प्रोस्टेट ग्रंथि पौरुष में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेकिन प्रोस्टेट बढ़ जाए तो मरीज को पेशाब से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिस आयु वर्ग में वरिष्ठ नागरिक आते हैं केवल उन्हें ही इस समस्या से जूझना पड़ता है। हालांकि बढ़े हुए प्रोस्टेट के लक्षण की जांच तथा प्रोस्टेट के कारण और उपचार को मेडिकल साइंस ने खोज निकाला है। इसलिए जानकारी, जागरूकता और सतर्कता को ध्यान में रखकर सरल-सहज भाषा में आप तक ये आलेख प्रेषित किया गया है। आज के इस लेख में प्रोस्टेट क्या है, प्रोस्टेट बढ़ने से क्या दिक्क्त होती है, प्रोस्टेट बढ़ने के लक्षण, प्रोस्टेट बढ़ने के कारण और उपचार, प्रोस्टेट बढ़ने के घरेलू उपाय, प्रोस्टेट बढ़ने पर क्या करना चाहिए, प्रोस्टेट बढ़ने पर क्या नहीं पीना चाहिए और निष्कर्ष पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है।
Table of Contents
प्रोस्टेट क्या है?

यूरिनरी सिस्टम के मूत्राशय के ठीक नीचे स्थित ग्लैंड या ग्रंथि को प्रोस्टेट कहते हैं। नींबू या किसी छोटी गेंद के समान इस ग्रंथि का आकार होता है। मानव शरीर की एनाटोमी के अनुसार प्रोस्टेट यूरेथ्रा के पास स्थित होती है। ब्लैडर और मूत्राशय को जोड़ने वाली पाइप या ट्यूब को यूरेथ्रा कहते हैं। इसका एक अन्य नाम पौरुष ग्रंथि भी है। इसके नाम से ही कार्य, उद्देश्य और विशेषता की स्पष्ट व्याख्या मिल रही है। पुरुष के वीर्य निर्माण में प्रोस्टेट महत्वपूर्ण निभाता है। अर्थात यौन संबंध और प्रजनन में प्रोस्टेट की मुख्य भूमिका है।
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प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है?
प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है इसका जवाब पुरुष की बढ़ती आयु में छिपा है। उम्र के बढ़ते क्रम में जब पुरुष अपनी अवस्था के समीप आ जाता है तो प्रोस्टेट का आकार बहुत बढ़ जाता है। अर्थात जब कोई पुरुष वरिष्ठ नागरिक की आयु वर्ग में श्रेणीगत होता है तो उसके प्रोस्टेट का आकार बहुत बढ़ जाता है। हालांकि प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है इसके कोई स्पष्ट कारण नहीं है। लेकिन ऐसा माना जाता है कि बढ़ती उम्र के साथ टेस्टेरोन की कमी आ जाती है।
प्रोस्टेट बढ़ने से क्या दिक्क्त होती है?
