अतीत के पन्नों को पलट कर देखने पर यह पता चलता है कि पहले के समय में ऐसा माना जाता था की ओमेगा 3 और ओमेगा 6 ऑयल में पाया जाता है। लेकिन मेडिकल साइंस ने इस बात को झुठलाया कि ओमेगा एसिड अलसी में भी पाया जाता है। ओमेगा फैटी एसिड हर बीमारी का रामबाण इलाज है। समय के बढ़ते क्रम में यह भी पता चला कि अलसी में फाइबर की मात्रा कम होती है इसलिए इसके सेवन से कब्ज, अपच और पेट से जुडी समस्याओं का निदान मिल सकता है।आज के इस लेख में अलसी तेल क्या होता है, अलसी तेल कैसे बनाएं, अलसी के तेल में क्या पाया जाता है, अलसी के तेल में क्या पाया जाता है, अलसी का तेल किस काम में आता है, अलसी का तेल के फायदे, अलसी के तेल का नुकसान, अलसी का तेल खाने का तरीका और निष्कर्ष।
Table of Contents
अलसी क्या होता है? (Flaxseed In Hindi)

अलसी एक ऐसा औषधीय पदार्थ जो सेहत के लिए वरदान माना जाता है। इसके बीज से निकलने वाला पोषक तत्वों से युक्त तेल को अलसी का तेल कहते हैं। ओमेगा फैटी एसिड होने के कारण यह फिश ऑयल और टी ट्री ऑयल का सबसे अच्छा विकल्प है। इसका एक अन्य नाम तीस भी है। इसमें बहुत सारे विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं जो बीमारियों को कोसों दूर करते हैं।
अलसी तेल कैसे बनाएं?
अलसी का तेल बनाना बहुत आसान है। अलसी के बीज लें और अच्छे से साफ कर लें। अब मिक्सर ग्राइंडर में अलसी के बीज को बिलकुल बारीक पीस लें ताकि वह बुरादा (पाउडर) हो जाए। आप चाहें तो इसे मसाले पीसने वाली दुकान से भी पिसवा सकते हैं। ध्यान रखें कि पीसते समय अलसी का बुरादा बहुत गर्म न होने पाए अन्यथा तेल के पोषक तत्व की हानि हो सकती है। इसके बाद किसी मुलायम साफ कपड़े में बाँध कर दबाएं तब तक जब तक बुरादे से तेल अच्छी तरह न निचोड़ लिया जाए। निकले हुए तेल को किसी कांच के बोतल में भर लें।
अलसी के तेल में क्या पाया जाता है?
अलसी के तेल में अल्फा-लिनोलेनिक एसिड होता है। इस एसिड को शार्ट में एएलए कहते हैं। एएलए मानव शरीर के विकास के लिए आवश्यक होता है। शरीर के सम्पूर्ण विकास और समृद्धि के लिए अल्फा-लिनोलेनिक एसिड आवश्यक होता है। इसके अतिरिक्त इसमें ओमेगा 3 और ओमेगा 6 फैटी एसिड होता है जो केवल फिश ऑयल में पाया जाता है। संयुक्त ओमेगा एसिड ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है। ये कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है और हृदय संबंधी बीमारियों के लिए रामबाण इलाज प्रदान करता है। इसके अलावा अलसी में फाइबर कम पाया जाता है जो पेट संबंधी समस्याओं जैसे कब्ज और अपच से भी राहत दिलाता है। अलसी बहुत अच्छा एंटीऑक्सीडेंट होता है इसलिए त्वचा की सुरक्षा और वृद्धि के लिए लाभकारी होता है। बाल और नाखूनों की वृद्धि के लिए ओमेगा फैटी एसिड लाभकारी होता है जो अलसी में पाया जाता है। इसमें पाया जाने वाला ओमेगा एसिड बालों को घना, काला, लंबा और सुरक्षित रखता है।
अलसी का तेल किस काम में आता है?
