आज के इस आधुनिक युग में भाग दौड़ भरा जीवन मनुष्य को सुख, साधन, धन, ऐश्वर्य तथा अनेक प्रकार की रिद्धि और सिद्धि प्रदत्त करता है किन्तु एक सुख से वंचित कर देता है – आराम। अगर शरीर की थकान को मिटाने के लिए पर्याप्त समय न मिले तो मनुष्य के शरीर में दर्द बना रहता है। विकास के बढ़ते क्रम में तथा समस्याओं के आम होने के कारण अब शरीर में होने वाले दर्द को भी बीमारियों की श्रेणी में रखा जाता है। इसी में से एक बीमारी सर्वाइकल पेन या सर्वाइकल दर्द बहुत आम परेशानी हो चली है। सर्वाइकल दर्द में मूल रूप से कंधे या गर्दन में दर्द होता है जो आगे चलकर रीढ़ की हड्डी और कमर तक विस्तार कर लेता है।
अगर आपसे यह प्रश्न पूछा जाए कि सर्वाइकल दर्द क्या है तो आप निश्चित ही इसका उत्तर देने में सक्षम नहीं होंगे जो कि एक स्वाभाविक बात है। आपकी इस समय का समाधान इस लेख के माध्यम से निकाल लिया गया है। अर्थात आज के इस लेख में सर्वाइकल दर्द पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है।
आज के इस लेख में सर्वाइकल क्या होता है, सर्वाइकल दर्द क्या है, सर्वाइकल दर्द के लक्षण या सर्वाइकल के लक्षण, सर्वाइकल दर्द के कारण, सर्वाइकल का इलाज, सर्वाइकल दर्द का घरेलू इलाज, सर्वाइकल में क्या खाना चाहिए और निष्कर्ष को सरल-सहज भाषा में सम्मिलित किया गया है।
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सर्वाइकल क्या होता है?

सर्वाइकल असल में रीढ़ की हड्डी का एक महत्वपूर्ण अंग है जिसे सर्वाइकल वर्टिब्रेट्स भी कहते हैं। इस जगह से दर्द पनपने के कारण इसका नामकरण सर्वाइकल दर्द या सर्वाइकल पेन रखा गया है। कम शब्दों में सर्वाइकल क्या होता है को समझना हो तो कह सकते हैं कि यह रीढ़ की हड्डी का एक महत्वपूर्ण भाग है। अगर मजबूती नहीं तो शरीर के विभिन्न अंगों में दर्द होने लगता है।
सर्वाइकल दर्द क्या है?
कम शब्दों में सर्वाइकल दर्द क्या है को समझना हो तो कह सकते हैं कि हड्डियों की एक ऐसी समस्या जिसका उद्गम कंधे और गर्दन से होता है। रीढ़ की हड्डी में उपस्थित सर्वाइकल वर्टिब्रेट के कारण कंधे या गर्दन में दर्द की शिकायत हो तो उसे सर्वाइकल पेन कहते हैं। इस दर्द को सर्वाइकल पेन या सर्वाइकल दर्द के नाम से जाना जाता है। इस प्रकार का दर्द बहुत आम हो चला है। इस दर्द का उद्गम कंधे और गर्दन में दर्द से होता है।
सर्वाइकल दर्द के लक्षण
मेडिकल साइंस ने सर्वाइकल दर्द के लक्षण या सर्वाइकल के लक्षण की पहचान कर ली है जिसकी सहायता से सर्वाइकल का इलाज अब और भी आसान हो गया है।
निम्न बिंदुओं के माध्यम से सर्वाइकल दर्द के लक्षण या सर्वाइकल के लक्षण को विस्तार पूर्वक बताया गया है :
- गर्दन में दर्द : गर्दन में असहनीय पीड़ा, खिंचाव, नस में दबाव, गांठ और गर्दन की गलत अवस्था को संयुक्त रूप से सर्वाइकल दर्द के लक्षण में प्रमुख रूप से शामिल है। सर्वाइकल पेन को ही अमूमन गर्दन में दर्द के नाम से भी जाना जाता है। इसे नेक पैन भी कहते हैं। लेकिन गर्दन में दर्द और कंधे में दर्द का विस्तार रीढ़ की हड्डी और कमर तक भी होता है। अगर पौष्टिक आहार और कसरत की कमी हो तो शरीर की हड्डियों में समस्याएं पैदा होने लगती है। कंधा, कमर, घुटना, गर्दन में दर्द आदि प्रकार के दर्द में असहनीय पीड़ा होने लगती है।
- गर्दन का अकड़ जाना : गर्दन के अकड़ जाने पर उसे हिलाने और डुलाने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। गर्दन का अनावश्यक उपयोग और गलत अवस्था में सोना से गर्दन अकड़ जाती है। इसे स्टिफ नेक भी कहते है। यह सर्वाइकल के लक्षण में प्रमुख रूप से शामिल किया जाता है।
