लिवर कैंसर या यकृत कैंसर को हेपेटिक कैंसर के नाम से भी जाना जाता है। यह कैंसर यकृत में शुरू होता है। यदि इस विषय पर चर्चा करें कि लिवर कैंसर क्यों होता है तो लिवर या यकृत कैंसर, लिवर में कैंसर कोशिकाओं के असामान्य रूप से बढ़ने के कारण होता है। लिवर हमारे शरीर में, खून और विषाक्त पदार्थों(ज़हर) को छानने, पित्त का निर्माण करने और ऊर्जा के लिए ग्लूकोज का भंडारण करने वाला एक आवश्यक अंग है। भारत में कैंसर से होनेवाली मौतों में यकृत कैंसर भी एक प्रमुख कारण है। ऐसे में लिवर कैंसर के शुरूआती लक्षण और उपचार विकल्पों की जानकारी होना हम सभी के लिए आवश्यक है।
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लिवर कैंसर के कारण (लिवर कैंसर क्यों होता है विस्तार में)

लिवर कैंसर के अधिकतर मामलों में कोई स्पष्ट कारण नहीं पता चल पाता है लेकिन कुछ मामलों में इसके होने के कारण का पता लग सकता है। नीचे दिए गए बिंदुओं के माध्यम से इस कैंसर के कुछ कारणों को समझाने का प्रयत्न किया गया है:
१) क्रोनिक हेपेटाइटिस बी या हेपेटाइटिस सी संक्रमण: हेपेटाइटिस बी या हेपेटाइटिस सी जैसे वायरल संक्रमण से भी यकृत कोशिकाओं को नुकसान पहुँच सकता है जिससे लिवर कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।
२) अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन: अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन करने से लिवर खराब हो सकता है जिससे लिवर कैंसर होने का ख़तरा बढ़ सकता है।
३) गैर-अल्कोहल वसायुक्त लीवर रोग या फैटी लिवर रोग(एनएएफएलडी): एनएएफएलडी एक ऐसा रोग है जिसमें लिवर में अत्यधिक वसा जमने से सूजन और निशान हो सकते हैं, जो लिवर कैंसर के होने का कारण बन सकता है।
४) सिरोसिस: सिरोसिस का अर्थ है, जिसमें लिवर की कोशिकाएँ अत्यधिक मात्रा में नष्ट हो जाती हैं जिससे लिवर कैंसर के बढ़ने का ख़तरा बढ़ जाता है।
लिवर कैंसर के लक्षण (लिवर में कैंसर के लक्षण)
लिवर कैंसर के लक्षण शुरूआती अवस्था में अक्सर नहीं पकड़ में आते हैं क्योंकि लक्षण तभी प्रकट होते हैं जब यह कैंसर अधिक विकसित हो चुका होता है, लेकिन फिर भी यहाँ कुछ शोधों के आधार पर लिवर कैंसर के शुरूआती लक्षण के संदर्भ में चर्चा की गई है:
१) पेट में दर्द: पेट के ऊपरी दाएँ भाग में दर्द या सूजन लिवर कैंसर के लक्षण या लिवर में कैंसर के लक्षण में से एक हो सकता है।
२) पीलिया रोग: त्वचा का पीला पड़ना और आँखों का रंग पीला हो जाना जोकि अक्सर पीलिया रोग में होता है, यह भी लिवर कैंसर के लक्षण में शमिल हो सकते हैं।
३) बिना कारण वजन कम हो जाना: लिवर कैंसर में रोगी का वजन कम हो जाता है। भले ही आप वजन कम करने के लिए कोई एक्सरसाइज़ या किसी और माध्यम से प्रयास ना कर रहे हों लेकिन फिर भी आपका वजन कम हो रहा है तो यह लिवर कैंसर के लक्षण या लिवर में कैंसर के लक्षण में से एक है।
४) भूख में कमी: यदि बहुत कम खाने के बाद भी आपको पेट भरा हुआ महसूस हो या भूख ना लगे तो यह भी लिवर कैंसर के लक्षण में से एक लक्षण हो सकता है।