अलसी में एंटीइंफ्लेमेन्ट्री गुण पाए जाते हैं जो जोड़ों की सूजन के उपचार के लिए असरकारक होता है। अलसी में पाया जाने वाला ओमेगा फैटी एसिड डायबिटीज को कम करने में मदद करता है। हालांकि इसका कोई ठोस प्रमाण नहीं है लेकिन ओमेगा एसिड माइग्रेन, डिमेंशिया और डिप्रेशन को भी समय के बढ़ते क्रम में ठीक करने का दावा करता है। अलसी कब्ज, अपच और पेट से जुड़ी समस्याओं के निदान के लिए काम में लाया जाता है। इसके अलावा अलसी का तेल अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने और बुरे कोलेस्ट्रॉल को घटाने के लिए काम आता है। अलसी रक्त संबंधी रोगों के उपचार के लिए काम में लाया जाता है। साथ ही ये नाखूनों को बढ़ाने के लिए भी काम में लाया जाता है। अलसी तेल बालों को काला, घना, लंबा और मजबूत बनाता है। त्वचा संबंधित रोगों को जड़ से समाप्त करने के लिए अलसी काम में लाया जाता है। इसलिए लोग ठंडी में अलसी तेल बाल, हाथ और पैर में लगाते हैं क्योंकि यह त्वचा, बाल और नाखून तीनों के लिए अच्छा होता है।
अलसी का तेल के फायदे
अलसी का तेल दिल, दिमाग, त्वचा, नाखून और बाल सभी को चुस्त और दुरुस्त रखता है। अलसी में पाया जाने वाला ओमेगा 3 फैटी एसिड ब्लड प्रेशर के स्तर को कम करने में सहायक होता है। चूंकि अलसी रक्त संबंधी बीमारियों के लिए रामबाण इलाज होता है इसलिए वह दिल की बीमारियों को भी ठीक करता है। श्वास रोग जैसे अस्थमा को अलसी के सेवन से ठीक किया जा सकता है। अलसी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट न केवल रक्त संबंधी रोगों का उपचार करता है अपितु ये त्वचा, बाल और नाख़ून के लिए भी अच्छा होता है। डिमेंशिया, डिप्रेशन और माइग्रेन जैसी मानसिक बीमारियों को भी अलसी के तेल से ठीक किया जा सकता है।
आइए जानें अलसी के तेल के फायदे जो कि निम्नलिखित हैं :
- मोटापा कम करता है : वजन घटाने का सबसे अच्छा, प्राकृतिक और आसान तरीका अलसी के तेल का सेवन है। अलसी में मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड चर्बी घटाने (फैट बर्न) में सहायक होता है इसलिए वजन घटाने के लिए अलसी के तेल का सेवन करना चाहिए।
- कब्ज से छुटकारा : अलसी न केवल मोटापा कम करता है अपितु पेट से जुड़ी समस्या जैसे कब्ज और अपच की समस्या का तुरंत समाधान करता है। दरअसल अलसी में फाइबर की मात्रा कम होती है इसलिए पेट से संबंधित रोगों से ग्रसित मरीज को कम फाइबर युक्त आहार की सलाह दी जाती है।
- त्वचा के लिए लाभकारी : अलसी में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट त्वचा संबंधित रोगों को जड़ से समाप्त करता है। अलसी को एंटीऑक्सीडेंट का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है। ये एन्टिओक्सीडेंट शरीर की त्वचा के लिए मॉश्चराइज़र की तरह काम करता है। इसलिए नहाने के पश्चात अलसी का तेल लगाने से त्वचा रूखी सूखी नहीं रहती और स्किन एलर्जी भी नहीं होती।
- नाखून और बाल के लिए : अलसी में पाया जाने वाला ओमेगा 3 एसिड नाखून और बालों की वृद्धि के लिए सबसे अच्छा आहार है। ये बालों को सुरक्षित, काले और घने बनाता है तथा दोमुंहे बालों से भी निजात दिलाता है।
