उल्टी के साथ खून आना एक गंभीर समस्या की और इंगित करता है। आज के इस लेख में खून की उल्टी को क्या कहते हैं, खून की उल्टी क्यों होती है, खून की उल्टी कब होती है, खून की उल्टी कैसे होती है, खून की उल्टी होने पर कौन सी बीमारी होती है, खून की उल्टी के लक्षण, खून की उल्टी के कारण, खून की उल्टी रोकने के उपाय, खून की उल्टी में टेस्टऔर निष्कर्ष पर विस्तार से प्रकाश डालने वाले हैं। यह ध्यान रहे कि जब कोई व्यक्ति बीमार हो जाता है तो उसका शरीर उल्टी के लक्षण को प्रमुख रूप से प्रदर्शित करता है। उल्टी आने के कई कारण हो सकते हैं जैसे बुखार, गैस की समस्या, एसिडिटी, अपच, खराब या बांसी खाना ग्रहण कर लेने से, तनाव आदि-आदि। ये एक भीतरी या अंदरूनी रोग है जिसमें शरीर का विकार अन्य छिद्रों के बजाए व्यक्ति के मुँह से अपना मार्ग प्रशस्त करता है। किंतु उल्टी में खून या ब्लड उल्टी एक गंभीर समस्या है और यह मेडिकल इमरजेंसी की ओर इशारा करता है।
Read More: Impactguru hospital finder
Table of Contents
खून की उल्टी को क्या कहते हैं?

खून की उल्टी को मेडिकल टर्मिनोलॉजी में हेमेटेमेसिस कहते हैं। इसका एक अन्य नाम रक्तगुल्म भी है। आम भाषा में इसे ब्लड उल्टी भी कहते हैं। ये एक गंभीर समस्या है जिसमें उल्टी होने पर अन्य पदार्थों के साथ-साथ खून भी निकलता है जो रक्त का छोटा कण तो कदापि नहीं होता। चूंकि उल्टी में खून की मात्रा बहुत अधिक होती है इसलिए ऐसी अवस्था में अपने नजदीकी डॉक्टर से अवश्य संपर्क कर परामर्श और उपचार प्राप्त करें।
खून की उल्टी क्यों होती है?
खून की उल्टी अस्वस्थ शरीर का संकेत देता है। ऐसा भी हो सकता है कि ये किसी आपातकालीन मेडिकल परिस्थिति की ओर इशारा हो। चाहे जो भी कारण हो, उल्टी में खून दिखाई देने पर अपने नजदीकी डॉक्टर से अवश्य संपर्क करें और उचित उपचार का मार्ग प्रशस्त करें।
आइए, निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से जानें कि खून की उल्टी क्यों होती है :
- छोटी आंत में रक्त का अत्यधिक रिसाव हो जाए।
- अगर ब्लड की उल्टी के साथ पेट दर्द और जलन की समस्या है तो अल्सर के कारण भी खून की उल्टी होने लगती है।
- अगर पेट में गेस्ट्राइटिस की गंभीर शिकायत है तो खून की उल्टी हो सकती है।
- मुंह से ग्रहण किया गया भोजन जिस नली की सहायता से पेट तक पहुंचता है, अगर उसमें रक्त का अत्यधिक रिसाव हो जाए तो खून की उल्टी होने लगती है।
- कभी-कभी रक्त संबंधी रोग जैसे ल्यूकेमिया, एनीमिया, प्लेटेटस की संख्या में कमी आदि बीमारियों के चलते भी खून की उल्टी हो सकती है।
- दुर्लभ परिस्थितियों (सौ में से एक केस) में ऐसा भी पाया गया है कि पेट में कैंसर(गैस्ट्रिक कैंसर) होने के चलते खून की उल्टी होने लगती है।
खून की उल्टी कब होती है?
भोजन की नली, छोटी आंत में रक्त के अत्यधिक रिसाव के चलते खून की उल्टी होने लगती है। इसके अलावा अल्सर के कारण भी खून की उल्टी होती है। जो व्यक्ति गैस्ट्राइटिस की गंभीर समस्या से जूझ रहा है, उसे भी खून की उल्टी होती है।
खून की उल्टी कैसे होती है?
