सोडियम और क्लोराइड के रासायनिक क्रिया से जो तत्व प्राप्त होता है उसे सोडियम क्लोराइड कहते हैं। इसलिए नमक का रासायनिक सूत्र सोडियम क्लोराइड है। हिंदी में इसे भले ही नमक कहते हो लेकिन अंग्रेजी में ये ‘साल्ट’ के नाम से जाना जाता है। नमक जीवन का आधार है क्योंकि ये पौष्टिक और स्वादिष्ट दोनों होता है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि नमक खाने के जितने फायदे हैं उतने ही नुकसान भी। आज हम नमक से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी सरल-सहज भाषा में प्राप्त करने वाले हैं। आज के इस लेख में नमक खाने से क्या होता है, ज्यादा नमक खाने से क्या होता है, नमक खाने के फायदे, नमक के नुकसान, पूछे गए प्रश्न और निष्कर्ष पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है।
Table of Contents
नमक खाने से क्या होता है?

आइए निम्न बिंदुओं के माध्यम से जानें कि नमक खाने से क्या होता है:
- व्यक्ति के शरीर को हर दिन ढाई ग्राम आयोडीन की आवश्यकता होती है जो नमक खाने से पूरी हो जाती है।
- चूंकि नमक खाने से तनाव और अवसाद भी नहीं होता क्योंकि इसमें आयोडीन होता है जो तनाव के हार्मोन को नियंत्रित करता है। इससे अनिद्रा की समस्या से छुटकारा मिलता है और नींद भी अच्छी आती है।
- नमक खाने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है क्योंकि इसमें एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं जो शरीर को बैक्टीरिया से लड़ने की शक्ति प्रदान करते हैं। एंटीमाइक्रोबियल गुण प्राप्त होने से व्यक्ति की इम्यून शक्ति में भी बढ़ोत्तरी होती है।
- नमक खाने से पेट में अम्ल का संतुलन और पाचन स्वास्थ्य दोनों सही रहते हैं।
- नमक खाने से इलेक्ट्रोलाइट का संतुलन बना रहता जिस कारण डिहाइड्रेशन की समस्या नहीं होती।
- नमक का सेवन करने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है।
- नमक का सेवन हृदय रोग से दूरी प्रदत्त करता है।
ज्यादा नमक खाने से क्या होता है?
आइए निम्न बिंदुओं के माध्यम से जानें कि ज्यादा नमक ज्यादा खाने से क्या होता है:
- ज्यादा नमक खाने से हाई ब्लड प्रेशर या उच्च रक्तचाप की समस्या हो सकती है।
- अत्यधिक नमक का सेवन हृदय रोग की समस्या को जन्म दे सकता है।
- गुर्दे की विफलता या किडनी डैमेज भी बहुत अधिक मात्रा में नमक का सेवन करने से हो सकती है।
- ऑस्टियोपोरोसिस जो कि एक हड्डी रोग का विशेष प्रकार है और कैल्शियम की कमी से होता है, इसकी संभावना भी तब अधिक रहती है जब व्यक्ति द्वारा नमक का सेवन बहुत अधिक मात्रा में किया जाए।
- ज्यादा नमक खाने से पेट का कैंसर होता है। दरअसल पेट में अम्ल का संतुलन और पाचन के पश्चात पोषक तत्वों का अवशोषण नमक खाने से होता है लेकिन अधिक मात्रा में नमक खाने से पाचन का यह कार्य नहीं हो पाता।
- नमक का अत्यधिक सेवन शरीर में इलेक्ट्रोलाइट के संतुलन को बिगाड़ देता है और फलस्वरूप डीहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है।
- अगर कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा नमक खाता है तो उसके टेस्ट सेंसेशन डैमेज हो जाते हैं। संभवतः उसे फिर खाने में स्वाद नहीं आता।
नमक खाने के फायदे
आइए विस्तार से जानें नमक खाने के फायदे जो कि निम्नलिखित हैं:
- पाचन का स्वास्थ्य सही रहता है : पेट में बनने वाले एसिड के उत्पादन में नमक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। दरअसल पाचन प्रक्रिया को करने के लिए पेट में एसिड या अम्ल का उत्पादन आवश्यक होता है जिसमें नमक की भूमिका इस प्रकार होती है कि वह अम्ल उत्पादन के लिए अनुकूल वातावरण तैयार या निर्मित करता है। ऐसा करने से पेट की पाचन शक्ति कम नहीं होती और पोषक तत्वों का अवशोषण भी सही तरीके से होता है।
- ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है : शरीर में रक्त का प्रवाह और दबाव सही रहे या नॉर्मल रहे इस हेतु नमक का उचित मात्रा में सेवन आवश्यक है। ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहे तो व्यक्ति को रक्त से संबंधित अन्य कोई भी बीमारी होने की संभावना बहुत कम होती है। इसके अलावा अन्य गंभीर बीमारियां जैसे हृदय और किडनी रोग भी नहीं होते।
- अनिद्रा को दूर करता है : नमक खाने से व्यक्ति को अनिद्रा की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता। नमक में सेरोटोनिन और मेलाटोनिन पाया जाता है जो मनुष्य की नींद का एजेंट माना जाता है। शरीर को ये दोनों पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में मिलते हैं तो तनाव के हार्मोन उत्पादन में कमी आती है। साथ ही न्यूरोट्रांसमीटर भी नियंत्रित रहता है। अर्थात तनाव और न्यूरोट्रांसमीटर के नियंत्रण से व्यक्ति की स्लीप साइकल बढ़िया रहती है। अच्छी नींद आना व्यक्ति के स्वास्थ्य का परिचायक है अर्थात अगर पर्याप्त नींद आ रही है तो निश्चित ही शरीर स्वस्थ और निरोगी है। नींद अच्छी रहे तो सब अच्छा है क्योंकि अनिद्रा हर रोग की मूल जड़ है।
- प्रतिरोधक क्षमता का विकास करता है : बहुत कम लोगों को ये जानकारी है कि नमक में एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं। कोई भी भोज्य पदार्थ जिसमें एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं, उसके सेवन से शरीर को बैक्टेरिया से लड़ने की अपार शक्ति प्राप्त होती है। यानी ऐसे बैक्टेरिया जो शरीर को हानि पहुंचाते हैं उनसे लड़ने के लिए एंटीमाइक्रोबियल शक्ति की आवयश्कता होती है जो नमक से प्राप्त होती है। इसके अलावा ये श्वेत रक्त कोशिकाओं के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अतः ये निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि नमक या साल्ट खाने से व्यक्ति का इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
- डिहाइड्रेशन नहीं होने देता है : फ्लूइड बैलेंस या द्रव्य का संतुलन नमक के सेवन से संभव होता है। अर्थात नमक खाने से शरीर में पानी की मात्रा संतुलित रहती है और फलस्वरूप अन्य प्रकार के द्रव्य भी असंतुलित नहीं होते। हालांकि ये बात ध्यान रहे कि अत्यधिक नमक का सेवन शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या का कारक होता है इसलिए उचित मात्रा में किया गया सेवन ही डिहाइड्रेशन को शरीर से दूर रखता है। यही कारण है कि ऐसी कोई भी बीमारी जिसमें मरीज को डिहाइड्रेशन की समस्या है, उसे नमक पानी का घोल पिलाया जाता है ताकि शरीर में पानी मात्रा पुनः सामान्य हो सके।
- थायराइड हार्मोन का संतुलन बनाए रखता है : यह बात शत प्रतिशत सत्य है कि नमक खाने से व्यक्ति के शरीर में थायराइड हार्मोन का संतुलन बना रहता है। नमक में पाया जाने वाला आयोडीन थायराइड हार्मोन के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दरअसल हमारे शरीर के कंठ में स्थित तितली के आकार की ग्रंथि जिसे थायराइड ग्लैंड कहते हैं, वह थायराइड का हार्मोन बनाती है। इस हार्मोन को बनाने के लिए आयोडीन की आवश्यकता होती है और इसका सबसे प्रमुख स्रोत नमक ही है। जब व्यक्ति नमक का सेवन करता है तो थायराइड ग्रंथि या ग्लैंड उससे आयोडीन को अलग कर हार्मोन बनाने के लिए प्रयोग में लाता है।
