गठिया रोग की पहचान, कारण, इलाज और उपचार | Arthritis In Hindi

गठिया रोग या अर्थराइटिस एक सामान्य स्वास्थ्य स्थिति है, जो जोड़ों से जुड़ी है। सरल शब्दों में कहें तो गठिया रोग जोड़ों में सूजन और दर्द से संबंधित है। गठिया रोग से शरीर का एक जोड़ या एक से अधिक जोड़ प्रभावित हो सकता है। गठिया के प्रकारों की बात करें तो गठिया के १०० से अधिक विभिन्न प्रकार हैं, लेकिन दो प्रकार के गठिया, ऑस्टियोअर्थराइटिस और रूमेटॉइड अर्थराइटिस के मामले पाया जाना अधिक आम है। 

WHO के अनुसार, दुनिया भर की आबादी का लगभग ०.५-१% गठिया रोग से प्रभावित है। इंडियन जर्नल ऑफ़ रिसर्च के अनुसार, भारत में लगभग १८० मिलियन लोग गठिया रोग से प्रभावित हैं, जिनमें महिलाओं और ६५ वर्ष से ऊपर की आयु वाले लोगों की संख्या अधिक है। 

इस लेख के माध्यम से हमारा उद्देश्य है गठिया रोग के लक्षण, कारण, चरण, निदान, रोकथाम, उपचार और सर्वाइवल रेट्स के बारे में पूर्ण और उचित जानकारी प्रदान करना। 

गठिया के प्रकार / गठिया रोग कितने प्रकार के होते हैं?

गठिया के दो मुख्य प्रकार निम्न हैं:

1. ऑस्टियोअर्थराइटिस: ऑस्टियोअर्थराइटिस सबसे आम प्रकार का गठिया है। ऑस्टियोअर्थराइटिस में जोड़ों में दर्द और सूजन हो सकती है और साथ ही जोड़ों के हिलने-डुलने की गति पर भी असर पड़ सकता है। ऑस्टियोअर्थराइटिस का कारण, सुरक्षात्मक उपास्थि या कार्टिलेज (जो जोड़ों में हड्डियों के सिरों को कुशन करता है) का टूटना होता है। कार्टिलेज जोड़ों में पाए जानेवाले मज़बूत और लचीले टिश्यू होते हैं और यह दो हड्डियों को आपस में जोड़ने का काम करते हैं। 

2. रूमेटॉइड अर्थराइटिस: रूमेटॉइड अर्थराइटिस आर्थराइटिस एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली, जोड़ों और अपने स्वयं के ऊतकों पर हमला करती है। परिणामस्वरूप जोड़ों की क्षति, जोड़ों में दर्द और सूजन जैसी समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। 

ऑस्टियोअर्थराइटिस(ओए) और रूमेटॉइड अर्थराइटिस(आरए) के अतिरिक्त अन्य प्रकार के गठिया में एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस, गाउट, जुवेनाइल इडियोपेथिक अर्थराइटिस,  सेप्टिक अर्थराइटिस, और सोरियाटिक अर्थराइटिस शामिल हैं। 

गठिया के लक्षण / अर्थराइटिस के लक्षण / गठिया रोग के लक्षण 

गठिया रोग की पहचान

गठिया रोग की पहचान जल्दी हो पाए इसलिए इसको लक्षणों की जानकारी होना आवश्यक है। गठिया के लक्षण या अर्थराइटिस के लक्षण, गठिया की गंभीरता और उसके प्रकार के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। कुछ सामान्य गठिया के लक्षण या गठिया रोग के लक्षण निम्न हैं:

1. जोड़ों में दर्द, गठिया के लक्षण में शामिल है। 

2. विशेष रूप से सुबह के समय या निष्क्रियता की अवधि के बाद कठोरता, गठिया के लक्षण में से एक लक्षण है।  