- गर्दन में गांठ : गर्दन में एक उभार दिखने लगता है। दरअसल यह एक गांठ है जो आपके गर्दन में बन जाती है। यह सर्वाइकल के लक्षण में प्रमुख रूप से शामिल किया जाता है।
- गर्दन की मांसपेशियों में दर्द : गर्दन की मांसपेशियों में एक अजीब सा खिंचाव होने लगता है। इस खिंचाव के कारण एक असहनीय पीड़ा भी होती है। गर्दन की मासंपेशियों कठोर भी हो जाती है और मांसपेशियों में एक असहनीय पीड़ा होने लगती है जिसे मांसपेशियों का दर्द भी कहते हैं। इसका एक अन्य नाम मांसपेशियों में ऐंठन भी है। मेडिकल टर्मिनोलॉजी में इसे मसल क्रैम्प भी कहते हैं।
- कंधे में दर्द : गर्दन का दर्द अपना व्यापक विस्तार करते हुए कंधे को भी अपनी चपेट में ले लेता है। इसके अतिरिक्त उँगलियों और बाहों में भी एक असहनीय पीड़ा होने लगती है।
- चक्कर आना : सिर चकराना, सिर घूमना या चक्कर आना इसका प्रमुख संकेत है। मरीज को ऐसा प्रतीत होता है कि दुनिया उसके चारों ओर घूम रही हो। इस कारण वह अपना संतुलन भी खो सकता है अर्थात चक्कर खाकर गिर सकता है। इसे डिज़ीनेस भी कहते हैं।
- सिर में दर्द : सिर में एक असहनीय पीड़ा या दर्द होना भी सर्वाइकल का प्रमुख संकेत है।
- खाना निगलने में कठिनाई : गर्द का दर्द इतना गंभीर हो जाता है कि खाना खाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। खाने का निवाला गटकने में समस्या आने लगती है। हालांकि यह सर्वाइकल दर्द के संकेतों या लक्षणों में नहीं आता लेकिन दर्द की गंभीरता के कारण यह समस्या पैदा हो सकती है।
- झुनझुनी चढ़ना : आपकी उँगलियों, हाथ या बाहों में झुनझुनी चढ़ने लगती है। साथ ही अतिरिक्त हाथ, ऊँगली या बांह सुन्न भी हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त एक ऐसी चुभन की अनुभूति होती है जैसे किसी ने सुई चुभा दी हो।
हालांकि घबराने जैसी कोई बात नहीं है। तकनीक और औद्योगिकीकरण के साथ मिल कर मेडिकल साइंस ने सर्वाइकल दर्द क्या है समस्या का समाधान खोज लिया है। दर्द की परिभाषा से उसके लक्षण की पहचान आसानी से हो सकती है। परिभाषा और लक्षण संयुक्त रूप से मेडिकल इलाज के मार्ग को आसानी से प्रशस्त करते है। अगर समस्या गंभीर न हो तो घरेलू इलाज भी असरकारक होता है।ध्यान रहे कि सर्वाइकल दर्द क्या है और सर्वाइकल क्या है की जानकारी न हो पाने के कारण सर्वाइकल दर्द के लक्षण जैसी महत्वपूर्ण जानकारी का लोगों में अभाव है। जानकारी का भाव होने के कारण लोग सर्वाइकल दर्द के लक्षण की पहचान आसानी से नहीं कर सकते। आज के समय में यह समस्या आम हो चली है इसलिए सर्वाइकल के लक्षण को कैसे पहचाने इस हेतु जागरूकता और सतर्कता की आवश्यकता है।
सर्वाइकल दर्द के कारण
अगर कोई व्यक्ति लगातार कुर्सी पर बैठा रहता है तो इसे सर्वाइकल दर्द के कारण में गिना जाता है। इसके अतिरिक्त एक ही अवस्था में बैठे रहने या जटिल अवस्था में सोने के कारण को भी सर्वाइकल दर्द के कारण में शामिल किया जाता है।
सर्वाइकल दर्द के कारण निम्नलिखित हैं :
- अनावश्यक बैठे रहना : एक ही अवस्था में लगातार बैठे रहना और अपनी अवस्था में कोई परिवर्तन न करना जैसे की डेस्क जॉब में आदमी लगातार कुर्सी पर बैठा रहता है। यह अनियमित आचरण सर्वाइकल दर्द के कारण में शामिल होती है। इसके अतिरिक्त जो अस्वथा शरीर के लिए उचित न हो उस गलत अवस्था में लगातार बैठे रहना भी सर्वाइकल दर्द को जन्म देती है।