- मधुमेह कंट्रोल करता है : ओमेगा 3 फैटी एसिड न केवल मोटापा कम करता है अपितु मोटापे से संबंधित बीमारी मधुमेह को भी नियंत्रित करता है। दरअसल ओमेगा 3 फैटी एसिड ब्लड शुगर के लेवल को कम करता देता और फलस्वरूप मधुमेह अर्थात डायबिटीज भी कंट्रोल हो जाती है। इसलिए डायबिटीज के मरीज को अलसी के तेल के सेवन की सलाह दी जाती है।
- कोलेस्ट्रॉल कम करता है : अलसी में मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। दरअसल अलसी में पाया जाने वाला ओमेगा 3 व्यक्ति के शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने और बुरे कोलेस्ट्रॉल को घटाने का काम करता है।
- ब्लड शुगर कंट्रोल करता है : अलसी में पाया जाने वाला ओमेगा फैटी एसिड ब्लड शुगर को कंट्रोल करने का सबसे अच्छा आहार है। ब्लड शुगर के कंट्रोल होने से कोलेस्ट्रॉल और मधुमेह भी कम हो जाता है। इससे धमनियां लचीली होती हैं और हृदय संबंधी बीमारियों का उपचार भी होता है।
- हृदय रोग में लाभकारी : चूंकि अलसी कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह और ब्लड शुगर को कंट्रोल कर देता इसलिए अलसी का सेवन करने से हृदय से संबंधित बीमारियां भी कोसों दूर हो जाती हैं। दरअसल कोलेस्ट्रॉल, मधुमेह और ब्लड शुगर का सीधा संबंध हृदय से इसलिए इन तीनों के कंट्रोल होने से हृदय भी स्वस्थ रहता है।
- घाव आसानी से भर देता है : अलसी में पाया जाने वाला ओमेगा 3 और ओमेगा 6 एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है इसलिए ये घाव को जल्दी भर देता है। ये धमनियों की दीवार को लचीला बनाता है ताकि प्लेक का निर्माण न हो इसलिए अलसी के कारण घाव जल्दी भर जाते हैं।
- माइग्रेन का दर्द करे कम : मानसिक रोग जैसे माइग्रेन और डिमेंशिया में अलसी का तेल बहुत असरकारक होता है। अलसी में पाया जाने वाला ओमेगा 3 और ओमेगा 6 माइग्रेन के दर्द को समय के बढ़ते कर्म में कम कर देता है। दरअसल ओमेगा 3 और ओमेगा 6 वो फैटी एसिड है जो शरीर बना नहीं पाता इसलिए उनकी पूर्ति हेतु अलसी का सेवन करना चाहिए। जो लोग फिश आयल का सेवन नहीं कर सकते उनके लिए बहुत अच्छा विकल्प होता है।
- डिमेंशिया और डिप्रेशन : हालांकि इसके कोई प्रमाणित शोध नहीं है लेकिन ओमेगा 3 और ओमेगा 6 डिमेंशिया और डिप्रेशन को ठीक करने में मदद करता है। डिमेंशिया और अलसी का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य लेवे।
अलसी के तेल का नुकसान
अलसी के जितने फायदे हैं उतने ही नुकसान भी हैं। अगर सही जानकारी न हो अलसी लाभ देने के बजाए हानि भी पहुंचा सकती है। कुछ विशेष परिस्थितियों में अलसी के तेल का प्रयोग या सेवन वर्जित है।
आइए जानें अलसी के तेल के नुक्सान जो कि निम्नलिखित हैं :
- खाना पकाने के तेल के रूप में : अलसी तेल अपने पोषक तत्व खो देता है अगर इसे गर्म किया जाए इसलिए अलसी तेल खाना पकाने के तेल के रूप में प्रयोग नहीं किया जाता। दरअसल खाना पकाते समय जो आग की गर्मी तेल को प्राप्त होती है तो ओमेगा फैटी एसिड आसानी से टूट जाता है और फलस्वरूप इसका सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व की हानि हो जाती है।
- गर्भावस्था के पश्चात : शिशु के जन्म के पश्चात अलसी तेल माँ और नवजात दोनों के लिए हानिकारक हो सकता है। आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श पश्चात ही अलसी तेल गर्भावस्था में प्रयोग करें अन्यथा नहीं।