५) पेट में सूजन: लिवर कैंसर में आपके पेट में द्रव या तरल पदार्थों का निर्माण हो सकता है जो पेट में सूजन का कारण बन सकता है।
६) लगातार थकान: यदि कम शारीरिक मेहनत के बाद भी आप थकान और कमज़ोरी महसूस करते हैं तो यह भी लीवर कैंसर के लक्षण या लिवर में कैंसर के लक्षण में सम्मिलित हो सकता है।
लिवर कैंसर का उपचार
लिवर कैंसर का उपचार सामान्यतः कैंसर के चरण, रोगी के संपूर्ण स्वास्थ्य के साथ और भी बहुत सी बातों पर निर्भर करता है। नीचे दिए गए बिंदुओं के माध्यम से लिवर कैंसर के कुछ उपचार विकल्पों को समझाने का प्रयास किया गया है जोकि इस प्रकार हैं:
१) सर्जरी: लिवर कैंसर की पहचान होने के बाद यदि कैंसर की पुष्टि होती है तो इसके उपचार के लिए सर्जरी उपचार विकल्प का उपयोग चिकित्सक के द्वारा किया जा सकता है। लिवर कैंसर के उपचार के लिए सर्जरी उपचार विकल्प का उपयोग बहुत ही आम है। सर्जरी के दौरान, आसपास के क्षेत्रों के लिवर टिश्यू (लिवर ऊतक) के साथ ट्यूमर को हटाया जाता है। लिवर कैंसर के कई मामलों में लिवर ट्रांसप्लांटेशन विकल्प भी चिकित्सक के द्वारा चुना जा सकता है।
२) रेडिएशन थेरेपी: रेडिएशन थेरेपी एक ऐसी थेरेपी है जिसमें कैंसर सेल्स को नष्ट करने के लिए उच्च ऊर्जा कणों या विकिरण का उपयोग किया जाता है। रेडिएशन थेरेपी उपचार विकल्प का उपयोग अकेले या कई बार सर्जरी के साथ संयोजन में चिकित्सक के द्वारा किया जाता है।
३) कीमोथेरेपी: कीमोथेरेपी में, कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए दवाइयों का उपयोग किया जाता है। कीमोथेरेपी उपचार विकल्प का उपयोग स्टैंडअलोन उपचार विकल्प के रूप में या दूसरे उपचार विकल्पों के साथ संयोजन में भी किया जा सकता है।
४) इम्यूनोथेरपी: इम्यूनोथेरपी में, दवाइयों का उपयोग कर शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को शक्तिशाली बनाया जाता है, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर से लड़ने में मदद मिल सके। इम्म्यूनोथेरेपी उपचार विकल्प का उपयोग सामान्यतः लिवर कैंसर के एडवांस्ड स्टेज में किया जाता है।
क्या लिवर कैंसर का इलाज संभव है
लिवर कैंसर का सफ़ल इलाज पूर्णतः लिवर कैंसर की पहचान की पुष्टि के बाद उसके चरण पर निर्भर करता है। लिवर कैंसर की पहचान यदि प्रारंभिक अवस्था में हो जाए तो चिकित्सकों द्वारा इसका सफ़ल उपचार किया जा सकता है लेकिन उन्नत अवस्था या चरण में लिवर कैंसर की पहचान के बाद भी जीवित रहने की दर में सुधार संभव नहीं है। इसलिए यदि लिवर या यकृत कैंसर के उपरोक्त लक्षणों में से आप कोई भी लक्षण महसूस करते हैं तो जल्द से जल्द चिकित्सक से संपर्क करें और रोग की पहचान के लिए टेस्ट करवाएँ। यह संभव है कि जाँच के बाद कैंसर की पुष्टि नहीं भी हो पाए, किंतु बीमारी से बचने के लिए नियमित जाँच आवश्यक है।
लिवर(यकृत) कैंसर की रोकथाम
लिवर कैंसर के बढ़ने में सहायक कारकों को कम करने के लिए यदि कुछ उपाय किए जाएँ तो संभवतः इसे बहुत हद तक रोका जा सकता है। लिवर कैंसर की रोकथाम के लिए यहाँ कुछ उपायों को समझाया गया है:
१) हेपेटाइटिस बी का टीका लगवाएँ: हेपेटाइटिस बी का टीका लगवाने से हेपेटाइटिस वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है। हेपेटाइटिस बी का टीका लिवर कैंसर को बढ़ने से रोक सकता है।
२) शराब का सीमित मात्रा में सेवन करें: अधिक समय से अत्यधिक मात्रा में शराब के सेवन से लिवर के खराब होने की संभावना बढ़ती है। इस कैंसर से बचने के लिए शराब का सीमित सेवन करना या पूरी तरह शराब का सेवन छोड़ना आवश्यक है।
३) स्वस्थ जीवनशैली अपनाएँ: अधिक वजन और मोटापा से नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लीवर डिजीज (NAFLD) के होने का ख़तरा बढ़ता है जिससे लिवर कैंसर हो सकता है। स्वस्थ आहार लेने से और नियमित व्यायाम से स्वस्थ वजन बनाए रखना संभव है। अतः इस प्रकार की एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से लिवर कैंसर को बढ़ने से काफ़ी हद तक रोका जा सकता है।
४) सुरक्षित यौन संबंध बनाएँ: असुरक्षित यौन संबंध बनाने से हेपेटाइटिस बी और सी फैलने का ख़तरा होता है। एक सुरक्षित यौन संबंध इस प्रकार के संक्रमण को फैलने से रोक सकता है।
५) नियमित स्व-जाँच करें और डॉक्टर से टेस्ट करवाएँ: लिवर कैंसर के लक्षणों की शुरुआत में ही यदि पहचान हो जाए तो इसका सफ़ल उपचार संभव है। नियमित रूप से स्व-जाँच से ही हम लीवर कैंसर के लक्षणों की शुरुआत में पहचान कर सकते हैं। यदि आपके परिवार में यह कैंसर पहले भी किसी को हो चुका है तो स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहें और किसी भी लक्षण का अनुभव करने पर तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करें।
निष्कर्ष
लिवर कैंसर एक गंभीर बीमारी है जो हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमण, शराब के अत्यधिक सेवन, फैटी लिवर रोग (NAFLD) के साथ और भी कई कारकों के सहयोग से फैलती है। लीवर कैंसर के लक्षणों की शुरुआत के चरणों में पहचान कर पाने में कठिनाई हो सकती है, क्योंकि इसके लक्षण उन्नत चरणों में ही प्रकट होते हैं, लेकिन फिर विशेषज्ञों के शोधों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि इसके कुछ लक्षणों में पेट में दर्द, त्वचा और आँखों का पीला पड़ जाना (पीलिया रोग), बिना कारण वजन घटना इत्यादि शामिल हो सकते हैं। लिवर कैंसर का इलाज सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी, कीमोथेरेपी और इम्यूनोथेरपी जैसे उपचार विकल्पों की सहायता से किया जाता है, लेकिन सफ़ल उपचार केवल निदान के बाद कैंसर के चरण पर निर्भर करता है। कुछ उपायों को करके इस कैंसर को बढ़ने से रोका जा सकता है जैसे, हेपेटाइटिस बी का टीका लगवाना, शराब का सीमित सेवन करना, स्वस्थ आहार लेना और स्वस्थ वजन बनाए रखना, सुरक्षित यौन संबंध बनाना,और नियमित टेस्ट करवाना। लिवर कैंसर के कारणों, लक्षणों और उपचार विकल्पों को समझकर इस बीमारी का सफ़लतापूर्वक इलाज किया जा सकता है साथ ही हमारे लिए एक सुखी जीवन जीने की संभावना भी बढ़ सकती है।
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