- तनाव दूर करता है : नमक का सेवन करने से तनाव छूमंतर होता है। हमारा शरीर ‘कोर्टिसोल’ नामक हार्मोन बनाता है जिसे तनाव के हार्मोन के रूप में जाना जाता है। अगर कोर्टिसोल नियंत्रित रहे अर्थात इसका लेवल नॉर्मल रहे तो तनाव का स्तर भी सामान्य रहता है। नमक के सेवन से भरपूर मात्रा में सोडियम मिलता है जो कोर्टिसोल को नियंत्रित करता है। कोर्टिसोल अगर अनियंत्रित हो जाए तो तनाव के अतिरिक्त शरीर में अवसाद भी घर कर लेता है। अतः नमक का सेवन तनाव और अवसाद को दूर करता है तथा शरीर के मानसिक स्वास्थ्य के लिए वरदान है।
- स्मरण शक्ति और एकाग्रता बढ़ाता है : जैसा कि विदित है नमक का रसायनिक सूत्र सोडियम क्लोराइड है अर्थात सोडियम और क्लोराइड के रसायनिक क्रिया से जो तत्व निर्मित होता है उसे सोडियम क्लोराइड कहते हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि नमक में सोडियम पाया जाता है। इस सोडियम के अनेक स्वास्थ्य लाभ हैं। दैनिक आपूर्ति के अनुसार एक दिन में 5 ग्राम नमक का सेवन करने से मनुष्य के शरीर को ढाई ग्राम सोडियम मिलता है। जब यह सोडियम शरीर को प्राप्त होता है तो नर्व इम्पल्स ट्रांसमिशन और ब्रेन सेल्स के बीच तालमेल बैठाने का महत्वपूर्ण कार्य करता है। इस तालमेल के फलस्वरूप व्यक्ति की स्मरण शक्ति और एकाग्रता में वृद्धि होती है।
नमक के नुकसान
नमक के जितने फायदे हैं उतने ही नुकसान भी। अगर कोई व्यक्ति आवश्यकता से अधिक अर्थात अत्यधिक मात्रा में नमक का सेवन करता है तो शरीर अनेक बीमारियों का घर हो जाता है।
आइए विस्तार से जानें नमक के नुकसान जो कि निम्नलिखित हैं:
- हृदय रोग : नमक में पाया जाने वाला सोडियम अगर उचित मात्रा में अथवा पर्याप्त मात्रा में नहीं खाया जाए तो हाई ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। प्रेशर बनने के कारण हृदय अपना कार्य करने में असमर्थ हो जाता है और परिणामस्वरूप व्यक्ति को हृदय से जुड़ी बीमारी अर्थात हार्ट डिजीज हो जाता है। इतना ही नहीं, स्ट्रोक और हृदय की विफलता का बड़ा कारण हाई ब्लड प्रेशर है। सरल भाषा में समझें तो नमक का सबसे बड़ा नुकसान ये है कि इसका अधिक मात्रा में किया गया सेवन व्यक्ति को हृदय रोग का मरीज बना सकता है।
- किडनी डैमेज : नमक का एक और सबसे बड़ा नुक्सान ये है कि व्यक्ति को किडनी से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल अत्यधिक नमक का सेवन किडनी के द्रव्य संतुलन को बिगाड़ देता है और इस वजह से गुर्दे या किडनी पर बहुत दबाव बनने लगता है। संतुलन बिगड़ने से किडनी की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है और फलस्वरूप वह खराब हो जाती है।
- हाई ब्लड प्रेशर : नमक का एक नुकसान ये भी है कि इसमें पाया जाने वाला सोडियम रक्त की मात्रा में अचानक से वृद्धि कर देता है। रक्त में आयी इस अचानक से वृद्धि के चलते ब्लड वेसल्स पर बहुत अधिक दबाव या प्रेशर बनने लगता है और फलस्वरूप उच्च रक्तचाप अर्थात हाई ब्लड प्रेशर की समस्या पैदा हो जाती है।
- ऑस्टियोपोरोसिस : नमक का सबसे बड़ा नुकसान ये है कि अगर इसका अधिक मात्रा में सेवन किया जाए तो शरीर का कैल्शियम पेशाब के साथ बाहर निकल जाता है। फलस्वरूप हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है। इस मेडिकल अवस्था को ऑस्टियोपोरोसिस कहते हैं।
- वाटर रिटेंशन : शरीर में पानी से संबंधित इस समस्या को वाटर रिटेंशन कहते हैं। नमक का अत्यधिक सेवन करने से शरीर में पानी जमा होने लगता है और फलस्वरूप हाथ, पैर में सूजन की शिकायत हो जाती है। इस मेडिकल कंडीशन को वाटर रिटेंशन कहते हैं।
पूछे गए प्रश्न (FAQs)
- नमक में क्या पाया जाता है?