बढे हुए प्रोस्टेट को मेडिकल टर्मिनोलॉजी में बी-पी-एच कहते हैं। बीपीएच अर्थात बेनिन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लेसिया। चूंकि प्रोस्टेट मूत्राशय या मूत्रमार्ग के ठीक नीचे स्थित होता है इसलिए यूरिनरी सिस्टम में सबसे अधिक समस्याएं जन्म लेती हैं। प्रारंभिक और आम समस्याएं जो वरिष्ठ नागरिकों की श्रेणी में आने वाले पुरुषों को झेलनी पड़ती है वो केवल बढ़े हुए प्रोस्टेट के चलते पेशाब की समस्याएं ही हैं। जैसे ही कोई पुरुष वरिष्ठ नागरिक की श्रेणी में आ जाता है, उसके प्रोस्टेट का आकर बहुत अधिक और बेढंगे तरह से बढ़ जाता है।
आइए निम्न बिंदुओं के माध्यम से जानें प्रोस्टेट बढ़ने से क्या दिक्क्त होती है :
- वरिष्ठ नागरिकों की श्रेणी में आने वाले पुरुषों में बढ़ा हुआ प्रोस्टेट मूत्राशय पर दबाव डालता है।
- पेशाब करने के पूर्व असहनीय पीड़ा का सामना करना पड़ता है।
- पेशाब करने के पश्चात दर्द और जलन की भी शिकायत हो सकती है।
- बढ़े हुए प्रोस्टेट वाले पुरुषों में पेशाब की गंध बहुत तीव्र या दुर्गंध से भरी होती है।
- पेशाब का रंग भी सामान्य नहीं होता।
- प्रोस्टेट का आकार इतना बढ़ जाता है कि यूरिनेरी ब्लैडर(जिसमें मूत्र एकत्रित होता है) से पेशाब निकलने में रुकावट की समस्या का सामना करना पड़ता है।
- बढ़े हुए प्रोस्टेट से प्रोस्टेट कैंसर होने की संभावना बानी रहती है। हालांकि ऐसा बहुत कम मामलों में देखने को मिलता है।
प्रोस्टेट बढ़ने के लक्षण
आइए विस्तार से जानें प्रोस्टेट बढ़ने के लक्षण जो कि निम्नलिखित हैं :
- पेट के निचले भाग में दर्द : बढ़े हुए प्रोस्टेट वाले व्यक्ति को केवल मूत्राशय में ही नहीं अपितु पेट के निचले भाग में भी असहनीय पाड़ा का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि ये पेट में होने वाली समस्या के चलते नहीं है। दरअसल प्रोस्टेट के बढ़े हुए आकार के कारण जब यूरिनरी सिस्टम पर दबाव बनता है तो धीरे-धीरे ये दबाव और दर्द यूरिनरी सिस्टम के आस-पास वाले भाग में भी अपना विस्तार कर लेता है। तत्पश्चात् पेट के निचले भाग में दर्द होने लगता है।
- पेशाब की तीव्र इच्छा : चूंकि बढ़े हुए प्रोस्टेट वाले वरिष्ठ नागरिक की श्रेणी में आने वाले पुरुषों को पेशाब बार-बार आती है क्योंकि एक तीव्र इच्छा निरंतर होती है। इसके चलते पेशाब को रोकना या कंट्रोल करना व्यक्ति की क्षमता के अनुरूप नहीं होता।
- बार-बार पेशाब आना : जिन लोगों में बढे हुए प्रोस्टेट की समस्या है उन्हें सामान्य व्यक्ति की तुलना में बार-बार पेशाब आती है। लगातार पेशाब आने का कारण केवल इतना है कि मूत्र विसर्जन की फ्रीक्वेंसी अधिक हो जाती है अर्थात 8 बार से अधिक पेशाब आती है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि पेशाब होने में समस्या होने के चलते पेशाब ठीक से हो नहीं पाता।
- पेशाब के समय असहनीय पीड़ा : बढ़े हुए प्रोस्टेट वाले व्यक्ति में पेशाब करते समय दर्द की शिकायत अनिवार्य रूप से रहती है। पेशाब करते समय असहनीय पीड़ा होने के चलते व्यक्ति को पेशाब करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
- पेशाब कर लेने के बाद असहनीय पीड़ा : बढ़े हुए प्रोस्टेट वाले व्यक्ति में केवल पेशाब करते समय ही नहीं अपितु पेशाब कर लेने के पश्चात भी असहनीय पीड़ा अथवा दर्द की शिकायत रहती है। दरअसल पेशाब के समय होने वाले दर्द के चलते व्यक्ति को पेशाब ठीक से नहीं होती इसलिए अधूरी पेशाब होने के बाद दर्द और जलन की समस्या का सामना करना पड़ता है।