- गलत मुद्रा में बैठना और सीधे न खड़े रहना : ऐसी मुद्रा में बैठना जिस कारण रीढ़ की हड्डी सीधी न रहे अर्थात बैठते समय रीढ़ की हड्डी को सीधा नहीं रखना या गलत मुद्रा में बैठना भी सर्वाइकल दर्द के कारण में सबसे प्रमुख कारण है। खड़े रहने की मुद्रा में अगर रीढ़ की हड्डी सीढ़ी नहीं है तो ऐसी अवस्था में सर्वाइकल दर्द होने की संभावना बहुत अधिक रहती है।
- गर्दन झुकी रहना : डेस्क जॉब के समय कम्प्यूटर या लैपटॉप स्क्रीन पर नजर गढ़ाए रखने के कारण गर्दन हमेशा झुकी रहती है जिस कारण सर्वाइकल पेन या सर्वाइकल दर्द होता है। अपने काम के समय गर्दन को लगातार झुकाए रखना सर्वाइकल दर्द के कारण में गिना जाता है।
- गलत मुद्रा में सोना : सोने से भले आराम मिलता है लेकिन गलत मुद्रा में सोने से भी सर्वाइकल पेन हो सकता है। किसी गलत अवस्था में लगातार विश्राम करना, करवट लेना या सोना भी सर्वाइकल दर्द के कारण में शामिल होता है।
- सिर पर भार उठाना : अपनी क्षमता के अनुरूप भार ढोना या अपनी क्षमता से अधिक सिर पर बोझ उठाने से सर्वाइकल पेन होने की संभावना बहुत अधिक रहती है। सिर पर अधिक भार होने के कारण गर्दन और रीढ़ पर दबाव बढ़ने लगता है और सर्वाइकल पेन जन्म ले लेता है।
- उम्र की दहलीज पार कर लेने पर : उम्र की एक अवस्था पार कर लेने के कारण भी सर्वाइकल दर्द होता है अर्थात वृद्धावस्था में यह समस्या अधिकतर होती है। लेकिन हाल के समय में सर्वाइकल दर्द ने युवाओं को भी अपनी चपेट में लिया है।
- स्ट्रेस के कारण : तनाव, चिंता के कारण भी सर्वाइकल दर्द या सर्वाइकल पेन होता है। स्ट्रेस के अनेक कारण हो सकते हैं।
वैश्वीकरण और निजीकरण के चलते कुर्सी पर बैठने वाला रोजगार जिसे डेस्क जॉब भी कहते हैं, वह सर्वाइकल दर्द के कारण में शामिल है। डेस्क जॉब में आदमी कुर्सी पर लगातार बैठा रहता है तथा कम्प्यूटर या लॅपटॉप की स्क्रीन पर नज़रें गधा कर रखता है। यह बैठने की प्रक्रिया कम से कम आठ घंटे की होती है। उसे विश्राम करने के लिए स्वीकृति नहीं मिलती और परिणामस्वरूप यही डेस्क जॉब सर्वाइकल दर्द के कारण में सबसे प्रमुख कारण बन जाता है। कम शब्दों में समझें तो अनियंत्रित और अनियमित जीवनशैली ही सर्वाइकल दर्द के कारण में रूपायित होती है।
सर्वाइकल का इलाज
सर्वाइकल दर्द या सर्वाइकल पेन के इलाज में गंभीर समस्या होने पर डॉक्टर की सलाह और परामर्श अनिवार्य है ताकि मरीज को शीघ्र आराम मिल सके। हड्डियों से जुड़ी समस्या होने के कारण अस्थि रोग विशेषज्ञ अर्थात हड्डियों के डॉक्टर को दिखाना अनिवार्य हो जाता है।
गंभीर समस्या होने पर सर्वाइकल का इलाज इस प्रकार किया जाता है :
- योग में छिपा है समाधान : योग में हरेक बीमारी का उपचार बताया गया है। सर्वाइकल दर्द के लिए भुजंगासन और बालासन करने से सर्वाइकल दर्द ठीक हो जाता है। नियमित ध्यान करने से भी आराम मिलता है।
- तिल के तेल से मालिश : गर्म तिल का तेल सर्वाइकल पेन या सर्वाइकल दर्द में बहुत लाभकारी होता है। ऐसा करने से मांसपेशियों के दर्द से राहत मिलती है और रक्त का संचार भी ठीक होता है। आप चाहे तो नारियल या फिर जैतून का तेल भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
- इप्सम नमक से स्नान : गर्म पानी में इप्सम नमक(इप्सम साल्ट) मिलाकर स्नान करने से सर्वाइकल पेन या सर्वाइकल दर्द की समस्या से राहत मिल जाती है। इप्सम नमक में मैग्नीशियम और सल्फेट होता है जो मांसपेशियों का दर्द कम करने में अति सहायक होता है।
सर्वाइकल दर्द के घरेलू इलाज