खून की उल्टी का अर्थ यह है कि व्यक्ति या रोगी के भीतर किसी भी कारण से हो रहे रक्त के अत्यधिक रिसाव को शरीर से बाहर निकाला जा रहा है। खून की उल्टी में निकला हुआ पदार्थ गहरा लाल रंग अथवा कॉफी के रंग का हो सकता है। ऐसा भी देखा गया है कि खून की उल्टी में खाना या किसी भी प्रकार का पदार्थ विकार के रूप में बाहर न निकला हो अपितु केवल खून की ही उल्टी होती है। हालांकि खून की उल्टी को खून वाली खांसी के साथ नहीं जोड़ना चाहिए। इसे उस समस्या या अवस्था के साथ भी नहीं जोड़ना चाहिए जब मरीज को मल के साथ खून भी निकल रहा होता है।
खून की उल्टी होने पर कौन सी बीमारी होती है?
खून की उल्टी होने पर पेट में अल्सर की बीमारी तथा गैस्ट्राइटिस की गंभीर समस्या हो सकती है। हालांकि ब्लड उल्टी के साथ-साथ पेट में चुभने वाला दर्द और जलन की भी शिकायत रहती है। इसके अलावा खून की उल्टी होने पर ओसोफेजियल वैरकाज़, गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज, एनीमिया, प्लेटलेट्स की कमी, हीमोफीलिया, ल्यूकेमिया, गैस्ट्रिक कैसंर आदि बीमारियां हो सकती हैं। लेकिन खून की उल्टी होने पर आप स्वयं किसी निष्कर्ष पर ना पहुंचे अपितु तुरंत डॉक्टर की सलाह पर मेडिकल टेस्ट कराएं और उचित उपचार प्राप्त करें।
खून की उल्टी के लक्षण
लोगों को यह भ्रम है कि खून की उल्टी का लक्षण के रूप में एकल अस्तित्व है। खून की उल्टी एक लक्षण अवश्य है लेकिन वह अनेक लक्षणों के साथ व्यक्ति में दिखाई देता है। साथ ही ब्लड उल्टी स्वयं कोई रोग या बीमारी नहीं है अपितु किसी बीमारी का लक्षण है।
आइए जानें खून की उल्टी के लक्षण जो कि निम्नलिखित हैं :
- व्यक्ति की उल्टी में खून की मात्रा बहुत अधिक होती है।
- उल्टी में खून की मात्रा भले कम या अधिक हो लेकिन यह जरूरी नहीं कि उल्टी में किसी प्रकार के पदार्थ के साथ खून ही निकले। कई बार केवल खून की ही उल्टी होती है। लेकिन जो खाना पच नहीं पाया, वह भी खून के साथ उल्टी में बाहर निकल जाता है।
- पेट में असहनीय पीड़ा होने लगती है। यह दर्द चुभन से भरा होता है।
- दर्द के साथ पेट में तीव्र जलन की भी शिकायत रहती है।
- कोई परिश्रम नहीं करने के बावजूद थकान और कमजोरी लगती है। शरीर की ऊर्जा हमेशा कम रहती है।
- व्यक्ति में चक्कर आना और बेहोशी के संकेत भी दिखाई देते हैं।
- व्यक्ति को जी मचलने की भी शिकायत रहती है।
- खून की उल्टी व्यक्ति में रक्त संबंधी रोगों को भी जन्म दे सकती है।
खून की उल्टी के कारण
उल्टी में खून या ब्लड उल्टी आने के एक नहीं अपितु अनेक कारण हो सकते हैं। उन सभी कारणों को विस्तार से लेख के इस भाग में टंकित किया गया है। इस बात का ध्यान रहे कि खून की उल्टी होने पर स्व जांच या स्वयं जांच न करें क्योंकि ये एक मेडिकल इमरजेंसी है और ऐसे में केवल एक डॉक्टर ही आपकी सहायता कर सकता है।
आइए जानें खून की उल्टी के कारण जो कि निम्नलिखित हैं :
