीय अधिकारी, नामांकन कार्यक्रमों के लिए आयोजन करने, बीमा कंपनियों के साथ समन्वय करने और नामांकन प्रक्रिया की निगरानी करने में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जिला स्तरीय अधिकारी, लाभार्थियों की पहचान करने और उनका नामांकन करने में भी सहयोग करते हैं। इसके अतिरिक्त जिला स्तरीय अधिकारी, पात्र आबादी के बीच राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभ(rashtriya swasthya bima yojana benefits) के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए भी प्रयास करते हैं।
3.5 कार्यान्वयन के लिए उपयोग की जानेवाली तकनीक
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाता है, जैसे स्मार्ट कार्ड, बायोमैट्रिक्स और एक समर्पित आईटी नेटवर्क। आधुनिक तकनीकों के उपयोग ने योजना को विशेष रूप से मज़बूत और उपयोगकर्ता के अनुकूल बना दिया है। लाभार्थियों के लिए जारी किए गए राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना कार्ड स्मार्ट कार्ड में उनके बायोमैट्रिक्स की जानकारी होती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि केवल कार्डधारक द्वारा ही उस कार्ड का उपयोग किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त हॉस्पिटल्स में एडमिट होते समय लाभार्थियों की पहचान की पुष्टि के लिए एक रियल-टाइम ऑनलाइन वेरिफिकेशन सिस्टम का भी उपयोग किया जाता है।
4. वित्त पोषण और व्यय
4.1 प्रीमियम भुगतान
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के लिए, प्रीमियम केंद्र और राज्य सरकार के बीच साझा किया जाता है। केंद्र सरकार प्रीमियम राशि का ७५%(उत्तर-पूर्वी राज्यों, जम्मू और कश्मीर के मामलों में ९०%) योगदान करता है, और शेष राशि का योगदान राज्य सरकार द्वारा किया जाता है। इसके अतिरिक्त लाभार्थी परिवारों को केवल योजना के पंजीकरण के लिए ३० रुपए का शुल्क देना होता है।
4.2 फंडिंग ब्रेकडाउन
स्मार्ट कार्ड तैयार करने, लाभार्थियों को स्मार्ट कार्ड वितरित करने के साथ योजना का प्रचार करने और क्षमता निर्माण की लागत में होनेवाले खर्च, केंद्र सरकार द्वारा भुगतान किया जाता है। इसके अतिरिक्त योजना के संचालन की प्रशासनिक और अन्य विभिन्न लागतों के लिए भी केंद्र सरकार द्वारा ही राशि का भुगतान किया जाता है।
5. प्रभाव और परिणाम
5.1 लाभार्थियों की प्रतिक्रिया
यह सत्य है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के शुरू होने पश्चात् लाभार्थियों को भरपूर लाभ मिला है, और इससे पहले उनके पास बीमारियों के इलाज के लिए, रुपए जमा करने के लिए भी कोई रास्ता नहीं था। इस योजना ने बहुत से गरीब परिवारों को मुफ़्त में एक बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्राप्त करने में मदद की है। इसके परिणामस्वरूप लाभार्थियों के जीवन पर बहुत ही सकारात्मक असर पड़ा है, और इसकी सूचना भी उन्होंने दी।
5.2 उपयोग पर आँकड़ें
जब २०१८ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में शामिल किया गया था, तब तक इस योजना ने ३६ मिलियन से अधिक परिवारों को नामांकित कर लिया था, और यह इस बात का सबूत है कि इस योजना से अब तक बहुत से गरीब परिवारों को लाभ प्राप्त हो चुका है। उस समय भी इस योजना को २५ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू किया जा चुका था, जो भारत की लगभग ५०% आबादी को कवर करता है। इन आँकड़ों से यह बात साफ़ है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का व्यापक उपयोग हो रहा है, और लोगों को इस योजना के बारे में ज्ञान भी हो रहा है।
5.3 केस स्टडीज़
कई शोधों से इस बात की जानकारी हुई है कि भारत में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के उपयोग से बहुत से गरीब परिवारों को मुफ़्त स्वास्थ्य सेवा का लाभ प्राप्त हो रहा है। ऐसा ही एक मामला ग्रामीण बिहार के एक दिहाड़ी मजदूर का है जिसने एक गंभीर सर्जरी के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना से मदद प्राप्त की। इसी प्रकार देश के कोनों से कई कहानियाँ उभरी हैं, जो यह बयाँ करती हैं कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना की मदद से कई लोगों के जीवन में एक सकारात्मक बदलाव हुआ है।
6. चुनौतियाँ और मुद्दे
6.1 कार्यान्वयन चुनौतियाँ
