मेटास्टेटिक कैंसर के लक्षण, कारण और इलाज | Metastatic Cancer In Hindi

मेटास्टेसिस शब्द का उपयोग, शरीर में कैंसर कितना फैला है, इसका वर्णन करने के लिए किया जाता है। जब कैंसर कोशिकाएँ अपने प्राइमरी स्पॉट (जिस स्थान पर विकसित हुई हैं) से शरीर के अन्य हिस्सों में फैलती हैं, उस स्थिति को मेटास्टेटिक कैंसर, स्टेज IV कैंसर, सेकेंडरी कैंसर, एडवांस्ड कैंसर या हाई-ग्रेड कैंसर के नामों से जाना जाता है।

मेटास्टेटिक कैंसर या मेटास्टेसिस, प्राइमरी कैंसर का रूप माना जाता है, क्योंकि यह जिस स्थान पर विकसित होता है वहाँ से शरीर के अन्य अंगों या हिस्सों में फैलता है। उदाहरण के लिए, यदि ब्रेस्ट कैंसर फेफड़ों में फैलता है, तो उसे मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर के नाम से जाना जाएगा। मेटास्टेटिक कैंसर का इलाज, स्टेज IV ब्रेस्ट कैंसर की तरह किया जाता है।

यदि यह समझने का प्रयास करें कि मेटास्टेटिक कैंसर शरीर में कैसे फैलता है, तो यह शरीर में ट्यूमर के फटने के बाद लिम्फ सिस्टम या ब्लड के माध्यम से हड्डियों, फेफड़ों, लिवर, ब्रेन, गर्भाशय, मूत्राशय, बड़ी आँत में फैलता है। 

लगभग सभी प्रकार की कैंसर कोशिकाओं में मेटास्टेसाइज होने की क्षमता होती है, लेकिन वह मेटास्टेसिस करती हैं या नहीं यह विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है। कैंसर कोशिकाएँ तीन प्रकार से मेटास्टेसिस कर सकती हैं:

A. वह ट्यूमर के आसपास के ऊतकों या टिश्यूज़ में फैल सकती हैं। 

B. वह रक्त प्रवाह के माध्यम से शरीर में दूर के स्थानों तक फैल सकती हैं। 

C. वह लिम्फैटिक सिस्टम के माध्यम से, पास या दूर के लिम्फ नोड्स तक फैल सकती हैं।

इस लेख के माध्यम से मेटास्टेटिक कैंसर के प्रकार, लक्षण, कारण, निदान, रोकथाम रणनीतियों और उपचार विकल्पों इत्यादि के बारे में समझाने का प्रयास किया गया है।

मेटास्टेटिक कैंसर के प्रकार

मेटास्टेटिक कैंसर

कुछ प्रकार के कैंसर में मेटास्टेसाइज होने बहुत अधिक क्षमता होती है। कुछ आम प्रकार के मेटास्टेटिक कैंसर निम्न हैं:

A. ब्रेस्ट कैंसर (स्तन कैंसर)

B. लंग कैंसर (फेफड़े का कैंसर)

C. कोलन कैंसर (पेट का कैंसर)

D. पैंक्रियाज कैंसर (अग्न्याशय का कैंसर)

E. लिवर कैंसर (यकृत कैंसर)

F. बोन कैंसर (हड्डी का कैंसर)

G. प्रोस्टेट कैंसर

H. थायराइड कैंसर 

I. किडनी कैंसर (गुर्दे का कैंसर)

कैंसर शरीर के जिन स्थानों पर अधिक मेटास्टेसिस कर सकते हैं, उनमें शामिल हैं लंग्स, लिवर, हड्डियाँ और ब्रेन शामिल हैं। इसके अतिरिक्त कैंसर अधिवृक्क ग्रंथि (एड्रेनल ग्लैंड), लिम्फ नोड्स, त्वचा और अन्य अंगों में भी मेटास्टेटिस कर सकते हैं।

कुछ मेटास्टेटिक कैंसर, अज्ञात प्राथमिक कैंसर (CUP) हो सकते हैं। अज्ञात प्राथमिक कैंसर का अर्थ होता है, ऐसा मेटास्टेटिक कैंसर जिसका ओरिजिन पॉइंट अज्ञात हो।

मेटास्टेटिक कैंसर के लक्षण

कई केसेस में मेटास्टेटिक कैंसर के लक्षण का पता लगाना काफ़ी मुश्किल होता है। मेटास्टेटिक कैंसर के लक्षण, ट्यूमर के आकार और स्थान पर निर्भर करते हैं। स्थानों के आधार पर, कुछ पहचान किए गए मेटास्टेटिक कैंसर के लक्षण निम्न हैं:

1. मेटास्टेटिक बोन कैंसर: हड्डियों में मामूली चोट लगने या कोई चोट नहीं लगने पर भी फ्रैक्चर होना, बोन मेटास्टेटिक कैंसर के लक्षण में शामिल है। बोन मेटास्टेटिक कैंसर में दर्द हो भी सकता है और नहीं भी। इसके अतिरिक्त इसमें गंभीर पीठ दर्द के साथ पैर सुन्न हो सकता है या आंत्र या मूत्राशय पर नियंत्रण में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। 

2. मेटास्टेटिक ब्रेन कैंसर: सिरदर्द, चक्कर आना, दृश्य समस्याएँ (Visual Problems), भाषण समस्याएँ (Speech Problems), मतली आना, चलने में दिक्कत होना या भ्रम होना, ब्रेन मेटास्टेटिक कैंसर के लक्षण में शामिल हैं। 

3. मेटास्टेटिक लंग कैंसर: लंग मेटास्टेटिक कैंसर के लक्षण आमतौर पर बहुत ही सूक्ष्म होते हैं, और अक्सर  अन्य स्वास्थ्य स्थितियों से संबंधित मानकर नज़रअंदाज़ कर दिए जाते हैं। कुछ पहचान किए गए लंग मेटास्टेटिक कैंसर के लक्षण में खाँसी (बलगम के साथ या बलगम के बिना), खाँसी के साथ खून आना, सीने में दर्द होना या साँस लेने में दिक्कत होना शामिल हैं।

4. मेटास्टेटिक लिवर कैंसर: लिवर मेटास्टेटिक कैंसर के लक्षण में, पेट में सूजन या पीलिया होना शामिल हैं। इसके अतिरिक्त इस कैंसर में वजन कम हो सकता है और भूख में भी कमी हो सकती है।

मेटास्टेटिक कैंसर का कारण

मुख्य ट्यूमर से अलग होने के बाद, कैंसर कोशिकाएँ आस-पास के क्षेत्रों जैसे यकृत (लिवर), फेफड़े (लंग्स) या हड्डियों (बोन्स) में फैलने लगती हैं। यदि कैंसर के फैलने की बात करें, तो किसी भी प्रकार का कैंसर फैल सकता है। कैंसर का फैलना, कैंसर के प्रकार और उसकी आक्रामकता सहित विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है। कैंसर कोशिकाएँ, मुख्य ट्यूमर से अलग होने के बाद, शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने पर नए ट्यूमर का निर्माण करती हैं।

मेटास्टेटिक कैंसर का निदान

मेटास्टेटिक कैंसर का निदान करने के लिए कोई विशिष्ट परीक्षण नहीं है। स्वास्थ्य सेवा प्रदाता, कैंसर के प्रकार और लक्षणों के आधार पर परीक्षण करवाने का सलाह दे सकते हैं। मेटास्टेटिक कैंसर के निदान के लिए किए जानेवाले कुछ परीक्षणों में शामिल हैं:

1. ब्लड टेस्ट: ब्लड टेस्ट की मदद से ब्लड में लिवर एंजाइम के स्तर का पता लगाया जा सकता है, जिससे लिवर मेटास्टेटिक कैंसर का पता लग सकता है। हालाँकि, उन्नत कैंसर के कई मामलों में रक्त परीक्षण से कोई ख़ास लाभ नहीं होता है। 

2. ट्यूमर मार्कर्स: निदान के बाद कैंसर की मॉनिटरिंग के लिए, कुछ ट्यूमर मार्कर सहायक हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त कैंसर पुनरावृत्ति की जाँच करने के लिए या कैंसर के उपचार की प्रतिक्रिया का पता लगाने के लिए भी ट्यूमर मार्कर के स्तर का पता लगाया जा सकता है। यदि ट्यूमर मार्कर का स्तर बढ़ा होता है, तो इसका अर्थ होता है कि कैंसर प्रगति कर रहा है। कोलन कैंसर की पहचान के लिए, CEA (कार्सिनोएम्ब्रायोनिक एंटीजन), ओवेरियन कैंसर के लिए CA- 125, प्रोस्टेट कैंसर के लिए PSA (प्रोस्टेट-स्पेसिफ़िक एंटीजन), टेस्टिकुलर कैंसर के लिए AFP (अल्फा-फीटो-प्रोटीन) जैसे ट्यूमर मार्करों का पता लगाया जा सकता है। 

3. इमेजिंग टेस्ट्स: इमेजिंग टेस्ट्स की मदद से शरीर के आंतरिक भाग की तस्वीरें प्राप्त की जा सकती हैं। इन तस्वीरों की मदद से कैंसर का निदान आसानी से किया जा सकता है। 