- दूध पीते बच्चों के लिए : अलसी तेल साथ-आठ वर्ष के बच्चों के लिए हानिकारक नहीं है लेकिन छह महीने से छोटे नवजात शिशु को अलसी के तेल के प्रयोग से बचना चाहिए अन्यथा उन्हें नुकसान हो सकता है।
- चोट या सर्जरी के दौरान : अगर किसी व्यक्ति को चोट लगी है या वह दुर्घटनाग्रस्त है तो ऐसे में उसे अलसी के तेल को शरीर पर नहीं लगाना चाहिए। इसके अलावा सर्जरी के तुरंत बाद भी अलसी के तेल को नहीं लगाना चाहिए।
- अत्यधिक सेवन न करें : अगर कोई व्यक्ति प्रतिदिन एक चम्मच से अधिक अलसी के तेल का सेवन करता है तो उसे अपच, दस्त और पेट से जुड़ी अन्य समस्याएं सकती हैं। ब्लड प्रेशर के मरीज को अलसी के तेल का सेवन नहीं करना चाहिए।
अलसी का तेल खाने का तरीका
कई पोषक तत्वों से भरपूर अलसी हमारे सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसका सेवन करने से बीमारियां छूमंतर हो जाती हैं। अलसी का रोजाना सेवन करने से शरीर को भरपूर मात्रा में ओमेगा 3, फैटी एसिड, घुलनशील फाइबर, अनेक प्रकार के विटामिन और मिनरल्स प्राप्त होते हैं। अलसी के लाभ पाने के लिए इसके बीज का सेवन कर सकते हैं। हालांकि अलसी का तेल भी बहुत लाभकारी होता है। लेकिन अलसी तेल खाने के कई तरीके हैं जिससे आम लोग अनजान हैं।
आइए निम्न बिंदुओं के माध्यम से जानें अलसी का तेल खाने का तरीका :
- प्रतिदिन एक चम्मच अलसी का तेल : अगर नित दिन एक चम्मच अलसी तेल पी लिया जाए तो शरीर से बीमारियां कोसों दूर हो जाती हैं। अलसी तेल पीने से इसमें मौजूद विटामिन, मिनरल्स और अन्य पोषक तत्व सीधे तौर पर शरीर को प्राप्त हो जाते हैं।
- भुनी हुई अलसी : अलसी के फायदे शरीर को मिले इस हेतु भुनी हुई अलसी भी बहुत लाभकारी होती है। भुनी हुई अलसी खाने से मोटापा कम होता है। इसके अलावा भुनी हुई अलसी कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने में मदद करती है। कब्ज, अपच और पेट की समस्याओं से भी छुटकारा मिल जाता है।
- सलाद में डालें असली का तेल : आप जो भी सलाद खाते हैं जैसे प्याज, खीरा, टमाटर आदि उसमें एक चम्मच अलसी तेल डालें और चाव से खाएं। अलसी तेल को सलाद में डालने से ये उसका स्वाद तो बढ़ाता ही है साथ ही पोषक तत्वों को आप तक सीधे-सीधे पहुंचा रहा है।
- आलू का भरता : आलू को उबालकर उसमें एक चम्मच अलसी तेल तथा स्वादानुसार नमक, मिर्च डालें। ऐसा करने से अलसी तेल में मौजूद पोषक तत्व की हानि नहीं होती।
- दही में डाले अलसी तेल : यह भी एक आसान तरीका है अलसी के तेल को खाने का और इसमें कोई विशेष तैयारी नहीं करनी पड़ती। बस एक चम्मच अलसी तेल दही में डालें और गप्प कर के खा जाए।
- मूसली के साथ : एक चम्मच अलसी तेल मूसली में मिला कर खाने से सभी बीमारियां दूर भाग जाती हैं और शरीर चुस्त-दुरुस्त रहता है।
निष्कर्ष
अलसी सेहत के लिए वरदान माना जाता है। इसके सेवन से सभी प्रकार की बीमारियां शरीर से दूर रहती हैं। अलसी का तेल शरीर के सम्पूर्ण विकास के लिए आवश्यक है। अलसी में ओमेगा 3 और ओमेगा 6 फैटी एसिड पाया जाता है जो त्वचा संबंधी रोगों को जड़ से समाप्त करता है। साथ ही अलसी का तेल नाखूनों की अच्छी वृद्धि करता है और उन्हें मजबूत बनाता है। अलसी के तेल को बाल में लगाने से वे घने, लंबे, काले और मजबूत बनते हैं। अलसी के तेल का सेवन मोटापा कम करता है। साथ ही कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर और हृदय संबंधी रोगों के होने का खतरा कम करता है।