अगर सर्वाइकल दर्द की समस्या गंभीर न हो तो घरेलू उपायों की सहायता से भी इसे ठीक किया जा सकता है। आइए सर्वाइकल पेन या सर्वाइकल दर्द के घरेलू उपचार को आत्मसात कर जीवन को फिर से सुंदर बनाने का प्रयास करें। आसानी से प्रयोग में लाये जाने वाले घरेलू उपायों की सहायता से सर्वाइकल दर्द से हमेशा हमेशा के लिए मुक्ति मिल सकती है।
सर्वाइकल दर्द के घरेलू इलाज निम्नलिखित हैं :
- गर्म पानी से सिकाई : हॉट वाटर बैग में गर्म पानी भरकर सिकाई करने से राहत मिलती है। आप चाहे तो एक बोतल में गर्म पानी भरकर उसे तौलिया या कपड़े में लपेट काट भी सिकाई कर सकते हैं।
- आइस पैक से सिकाई : आइस पैक से सिकाई करने पर शीघ्र ही आराम मिलता है। आप चाहें तो ठंडे पानी में तौलिया भिगो कर उसे निचोड़ ले फिर उससे सिकाई कर सकते हैं।
- गर्दन को धीरे-धीरे हिलाये : जितना आपसे संभव हो सके उतना अपनी गर्दन को हिलाने डुलाने की कसरत करें। लेकिन इस कसरत को करते समय बहुत सावधानी बरतनी चाहिए ताकि कोई अंदरूनी मोच न आए।
- सही खड़े रहें और सीधे बैठे : बैठते समय और खड़े रहने की मुद्रा में अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा और तना हुआ रखें। गर्दन को भी अधिक समय तक झुका कर न रखें।
सर्वाइकल में क्या खाना चाहिए
यह भी जानें कि सर्वाइकल में क्या खाना चाहिए :
- हल्दी वाला दूध : दूध में हल्दी मिलाकर पीने से सर्वाइकल पेन और गले में दर्द ठीक हो जाता है।
- त्रिफला चूर्ण : त्रिफला पाउडर का सेवन सर्वाइकल पेन या सर्वाइकल दर्द के समय अत्यंत फायदेमंद होता है।
- हरी सब्जी : पत्तेदार सब्जी और हरी सब्जी जैसे पालक, लौकी, बथुआ, लाल साग, लौकी आदि खाने से आयरन, मैग्नीशियम, पोटेशियम, फोलेट और कैल्शियम जैसे पोषक तत्व मिलते हैं जो सर्वाइकल पेन को समाप्त करने में सहायक होते हैं।
- दूध, दही और पनीर : दूध और दही में कैल्शियम होता है जो हड्डियों को चट्टान जैसी मजबूती देता ताकि आपका शरीर चुस्त और दुरुस्त रहे। इसमें विटामिन डी भी भरपूर मात्रा में मिलता है जो हड्डियों के लिए अच्छा होता है।
- अश्वगंधा : अश्वगंधा में अनेक औषधीय गुण होते हैं इसलिए इसे खाने से सर्वाइकल पेन जल्दी ठीक हो जाता है।
निष्कर्ष
कंधे, कमर, घुटने के दर्द के बारे में सभी जानते हैं लेकिन सर्वाइकल दर्द क्या है इस विषय के बारे में लोग अभी भी अनभिज्ञ हैं। इसके पीछे का कारण सर्वाइकल क्या होता है इसकी जानकारी न होना भी बताया जाता है। मेडिकल साइंस के इतिहास में झांके तो ये पता चलता है कि दर्द को कभी भी रोग की श्रेणी में नहीं रखा गया। शायद यही कारण है की लोगों को सर्वाइकल दर्द क्या है इसकी पर्याप्त जानकारी नहीं रही। यह समस्या इसलिए भी बनी क्योंकि लोगों को सर्वाइकल क्या होता है इस बारे में सम्पूर्ण जानकारी नहीं है। घर बनवाते समय अगर मिस्त्री से सलाह ली जाए तो वो क्या कहेगा? यही की नींव मजबूत हो तो घर भी मजबूत होता है। यही हाल आपके शरीर का भी है। हड्डियां हमारे शरीर की नींव है। अगर ये मजबूत हैं तो शरीर भी चुस्त और दुरुस्त है।अगर हड्डियां ही मजबूत न हो तो शरीर एक कमजोर ढांचा मात्र रह जाएगा जो कभी भी ढह सकता है। हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए चाहिए विटामिन के और कैल्शियम जो अच्छी और पौष्टिक आहार से प्राप्त हो सकती है। साथ ही कसरत, व्यायाम, योग, ध्यान और अन्य शारीरिक गतिविधियां जो इसे सक्रिय और मजबूत बनाती है ताकि मनुष्य अपने दैनिक गतिविधियों का निर्वाह आसानी से कर सके।