नमक में सोडियम और क्लोराइड पाया जाता है जो शरीर के लिए बहुत आवश्यक होता है। इसके अलावा इसमें आयोडीन पाया जाता है जो थायराइड ग्रंथि को इसी नाम का हार्मोन बनाने में मदद करता है।
- नमक क्यों खाया जाता है?
नमक इसलिए खाया जाता है क्योंकि ये शरीर के सम्पूर्ण विकास और क्रियान्वयन के लिए आवश्यक है। ये पाचन क्रिया को सही रखता है ताकि मनुष्य का समग्र स्वास्थ्य सही रहे। शरीर की त्वचा के स्वास्थ्य के लिए भी नमक का सेवन लाभकारी होता है। ये इलेक्ट्रोलाइट के संतुलन को बनाए रखता है ताकि व्यक्ति डिहाइड्रेशन की समस्या से दूर रहे।
- एक दिन में आदमी को कितना नमक खाना चाहिए?
एक दिन में व्यक्ति को 5 ग्राम नमक से अधिक नहीं खाना चाहिए। इतने मनक में मनुष्य को ढाई ग्राम सोडियम मिलता है जो शरीर के लिए पर्याप्त है। लेकिन नमक कितना खाना चाहिए इसका सही उत्तर डाइटीशियन और डॉक्टर की परामर्श पश्चात ही पता चल सकता है। हालांकि व्यक्ति ऐसे कई भोज्य पदार्थों का सेवन करता है जिससे उसकी दैनिक आपूर्ति हो जाती है इसलिए जितना हो सके नमक का सेवन कम करें।
- कौन सी बीमारी में नमक नहीं खाना चाहिए?
हाई बीपी, हृदय रोग और किडनी से जुड़ी कोई समस्या अगर किसी व्यक्ति को है तो उसे नमक नहीं खाना चाहिए। नमक में पाया जाने वाला सोडियम शरीर के लिए वरदान है और अभिशाप भी। इसलिए इन बीमारियों के मरीजों को नमक से परहेज करना चाहिए।
- क्या नमक खाने से बीपी बढ़ता है?
नमक खाने से बीपी नहीं बढ़ता लेकिन नमक का अधिक सेवन करने से बीपी बढ़ जाता है। दरअसल नमक में नाइट्रियम और क्लोराइड पाया जाता है इसे हाई बीपी का एजेंट माना जाता है।
- अगर कोई व्यक्ति नमक खाना बंद कर दे तो क्या होता है?
अगर कोई व्यक्ति नमक खाना बंद कर दे तो शरीर में सोडियम की कमी हो जाती है। इसके अलावा मांसपेशियों में ऐंठन, उल्टी और मतली की शिकायत हो सकती है। अगर कोई व्यक्ति हमेशा के लिए नमक खाना बंद कर दे वो कोमा में भी जा सकता है तथा उसकी मृत्यु भी हो सकती है।
निष्कर्ष
प्रकृति द्वारा दिया गया एक विशेष तत्व जिसे नमक कहते हैं, शरीर के लिए अति आवश्यक है। नमक खाने से आयोडीन की पूर्ति होती है और इस आयोडीन की सहायता से शरीर के कंठ में स्थित तितली के आकार की ग्रंथि थायराइड हार्मोन बनाती है। नमक खाने से ब्लड प्रेशर और हृदय रोग शरीर से कोसों दूर रहते हैं। इसका उचित मात्रा में किया गया सेवन डिहाइड्रेशन को करता है छूमंतर। नमक में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जिसके चलते शरीर को बैक्टीरिया से लड़ने की शक्ति मिलती है। साथ ही व्यक्ति का इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है।
नमक खाने से हृदय रोग, ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर बीमारियां होती हैं जिनका इलाज आपकी आर्थिक स्थिति को चुनौती दे सकता है। इस परिस्थिति में इलाज के लिए पैसे जुटा पाना आपके लिए आसान नहीं होगा। अगर पर्याप्त धन नहीं होने के कारण बीमारी का इलाज संभव नहीं हो पाता तो निश्चित रूप से ये आपके जीवन का सबसे बड़ा संकट काल है। ऐसे में क्राउडफंडिंग एक अच्छा विकल्प हो सकता है। ये आपको ऐसे लोगों से जोड़ता है जो कठिन समय में आपकी मदद कर सकते हैं।