3. संयुक्त क्षेत्र के चारों ओर लालिमा, गठिया के लक्षण में सम्मिलित है। 

जोड़ों और उसके आसपास के क्षेत्रों में सूजन होना, गठिया के लक्षण में से ही है। 

4. प्रभावित जोड़ों में गति की घटी हुई सीमा, गठिया के लक्षण में शामिल हो सकता है। 

5. रूमेटॉइड गठिया के लक्षण में, थकान, वजन घटना और बुखार शामिल है। रूमेटॉइड गठिया के सीरियस केसेस में शरीर के अन्य हिस्से जैसे आँख, फेफड़े और हृदय भी प्रभावित हो सकते हैं।

गठिया रोग की पहचान प्रारंभिक अवस्था में हो पाए इसलिए उपरोक्त लक्षणों को अवश्य याद रखें, और लक्षण महसूस करने पर चिकित्सक से तुरंत संपर्क करें।

गठिया के कारण / गठिया रोग क्यों होता है / आर्थराइटिस क्यों होता है

गठिया रोग के कुछ कारण इस प्रकार हैं:

1. ऑस्टियोअर्थराइटिस: ऑस्टियोअर्थराइटिस कार्टिलेज के टूटने या फटने के कारण हो सकता है। कार्टिलेज का काम जोड़ों में हड्डियों के सिरों को कुशन करना होता है। कार्टिलेज कई वर्षों में टूट सकती है या इसके टूटने का कारण जोड़ों की क्षति या जोड़ों में संक्रमण भी हो सकता है। 

2. रूमेटॉइड अर्थराइटिस:  रूमेटाॅइड अर्थराइटिस एक ऑटोइम्यून बीमारी के कारण होता है। इस ऑटोइम्यून बीमारी में प्रतिरक्षा प्रणाली, जोड़ों और अपने स्वयं के ऊतकों पर हमला करती है। रूमेटॉइड अर्थराइटिस में प्रतिरक्षा प्रणाली मुख्य रूप से सिनोवियम(पतली झिल्ली जो जोड़ों को रेखाबद्ध करती है) को टार्गेट करती है। 

इसके अतिरिक्त आनुवंशिकी, पर्यावरणीय कारक और कुछ अस्वस्थ जीवनशैली कारक, जैसे धूम्रपान और अत्यधिक शराब का सेवन, अस्वस्थ आहार गठिया के जोखिम कारकों में शामिल हो सकते हैं। 

गठिया का निदान / गठिया रोग की पहचान

गठिया रोग की पहचान के लिए गठिया के निदान में कई चरण शामिल हो सकते हैं। गठिया के निदान के लिए मेडिकल हिस्ट्री टेस्ट, फिजिकल टेस्ट्स, लैबोरेटरी टेस्ट्स और इमेजिंग टेस्ट्स किए जा सकते हैं।

मेडिकल हिस्ट्री टेस्ट के दौरान, डॉक्टर लक्षणों, लक्षणों की अवधि और किसी भी चोट से सबंधित प्रश्न पूछ सकता है। फिजिकल टेस्ट में डॉक्टर लालिमा, गर्मी और सूजन जैसे लक्षणों की पहचान करने के लिए जोड़ों की जाँच कर सकता है।  

गठिया के प्रकार को निर्धारित करने किए लिए रक्त परीक्षण और संयुक्त द्रव विश्लेषण जैसे लैबोरटरी टेस्ट्स भी किए जा सकते हैं। जोड़ों की क्षति की सीमा का आकलन करने के लिए, हड्डियों और उपास्थि की डिटेल्ड इमेजेस प्राप्त करने के लिए, एक्स-रे, एमआरआई, सीटी स्कैन जैसे इमेजिंग टेस्ट्स भी किए जा सकते  हैं।   

गठिया का परीक्षण 

उपरोक्त परीक्षणों के अलावा, कुछ अन्य परीक्षण विभिन्न प्रकार के गठिया के निदान के लिए किए जा सकते हैं:

1. रूमेटॉइड गठिया के निदान के लिए रूमेटॉइड फैक्टर (आरएफ) और एंटी-साइक्लिक सिट्रूलिनेटेड पेप्टाइड (एंटी-सीसीपी) टेस्ट। 

2. गाउट के निदान के लिए यूरिक एसिड टेस्ट। 

3. ल्यूपस जैसे ऑटोइम्यून डिसऑर्डर्स के लिए एंटीन्यूक्लियर एंटीबॉडी(एएनए) टेस्ट। 

4. एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस जैसी स्थितियों के लिए एचएलए-बी27 जेनेटिक मार्कर टेस्ट। 

गठिया रोग के चरण 

गठिया रोग के चरणों के बारे में जानकारी प्राप्त करके इसके इलाज के लिए उपचार और प्रबंधन रणनीतियाँ बनाने में सहायता मिल सकती है। 

1. चरण १(प्रारंभिक): चरण १ का अर्थ होता है कार्टिलेज की मामूली टूट-फूट, जिससे कभी-कभी दर्द और कठोरता हो सकती है। 

2. चरण २(मध्यम): इस चरण का अर्थ होता है कि कार्टिलेज की क्षति बढ़ गई है, जिससे अधिक बार दर्द हो सकता है और सरल कार्यों को करने में भी दिक्कत हो सकती है। 

3. चरण ३(गंभीर): चरण ३ का अर्थ है कि कार्टिलेज की पूर्ण हानि हो चुकी है, जिससे आराम के बाद भी दर्द ठीक नहीं होता है। 

4. चरण ४(अंत-चरण): चरण ४ सबसे गंभीर चरण है, इसमें संयुक्त उपास्थि लगभग पूर्ण रूप से खो जाती है, जिससे हड्डी पर हड्डी की स्थिति होती है। इस चरण में जोड़ के कार्य पर गंभीर रूप से असर पड़ता है, जिससे अत्यधिक दर्द और असुविधा का अनुभव हो सकता है।

गठिया की रोकथाम 

गठिया को पूर्ण रूप से रोक पाना संभव नहीं है, लेकिन जीवनशैली में कुछ बदलाव करके गठिया से बचा ज़रूर जा सकता है:

1. नियमित रूप से व्यायाम करने से जोड़ों को स्वस्थ रखा जा सकता है। 

2. संतुलित आहार लेने से स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद मिल सकती है। 

3. जोड़ों को चोट पहुँचानेवाले कार्यों से बचना या जिस कार्य से दोबारा जोड़ों की क्षति हो उससे बचना आवश्यक है। 

4. धूम्रपान छोड़ना ज़रूरी है, क्योंकि इससे संयोजी ऊतकों पर तनाव पैदा हो सकता है, जिससे गठिया की समस्याएँ अधिक उत्पन्न हो सकती हैं। 

क्या गठिया का इलाज संभव है?

यदि इस विषय पर चर्चा की जाए कि क्या गठिया का इलाज संभव है, तो इसका सीधा सा जवाब यह है कि गठिया का इलाज संभव नहीं है, लेकिन उपचार के माध्यम से इसके लक्षणों को प्रबंधित और सर्वाइवल रेट में सुधार किया जा सकता है। गठिया के लक्षणों को कम करने के लिए, संयुक्त कार्य में सुधार करने के लिए और आगे संयुक्त क्षति को रोकने के लिए कुछ उपचार विकल्पों का उपयोग किया जा सकता है।  

गठिया का उपचार / गठिया का इलाज 

गठिया का उपचार या इलाज, गठिया की गंभीरता और इसके प्रकार पर निर्भर करता है। गठिया के उपचार में दवाइयाँ, शारीरिक उपचार, जीवनशैली में बदलाव, शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं का कॉम्बिनेशन शामिल किया जा सकता है। 