A. अल्ट्रासाउंड की मदद से, पेट का मूल्यांकन करने और किसी भी ट्यूमर की पहचान करने में मदद मिल सकती है। 

B. सीटी स्कैन के द्वारा  सिर, गर्दन, छाती, पेट और श्रोणि (Pelvis) में कैंसर से जुड़े असामान्यताओं का पता लगाया जा सकता है। इस टेस्ट की मदद से फेफड़ों, यकृत या लिम्फ नोड्स में ट्यूमर की पहचान की जा सकती है। 

C. रेडियोएक्टिव ट्रेसर की मदद से हड्डी का स्कैन करके क्षतिग्रस्त हड्डियों का पता लगाया जा सकता है। यदि हड्डियाँ क्षतिग्रस्त हैं, तो क्षति की सीमा का पता लगाने के लिए एक्स-रे भी किया जा सकता है। 

D. MRI स्कैन में, शरीर के भीतरी भाग की तस्वीरें प्राप्त करने के लिए रेडियो वेव्स और मैग्नेट्स का उपयोग किया जा सकता है। MRI स्कैन की मदद से, रीढ़ की हड्डी की क्षति या ब्रेन मेटास्टेटिक कैंसर का पता लगाया जा सकता है। 

E. PET स्कैन के माध्यम से, शरीर में कहीं भी कैंसर से जुड़ी असामान्यताओं का पता लगाया जा सकता है। इस टेस्ट में रेडियोएक्टिव ट्रेसर युक्त एक विशेष डाई का उपयोग किया जाता, है जिससे समस्याग्रस्त क्षेत्रों का पता लगाना आसान होता है।

4. बायोप्सी: यदि उपरोक्त परीक्षणों की मदद से मेटास्टेटिक कैंसर के निदान का निश्चित परिणाम नहीं प्राप्त होता है, तो उस स्थिति में मेटास्टेटिक कैंसर के निदान के लिए बायोप्सी की जा सकती है, जिसमें प्रभावित क्षेत्र से एक ऊतक का एक छोटा नमूना निकालकर, माइक्रोस्कोप के द्वारा उसकी जाँच की जाती है।

क्या मेटास्टेटिक कैंसर की रोकथाम संभव है?

मेटास्टेटिक कैंसर की रोकथाम तभी संभव है, जब कैंसर का निदान शुरूआती चरणों में हो पाए। यदि निदान उन्नत चरणों में होता है, तब उपचार के दौरान बहुत से चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, और इस बात की भी गारंटी नहीं होती है कि रोगी जीवित रहेगा या नहीं। मेटास्टेटिक कैंसर से बचने के लिए, कैंसर की शुरुआत को रोकना या कैंसर को बढ़ने से रोकना ही उपाय है। 

स्वस्थ जीवनशैली अपनाने से, स्वस्थ आहार लेने से, हर रोज़ एक्सरसाइज़ करने से, कैंसर की शुरुआत को या कैंसर की प्रगति को रोका जा सकता है, जिससे मेटास्टेटिक कैंसर से बचना संभव हो सकता है।

मेटास्टेटिक कैंसर का इलाज

मेटास्टेटिक कैंसर का इलाज, कैंसर के ऑरिजिन पॉइंट (जहाँ विकसित हुआ है) के आधार पर किया जाता है। यदि किसी व्यक्ति को ब्रेस्ट कैंसर है और कैंसर उसके  लिवर तक फैल चुका है, उस स्थिति में कैंसर का इलाज ब्रेस्ट कैंसर की तरह किया जाता है। मेटास्टेटिक कैंसर का इलाज निम्न उपचार विकल्पों द्वारा किया जा सकता है:

1. कीमोथेरेपी: कीमोथेरेपी की मदद से शरीर में फैले कैंसर सेल्स को प्रभावी ढंग से नष्ट किया जा सकता है। इसका उपयोग मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए किया जा सकता है। हार्मोन थेरेपी की तुलना में इस थेरेपी की मदद से, ट्यूमर को ज़्यादा तेज़ी से सुखाया जा सकता है।

2. रेडिएशन थेरेपी: रेडिएशन थेरेपी की मदद से, जहाँ कैंसर फैल चुका है, उन स्थानों को सीमित और नियंत्रित किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, रेडिएशन थेरेपी का उपयोग करके ब्रेन मेटास्टेटिक कैंसर को नियंत्रित किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, इसकी मदद से, दर्द कम हो सकता है, कमज़ोर हड्डियों के टूटने का ख़तरा कम हो सकता है, ब्लॉक्ड एयरवेज के खुलने से साँस लेना आसान हो सकता है और ब्लीडिंग कम हो सकती है।