- अल्सर के कारण : स्टमक अल्सर या पेप्टिक अल्सर वह रोग है जिससे पीड़ित रोगी में खून की उल्टी के लक्षण देखने को मिलते हैं। अपच, बुखार, भूख कम लगना, वजन घटना और सीने में जलन इसके अन्य लक्षण हैं। पेट के परत में छाले जिसके चलते रक्त का अत्यधिक रिसाव हो सकता है। इसलिए अल्सर के मरीज को खून की उल्टी की शिकायत प्रमुख रूप से होती है।
- गंभीर गैस्ट्राइटिस के कारण : पेट की परत में जलन की समस्या जब बहुत गंभीर हो जाए तो हो सकता है कि मरीज को खून की उल्टी होने लगे। हालांकि गैस्ट्राइटिस एक ऐसा रोग है जो अमूमन गंभीर रूप नहीं लेता और स्वतः ही ठीक हो जाता है लेकिन कुछ मामले ऐसे भी सामने आये हैं जब मरीज में खून की उल्टी के लक्षण भी देखने को मिले।
- लिवर खराब होने के कारण : अल्कोहोलिक लिवर डिजीज अर्थात शराब के सेवन से होने वाली बीमारी के कारण भी खून की उल्टी होती है। दरअसल शराब पीने के कारण लिवर खराब हो जाता है और फलस्वरूप अनेक प्रकार की समस्याएं पैदा होने लगती हैं जिसमें से एक समस्या खून की उल्टी भी है। लिवर की समस्या भी आगे चलकर ओसोफेजियल वैरकाज़ को जन्म देती है।
- ओसोफेजियल वैरिकाज़ के कारण : गले और पेट से जुड़ी नली जिसे ओसोफेगस कहते हैं, इसमें असामान्य रूप से नस बढ़ने लगती है और परिणामस्वरूप इसकी बाहरी संरचना कमजोर हो जाती है। कमजोर होने के चलते इसमें रक्त का रिसाव होने लगता है और कुछेक मामलों में यह टूट भी जाता है। इस बीमारी में रक्त का रिसाव तो होता है लेकिन दर्द या असहनीय पीड़ा की शिकायत नहीं होती।
- गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज के कारण : इसे शॉर्ट में जी-ओ-आर-डी कहते हैं। पेट से जुड़ी एक आम और प्रचलित बीमारी जिसमें पेट में बने अम्ल(एसिड) भोजन नली में लीक होने लगती है। यह लीकेज इतनी असहनीय होती है कि ओसोफेजस से रक्त का अत्यधिक रिसाव होने लगता है। गैस्ट्राइटिस की तरह यह भी एक ऐसी बीमारी है जो अमूमन गंभीर रूप नहीं लेता और स्वतः ही ठीक हो जाती है लेकिन कुछ मामले ऐसे भी सामने आये हैं जब मरीज में खून की उल्टी के लक्षण भी देखने को मिले।
- ग्रासनली फटने के कारण : अगर किसी व्यक्ति को लंबे समय से उल्टी और उबकाई की शिकायत हो तो ऐसे में गला छिल जाता है। गले की कोशिका इतनी मुलायम होती है कि छिलने के पश्चात रक्त का अत्यधिक रिसाव होने लगता है और फलस्वरूप खून की उल्टी होने लगती है। इसके अलावा अन्य किसी भी कारणों से अगर ग्रासनली फट जाती है तो रक्त का रिसाव बहुत अधिक मात्रा में हो सकता है।
- ब्लड रिलेटेड बीमारियों के कारण : जब किसी व्यक्ति को रक्त से संबंधित कोई रोग हो जाए तो ऐसे में रक्त का रिसाव होना स्वाभाविक और सबसे प्रमुख लक्षण होता है। ब्लड रिलेटेड बीमारियां जैसे एनीमिया, प्लेटलेट्स की कमी, हीमोफीलिया, ल्यूकेमिया आदि में रोगी को खून की उल्टी हो सकती है।