- दुर्गंध और बदला हुआ रंग : बढ़े हुए प्रोस्टेट के चलते यूरिनरी सिस्टम के ब्लैडर, ट्रैक्ट के अलावा किडनी भी प्रभावित हो जाती है। इसलिए कम दुर्गंध वाला पारदर्शी या श्वेत रंग वाला पेशाब निकलने के स्थान पर दुर्गंध (असहनीय या तीव्र गंध) वाला पेशाब निकलता है। साथ ही पेशाब का रंग भी बदला हुआ रहता है।
- बूँद-बूँद टपकन की समस्या : जिस व्यक्ति को बढ़े हुए प्रोस्टेट की समस्या है उसे ठीक से पेशाब नहीं आती जिसके चलते पेशाब होने के बाद भी बूँद-बूँद टपकता है। कई बार इस समस्या के चलते व्यक्ति अपने पेशाब पर नियंत्रण खो बैठता है और उसकी इच्छा के विरुद्ध पेशाब हो जाती है।
- यूरिनरी रिटेंशन की शिकायत : ब्लॉकेज अथवा किसी अन्य प्रकार की समस्या के चलते ब्लैडर एकत्रित किए हुए पेशाब को पूरा खाली कर पाने में असमर्थ रहे तो इस अवस्था को यूरिनरी रिटेंशन अथवा मूत्र विसर्जन अवरोध भी कहते हैं। यूरिनरी रिटेंशन अपने प्रकार के अनुरूप सामान्य या गंभीर हो सकता है।
- यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन : यूरिनरी सिस्टम के किसी भी भाग में होने वाले इन्फेक्शन को यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन कहते हैं। इसे यूटीआई भी कहते हैं। मूत्राशय, ब्लैडर, यूरेथ्रा और किडनी इनमें से किसी भी भाग या अंग में ये इन्फेक्शन हो सकता है। यूटीआई होने पर पेशाब में खून आना, स्टोन आदि की समस्या हो सकती है।
प्रोस्टेट बढ़ने का कारण और उपचार
आइए विस्तार से जानें प्रोस्टेट बढ़ने के कारण जो की निम्नलिखित हैं :
- उम्र की दहलीज पार कर लेने पर : बढ़े हुए प्रोस्टेट की समस्या केवल उन्हीं को होती है जो पुरुष वरिष्ठ नागरिक की श्रेणी में आते हैं अर्थात साठ वर्ष या उसके बाद। दरअसल इस उम्र तक आते-आते प्रोस्टेट का आकार बढ़ ही जाता है जिसके चलते यूरिनरी सिस्टम पर अत्यधिक दबाव बनने लगता है और पेशाब से जुडी समस्याओं की शिकायत होने लगती है।
- सेक्स हार्मोन में बदलाव : बढ़ती हुई उम्र की एक समस्या और है कि व्यक्ति को सेक्स से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं। दरअसल एक वरिष्ठ नागरिक की श्रेणी में आने वाले पुरुष के सेक्स हार्मोन में अप्रत्याशित परिवर्तन देखने को मिलते हैं जिसके चलते बढ़े हुए प्रोस्टेट की शिकायत रहती है।
- टेस्टिकल के चोटिल होने के कारण : अगर किसी कारणवश पुरुष को टेस्टिकल में चोट लग जाती है तो बढ़े हुए प्रोस्टेट की समस्या हो सकती है। चोट लगने पर प्रोस्टेट की संरचना और कार्य मूल रूप से प्रभावित हो सकते हैं इसलिए उसका आकार बढ़ जाता है। किसी भी प्रकार के खेल में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों को विशेष रूप से अपने टेस्टिकल सुरक्षित रखने होते हैं ताकि वह अंग खेल के दौरान चोटिल न हो अन्यथा बढ़े हुए प्रोस्टेट की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
- यूटीआई के कारण : अगर किसी व्यक्ति को यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन है तो इस इन्फेक्शन का सहारा लेकर प्रोस्टेट अपने आकार में परिवर्तन कर लेता है जो पेशाब संबंधी समस्याओं को जन्म देता है। इसलिए बढ़े हुए प्रोस्टेट के व्यक्ति को यूटीआई के इलाज की भी सलाह दी जाती है।
अब लेख के इस भाग में हम प्रोस्टेट के उपचार के बारे में विस्तार से जानने का प्रयास करने वाले हैं। बढ़े हुए प्रोस्टेट के इलाज से पूर्व डॉक्टर द्वारा कुछ टेस्ट या परीक्षण का सुझाव दिया जाता है। जिन टेस्ट के आधार पर इलाज का किया जाता है वो इस प्रकार हैं :