3. सर्जरी: मेटास्टेटिक कैंसर के कारण होनेवाले स्पाइनल कॉर्ड कंप्रेशन (रीढ़ की हड्डी में संकुचन) के इलाज के लिए सर्जरी विकल्प का उपयोग किया जा सकता है। मेटास्टेटिक स्पाइनल कॉर्ड कंप्रेशन कैंसर के इलाज के लिए डिकंप्रेसिव सर्जरी के साथ पोस्ट ऑपरेटिव रेडियोथेरेपी का संयोजन किया जा सकता है। इन उपचारों के संयोजन के उपयोग से, रेडियोथेरेपी की तुलना में अधिक प्रभावी परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। 

4. इम्यूनोथेरेपी:मेटास्टेटिक कैंसर का इलाज, कुछ नए उपचार जैसे इम्यूनोथेरेपी द्वारा करने से, पिछले कुछ समय में बहुत हद तक अच्छे परिणाम प्राप्त किए गए हैं।

मेटास्टेटिक कैंसर के लिए सर्वाइवल रेट

मेटास्टेटिक कैंसर के लिए पाँच वर्ष की सर्वाइवल रेट, कैंसर के प्रकार, चरण, उपचार के परिणाम और रोगी के संपूर्ण स्वास्थ्य जैसे विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है। यदि बात करें मेटास्टेटिक लंग कैंसर की, तो मेटास्टेटिक लंग कैंसर के लिए पाँच वर्ष की सर्वाइवल रेट लगभग 7% है। इसका अर्थ यह है कि मेटास्टेटिक लंग कैंसर से पीड़ित  7% मरीज़, निदान के बाद पाँच वर्ष तक जीवित रह सकते हैं। मेटास्टेटिक ब्रेस्ट कैंसर के केस में, पाँच वर्ष की सर्वाइवल रेट महिलाओं के लिए लगभग 28% और पुरुषों के लिए लगभग 22% है।

क्या मेटास्टेटिक कैंसर का इलाज संभव है?

कुछ मामलों में, मेटास्टेटिक कैंसर का इलाज किया जा सकता है, लेकिन अधिकांश मेटास्टेटिक कैंसर का इलाज नहीं किया जा सकता है। हालाँकि कुछ ऐसे उपचार उपलब्ध हैं, जिनकी मदद से मेटास्टेटिक कैंसर की प्रगति को धीमा किया जा सकता है। कुछ प्रकार के मेटास्टेटिक कैंसर जैसे मेलेनोमा और कोलन कैंसर का इलाज संभावित रूप से संभव है।

निष्कर्ष

जैसा कि हमें ज्ञात है, अधिकांश मेटास्टेटिक कैंसर का इलाज संभव नहीं है, क्योंकि मेटास्टेटिक कैंसर का पूर्णतः इलाज केवल तभी संभव हो पाता है जब इसके लक्षण शुरूआती चरणों में पकड़ में आते हैं। यदि वास्तव में मेटास्टेटिक कैंसर या अन्य किसी भी प्रकार के कैंसर से बचना है तो इसके लिए स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना, स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, नियमित व्यायाम करना, नियमित स्वास्थ्य जाँच कराना और समय-समय पर स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से सलाह लेना आवश्यक है। 

इस लेख के माध्यम से हमारा उद्देश्य मेटास्टेटिक कैंसर से संबंधित जानकारी प्रदान करना है। इसके अलावा, हमारा आपसे निवेदन है कि यदि आप मेटास्टेटिक कैंसर से परिचित हैं तो अधिक से अधिक लोगों को इसके लक्षण, प्रकार, कारण, निदान और उपचार विकल्प के बारे में जानकारी प्रदान करें, जिससे वह भी ख़ुद और अपने परिवार को मेटास्टेटिक कैंसर से बचा सकें।

मेटास्टेटिक कैंसर के लक्षण और बचाव के बारे में संक्षेप में

मेटास्टेटिक कैंसर के लक्षण और बचाव की रणनीतियों की जानकारी होने से इससे बचना संभव हो सकता है। मेटास्टेटिक कैंसर के लक्षण और बचाव की रणनीतियाँ निम्न हैं:

मेटास्टेटिक कैंसर के लक्षणों मे, सिरदर्द होना, दौरे पड़ना या चक्कर आना, साँस लेने में दिक्कत होना, पेट में सूजन या पीलिया होना, चलने में कठिनाई या भ्रम होना इत्यादि शामिल हैं। 

मेटास्टेटिक कैंसर की रोकथाम रणनीतियों की बात करें, तो मेटास्टेटिक कैंसर से बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना, स्वस्थ आहार लेना, नियमित व्यायाम करना और नियमित स्वास्थ्य जाँच कराना आवश्यक है। 

यदि आप भी कैंसर के इलाज का खर्च जुटाना चाहते हैं, तो फंडरेज़िंग जैसे बेहतर विकल्प का चयन करें।

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