- गैस्ट्रिक कैंसर के कारण : पेट के कैंसर को गैस्ट्रिक कैंसर भी कहते हैं। अपच, भूख नहीं लगना, वजन घटना और पेट दर्द के अलावा पेट के कैंसर का रोगी खून की उल्टी के लक्षण को भी प्रदर्शित करता है। हालांकि गैस्ट्रिक कैंसर के रोगी को उल्टी में खून के अलावा मल से भी खून आने की शिकायत रहती है।
खून की उल्टी रोकने के उपाय
खून की उल्टी को रोकने के लिए सबसे अच्छा उपाय डॉक्टर से परामर्श है। दरअसल खून की उल्टी एक आपातकालीन परिस्थिति है जिसमें एक मिनट भी देरी नहीं करनी चाहिए अन्यथा व्यक्ति को इसके परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। हालांकि मेडिकल टेस्ट और उपचार के अतिरिक्त व्यक्ति चाहे तो उचित मार्गदर्शन के अंतर्गत घरेलू उपाय भी कर सकता है।
आइए जानें खून की उल्टी रोकने के उपाय जो कि निम्नलिखित हैं :
- शराब का सेवन न करें : मदिरापान अथवा शराब का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसका सेवन लिवर से जुड़ी समस्याओं को जन्म देता है जिसके चलते खून की उल्टी की समस्या भी जन्म ले सकती है। अर्थात अल्कोहल लिवर डिजीज के चलते व्यक्ति को खून की उल्टी होने लगती है।
- धूम्रपान न करें : सिगरेट पीने से फेफड़े में कैसंर होने की संभावना बहुत अधिक बढ़ जाती है। अगर व्यक्ति सिगरेट पीना नहीं छोड़ता तो फेफड़े में सूजन और ट्यूमर का निर्माण हो जाता है जो आगे चलकर खून की उल्टी के लक्षण को प्रतिफलित कर सकता है।
- अत्यधिक तेल और मसालेदार भोजन : ऐसा भोजन जिसमें पौष्टिक तत्वों की कमी हो और जो शरीर के लिए हानिकारक है उसका सेवन नहीं करना चाहिए। भोजन ग्रहण करने की प्रक्रिया में चबाने के पश्चात गले से निगलना होता है, अर्थात वह आपके गले और भोजन की नली से गुजरता हुआ पेट में जाता है। यानी हानिकारक भोजन पदार्थ आपके मुलायम कोशिकाओं वाले भीतरी अंग जैसे गले, भोजन नली, पेट और पाचन तंत्र को हानि पहुंचाता है और रक्त का रिसाव होने लगता है जो उल्टी के साथ बाहर आ जाता है।
- दूषित खाना और गंदे पानी से परहेज : दूषित खाना और गंदे पानी का सेवन करने से पेट में अनेक प्रकार की समस्याएं जन्म लेती हैं जिसके चलते खून में उल्टी की शिकायत हो सकती है। आपका भोजन और पीने का पानी साफ रहेगा तो आप किसी भी गंभीर, घातक और जानलेवा बीमारी से आप कोसों दूर रहेंगे।
- प्रदूषित वातावरण में न रहे : अगर आप ऐसे स्थान में निवास करते हैं जहाँ वातावरण में फैक्ट्री, गाड़ी आदि कारणों से विष घुला हुआ है तो निश्चित ही आपको उल्टी में खून की समस्या हो सकती है। प्रदूषित वातावरण फेफड़ों को प्रभावित करता है जिसके चलते श्वास तंत्र भी बीमारियों से अछूता नहीं रहता। श्वास रोग या सांस की बीमारियां खून की उल्टी के लक्षण को व्यक्ति में अवश्य रूप से प्रदर्शित कर सकती हैं।
खून की उल्टी में टेस्ट