- पेशाब की जांच या यूरिन टेस्ट
- यूरिनरी फ्लो टेस्ट
- ब्लड टेस्ट या खून की जांच
- प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन ब्लड टेस्ट
- प्रोस्टेट बायोप्सी
उपरोक्त उल्लिखित जांच के अलावा डॉक्टरों द्वारा अन्य टेस्ट का सुझाव भी दिया जा सकता है। कौन की उपचार पद्धति उचित होगी ये मरीज की स्वास्थ्य स्थिति तथा बीमारी की गंभीरता पर निर्भर करता है। इन जांच के आधार पर विभिन्न प्रकार के इलाज का मार्ग प्रशस्त किया जाता है जो कि इस प्रकार हैं :
- इनवेसिव और नॉन इनवेसिव सर्जिकल थेरेपी
- लेजर थेरेपी
- ट्रांसयूरेथ्रल थेरेपी
- ट्रांसयूरेथ्रल माइक्रोवेव थेरेपी
- ट्रांसयूरेथ्रल निडल सबलेशन
- ओपन प्रॉस्टेटेक्टोमी
सर्जरी या चीरा बढ़े हुए प्रोस्टेट के इलाज में सबसे अंतिम विकल्प होता है। हालांकि जीवनशैली में परिवर्तन जैसे खानपान की विशेष व्यवस्था और परहेज, व्यायाम, कसरत, आदि से भी इसका उपचार संभव है।
प्रोस्टेट बढ़ने के घरेलू उपाय
आइए जानें प्रोस्टेट बढ़ने के घरेलू उपाय जो कि निम्नलिखित हैं :
- ओमेगा-3 का सेवन : प्रोस्टेट कैंसर तथा प्रोस्टेट से जुड़ी सभी प्रकार की समस्याओं से निपटने के लिए ओमेगा-3 अवश्य रूप से खाना चाहिए। साथ ही ओमेगा-6 भी इस अवस्था में बहुत लाभदायक होता है। हालांकि जो मांसाहारी है वे ओमेगा के साथ-साथ फिश आयल का भी प्रयोग कर सकते हैं।
- फाइबर भी लेवे : वरिष्ठ नागरिकों को पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे कब्ज आदि भी होता है और इस समस्या के चलते जब भी मल त्याग किया जाता है तो प्रोस्टेट पर बहुत अधिक दबाव पड़ता है। इसलिए प्रोस्टेट के मरीजों को फाइबर के सेवन की सलाह या सुझाव दिया जाता है।
- टमाटर बड़े मजेदार : प्रोस्टेट की समस्या से निपटने के लिए एक विशेष एंटीऑक्सीडेंट लाइसोपीन की आवयश्कता होती है जो टमाटर में पाया जाता है। टमाटर के सेवन से न केवल बढ़े हुए प्रोस्टेट की शिकायत का निपटारा हो सकता है अपितु प्रोस्टेट कैंसर को भी पनपने से पूर्व रोका जा सकता है।
प्रोस्टेट बढ़ने पर क्या करना चाहिए?
आइए निम्न बिंदुओं के माध्यम से जानें कि बढ़े हुए वरिष्ठ नागरिक की श्रेणी में आने वाले प्रुरुषों को प्रोस्टेट बढ़ने पर क्या करना चाहिए :
- जम के करो व्यायाम : शोध से यह पता चला है कि उम्र के बढ़ते क्रम में मनुष्य की दिनचर्या से शारीरिक गतिविधियां कम हो जाती हैं। किसी भी प्रकार का परिश्रम नहीं करने पर ऊर्जा की खपत नहीं होती और शरीर स्वस्थ नहीं रहता। इसलिए व्यायाम, कसरत आदि करने से बढे हुए प्रोस्टेट से राहत मिलती है। ऐसे व्यायाम को प्राथमिकता दें जो पेल्विक मांसपेशियों को मजबूत बनाते है।
- पेशाब करें खुल कर : मूत्रालय में पेशाब करने जाए तो स्वयं को पर्याप्त समय दे ताकि ब्लैडर में एकत्रित पेशाब या यूरिन पूरा निकल जाए। अगर आप इस उद्देश्य के साथ कम से कम मूत्रालय जाकर पूरा पेशाब निकालने का प्रयास करते हैं तो आपको पेशाब करने के लिए बार-बार नहीं जाना होगा।
- यात्रा में पानी है वर्जित : अगर वरिष्ठ नागरिक लंबी या छोटी किसी भी प्रकार की यात्रा पर हैं तो इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि पानी पीने से बचें। दरअसल बहुत अधिक पानी पीने से बार-बार पेशाब करने का मन करेगा और जितनी बार वह व्यक्ति पेशाब करेगा, समस्या उतनी ही अधिक होगी।
प्रोस्टेट बढ़ने पर क्या नहीं पीना चाहिए?