कई मामलों में सफ़लता प्राप्त करने के बाद भी राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना को कार्यान्वयन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, और इन चुनौतियों में अपूर्ण कवरेज, स्मार्ट कार्ड जारी करने में देरी और अभी भी बहुत से लाभार्थियों के बीच जागरूकता की कमी शामिल है। वर्तमान में भी दूर के क्षेत्रों में रहनेवाले गरीब परिवारों को मुफ़्त स्वास्थ्य सेवा का लाभ प्राप्त करने के लिए तार्किक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
6.2 धोखाधड़ी और दुरुपयोग
यदि धोखाधड़ी और दुरुपयोग की बात करें, तो राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना को भी पूर्व में धोखाधड़ी और दुरुपयोग जैसे उदाहरणों का सामना करना पड़ा है, जैसे कुछ सूचीबद्ध अस्पतालों द्वारा फैंटम सर्जरी और अधिक बिल लेने की खबरें मिली थी। इन समस्याओं को प्रबंधित करने के लिए समय के साथ निगरानी शुरू की गई थी, जिसमें कैशलेस लेनदेन और स्मार्ट कार्ड प्रणाली के माध्यम से निगरानी शामिल है।
6.3 स्थिरता
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के लिए वित्तीय निरंतरता भी ध्यान देने योग्य एक क्षेत्र है। जैसे-जैसे योजना का पैमाना बढ़ा, सरकार द्वारा योजना के लिए किए जा रहे पर्याप्त खर्च को देखते हुए दीर्घकालिक वित्तीय व्यवहार्यता के विषय पर प्रश्न उठाए जाने लग गए। हालाँकि, समाज पर योजना के मज़बूत सकारात्मक प्रभाव के कारण, सरकार द्वारा इस योजना के उपयोग को लगातार बढ़ावा दिया गया है।
7. भविष्य की दिशाएँ
7.1 प्रस्तावित परिवर्तन और सुधार
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना शुरुआत से ही एक उत्तम योजना रही है, लेकिन इसमें उभरती परिस्थियों को बनाए रखने के लिए आवश्यक बदलाव किए जाते रहे हैं। इन वर्षों में, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना की पहुँच का विस्तार करने के लिए भारत सरकार द्वारा बहुत से संशोधन किए गए हैं, इन संशोधनों में, बीमा कवरेज राशि में वृद्धि और अधिक लाभार्थियों को योजना में शामिल करने के लिए परिवार के परिभाषा का विस्तार करना सम्मिलित है। यदि सबसे महत्त्वपूर्ण सुधार की बात करें, तो उस सुधार में २०१८ में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना का एकीकरण था। इस एकीकरण का उद्देश्य केवल, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना की कुछ कमियों को दूर करना और इसके लाभ को मज़बूत करना था।
7.2 अन्य स्वास्थ्य योजनाओं के साथ एकीकरण
प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के एकीकरण से बहुत से गरीब परिवारों के लिए इस योजना का लाभ उठाना संभव हो पा रहा है। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई), जिसे आयुष्मान भारत योजना के नाम से भी जाना जाता है, माध्यमिक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में इलाज के लिए, २०१८ में प्रति परिवार प्रति वर्ष ५ लाख रुपए के विस्तारित कवरेज के साथ प्रारंभ किया गया था, और राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के लाभार्थियों को इस नई योजना में स्वचालित रूप से शामिल किया गया था। इस एकीकरण का उद्देश्य, राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना की कुछ कमियों को दूर करना, सेवा वितरण को सुव्यवस्थित करना, कवरेज बढ़ाना और भारत में स्वास्थ्य हेल्थ इंश्योरेंस इंफ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत करना है।
8. निष्कर्ष
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना ने आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों को स्वास्थ्य बीमा प्रदान करके ना सिर्फ़ वित्तीय सुरक्षा जाल प्रदान किया है, बल्कि भारी आबादी के बीच इस योजना के बारे में जागरूकता फैलाने का भी निरंतर प्रयास किया है, फिर प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के एकीकरण से भी इस योजना की कमियों को दूर करने और कवरेज बढ़ाने में मदद मिली है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (आरएसबीवाई) का उद्देश्य, गरीबी रेखा से नीचे(बीपीएल) के परिवारों को मुफ़्त स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना है, इसके अतिरिक्त इस योजना के लाभ में, भारत के अनऑर्गेनाइज़्ड सेक्टर्स के आर्थिक रूप से कमज़ोर मजदूरों को भी सूचीबद्ध अस्पतालों में निःशुल्क इलाज करवाने के लिए स्वास्थ्य बीमा प्रदान करना शामिल है।
कई बार ख़ुद की सेविंग्स से इलाज के लिए पैसे जुटाना मुश्किल हो जाता है।
ऐसे केसेस में जहाँ इलाज का खर्च बहुत अधिक हो, इम्पैक्ट गुरु जैसी वेबसाइट पर फंडरेज़िंग के लिए एक बहुत ही शानदार तरीका उपलब्ध है।