जैसा कि विदित है कि खून की उल्टी के एक नहीं बहुत सारे कारण होते हैं इसलिए जब भी कोई मरीज डॉक्टर से परामर्श केंद्र पर भेंट करता है तो कुछ टेस्ट या जांच की सलाह दी जाती है। इन टेस्ट की सहायता से मरीज में खून की उल्टी के कारणों का पता लगाया जाता है। हालांकि लक्षण, व्यक्ति विशेष और रोग की गंभीरता के आधार पर टेस्ट का सुझाव दिया जाता है।
डॉक्टर्स आपको खून की उल्टी में निम्नलिखित टेस्ट का सुझाव दे सकते हैं :
- अल्ट्रासाउंड : अल्ट्रासाउंड की सहायता से पाचन तंत्र, रक्त वाहिका, हृदय से संबंधित रोगों की जांच की जाती है। इसकी तरंगे शरीर के भीतरी संरचना का स्पष्ट चित्र स्कैनिंग की मदद से उकेरती हैं। इसलिए खून की उल्टी आने पर इस टेस्ट का सुझाव दिया जाता है।
- सीटी स्कैन : शरीर की अंदरूनी भाग का चित्र खींचने के लिए एक विशेष एक्स-रे तकनीक का प्रयोग किया जाता है जिसे सीटी स्कैन कहते हैं। यह रक्त से संबंधित बीमारियों का पता आसानी से लगा लेता है।
- एमआरआई : इसका पूरा नाम मैग्नेटिक इमेजिंग रेजोनेंस है। मैग्नेटिक फील्ड की सहायता से रेडियो तरंगें पैदा की जाती है जो शरीर के मुलायम कोशिकाओं का चित्र खींच लेती है। ओसोफैगस, पेट मुलायम कोशिकाओं से निर्मित है और खून की उल्टी का उत्पत्ति स्थान भी।
- कंप्लीट ब्लड काउंट टेस्ट या सीबीसी : रक्त से जुड़ी बीमारियां (जो उलटी में खून का मुख्य कारण होती है) उसकी जांच के लिए जिस विशेष टेस्ट है जिसे सीबीसी कहते हैं। कंप्लीट ब्लड टेस्ट की सहायता से रेड ब्लड सेल, वाइट ब्लड सेल और प्लेटलेट्स की संख्या का पता चलता है। इसके अलावा शरीर में कितना हीमोग्लोबिन है इसका पता लगाने के लिए भी सीबीसी टेस्ट कराया जाता है।
- बायोप्सी : कोशिकाओं के सैंपल की जांच जिस प्रक्रिया के माध्यम से की जाती है उसे बायोप्सी कहते हैं। इस टेस्ट का मुख्य उद्देश्य कोशिकाओं में होने वाली बीमारी का पता लगाना है।
निष्कर्ष
खून की उल्टी को हेमेटेमेसिस या रक्तगुल्म कहते हैं। यह एक गंभीर, घातक और चिंताजनक समस्या है। कुछ मामलों में जानलेवा भी हो सकती है। उल्टी में खून आने के अलावा, चुभन भरा पेट दर्द, पेट में जलन, बेहोशी और चक्कर आना, कमजोरी और थकान तथा भूख कम लगना इसके लक्षण हो सकते हैं। अल्सर, गैस्ट्रिक कैंसर, गैस्ट्राइटिस, अल्कोहोलिक लिवर डिजीज आदि बीमारियों के कारण खून की उल्टी हो सकती है। इसके बचाव में शराब और सिगरेट के सेवन से परहेज करना चाहिए। साथ ही प्रदूषण युक्त वातावरण से भी दूरी बनाना चाहिए।
चूंकि खून की उल्टी मेडिकल इमरजेंसी की ओर इशारा करती है इसलिए ये गंभीर, घातक बीमारी कभी भी अपनी चपेट में ले सकती है। मध्यम वर्गीय और निर्धन लोगों के पास जानलेवा बीमारी के इलाज हेतु धन की कमी हो सकती है। ऐसे समय में धीरज बांधना चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है। लेकिन निराश होने की आवश्यकता नहीं है। क्राउडफंडिंग आपको इस संकट काल से बाहर निकालने में मदद कर सकता है। क्राउडफंडिंग के कैंपेन के माध्यम से आप अपनी आवश्यकता को उन लोगों तक पहुंचाते हैं जो बुरे समय में आपकी मदद कर सकते हैं।