आइए जानें प्रोस्टेट बढ़ने पर क्या नहीं पीना चाहिए :
- चाय और कॉफी : अगर किसी व्यक्ति को बढ़े हुए प्रोस्टेट की समस्या से जूझना पड़ रहा है तो चाय, काफी, कोल्ड ड्रिंक, सॉफ्ट ड्रिंक, शराब आदि के सेवन से परहेज करना चाहिए। कैफीन युक्त पेय तथा अन्य प्रकार के मादक पेय पदार्थ पुरुषों के मूत्राशय की मांसपेशियों को कमजोर कर देते है। विशेष रूप से जिन पुरुषों को बीपीएच है उन्हें बहुत अधिक नुकसान पहुंचा सकता है।
- दूध नहीं पीना चाहिए : अगर वरिष्ठ नागरिकों की श्रेणी में आने वाले पुरुषों को बढ़े हुए प्रोस्टेट की समस्या है तो उन्हें दूध नहीं पीना चाहिए। दरसल दूध में सैचुरेटेड फैट की मात्रा बहुत अधिक होती है। ये फैट इन्फ्लेमेशन की समस्या पैदा कर सकते हैं जो पेट की समस्या का कारक होता है। पेट की समस्या से प्रोस्टेट पर दबाव बनता है।
- सोने से पहले पानी : बढ़े हुए प्रोस्टेट के मरीज को रात में और नींद में पेशाब करने का मन करता है इसलिए ऐसे व्यक्तियों को रात में सोने से पूर्व पानी नहीं पीने की सलाह या सुझाव दिया जाता है ताकि उसके लक्षणों पर पूर्ण नियंत्रण किया जा सके।
निष्कर्ष
पुरुष के रीप्रोडक्टिव सिस्टम(प्रजनन के लिए उपयोगी अंग) में शुक्राणु बनाने वाली ग्रंथि को प्रोस्टेट ग्लैंड कहते हैं। यह यूरिनरी सिस्टम के ठीक नीचे स्थित होता है। अखरोट के आकार की ये ग्रंथि मानव शरीर की एनाटॉमी के अनुसार यूरेथ्रा के पास होती है। बढ़े हुए प्रोस्टेट की समस्या केवल उन पुरुषों को होती है जो वरिष्ठ नागरिक के आयु वर्ग वाली श्रेणी में आ चुके हैं। पेशाब के पूर्व और बाद में दर्द और जलन, पेट में दर्द, दुर्गंध युक्त पेशाब और रंग में बदलाव, यूटीआई आदि इसके लक्षण हैं।
क्या आपको या आपके किसी जान पहचान वाले को बढ़े हुए प्रोस्टेट की समस्या है? क्या धन की कमी के चलते उनका टेस्ट और इलाज नहीं हो पा रहा है? ऐसी परिस्थितियां आपको चिंतित और परेशान कर सकती हैं। लेकिन अब नहीं क्योंकि क्राउडफंडिंग के द्वारा चिंता आपके जीवन से दूर होने वाली है। क्राउडफंडिंग के कैंपेन के माध्यम से आप अपनी आवश्यकता को उन लोगों तक पहुंचाते हैं जो बुरे समय में आपकी मदद कर सकते हैं।