1. दवाई: इनमें दर्द निवारक(एनाल्जेसिक), नॉन-स्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स(एनएसएआईडी), काउंटरइरिटेंट, डिजीज – मोडिफाइंग एंटीरियमेटिक ड्रग्स (डीएमएआरडीएस) और बायोलॉजिकल रिस्पांस मोडिफायर्स शामिल हो सकते हैं। 

2. शारीरिक चिकित्सा: नियमित रूप से व्यायाम करने से जोड़ों को लचीला बनाए रखा जा सकता है। 

3. जीवनशैली में बदलाव: संतुलित आहार और नियमीत व्यायाम से गठिया के ख़तरे को टालना संभव हो सकता है। 

4. सर्जरी: यदि अन्य उपचार विफ़ल हो जाते हैं, तो संयुक्त मरम्मत, संयुक्त प्रतिस्थापन या संयुक्त संलयन जैसी शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं का उपयोग किया जा सकता है। 

क्या गठिया जीवन के लिए ख़तरा है?

गठिया जीवन के लिए ख़तरा नहीं है, लेकिन यह विकलांगता का कारण बन सकता है और जीवन की गुणवत्ता को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। गठिया के कुछ प्रकार जैसे रूमेटॉइड गठिया अन्य अंग प्रणालियों को प्रभावित कर सकता है, जो गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है। 

गठिया की उत्तरजीविता दर(सर्वाइवल रेट)

गठिया कोई घातक स्थिति नहीं है, इसलिए इसके सर्वाइवल रेट के विषय में चर्चा करने का कोई अर्थ नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों के प्रबंधन, संयुक्त क्षति को रोकने या धीमा करने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है। 

गठिया के इलाज में कितना समय लगता है?

गठिया के इलाज में लगनेवाली अवधि हर व्यक्ति के लिए भिन्न हो सकती है। कुछ   केसेस में उपचार की अवधि हफ़्तों तक की हो सकती है, तो कुछ केसेस में महीनों या वर्षों का समय भी लग सकता है। गठिया के पुराने रूपों का आजीवन उपचार चल सकता है। 

निष्कर्ष 

गठिया के विभिन्न प्रकार हैं, और विभिन्न प्रकारों की विभिन्न विशेषताएँ भी हैं। भारत में इसके बढ़ते मामलों को देखते हुए, विकलांगता को रोकने और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए व्यापक जागरूकता और समय पर हस्तक्षेप की अत्यधिक आवश्यकता है। प्रारंभिक पहचान और शीघ्र उपचार के द्वारा गठिया रोग को प्रबंधित किया जा सकता है। 

इस बात को याद रखें कि गठिया रोग से बचने के लिए संतुलित आहार लेना, नियमित व्यायाम करना और शीघ्र चिकित्सा पर ध्यान देना आवश्यक है।

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अर्थराइटिस के लक्षण और उपचार / गठिया रोग के लक्षण और उपाय

गठिया रोग के लक्षण और उपाय या अर्थराइटिस के लक्षण और उपचार को यहाँ संक्षेप में समझाने का प्रयास किया गया है:

गठिया रोग की पहचान और उपचार के लिए, अर्थराइटिस के लक्षण और उपचार विधियों या गठिया रोग के लक्षण और उपाय के बारे में जानना आवश्यक है। इस रोग के लक्षणों को यदि याद रखा जाए तो गठिया रोग की पहचान प्रारंभिक अवस्था में हो सकती है। 

गठिया रोग के लक्षणों में जोड़ों में दर्द, संयुक्त क्षेत्र के चारों ओर लालिमा, जोड़ों और उसके आसपास के क्षेत्रों में सूजन, थकान, वजन घटना और बुखार इत्यादि शामिल हैं। यदि गठिया रोग के उपचार के लिए उपचार विकल्पों की बात करें, तो इसके उपचार विकल्पों में दवाइयाँ, शारीरिक उपचार, जीवनशैली में बदलाव और शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं का कॉम्बिनेशन शामिल किया जा सकता है।

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